2002 के बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 11 दोषियों में से एक, जिसे पिछले साल समय से पहले रिहा कर दिया गया था, गुजरात में एक सरकारी कार्यक्रम में एक बीजेपी सांसद और एक विधायक के साथ मंच साझा करते हुए देखा गया है। सजायाफ्ता बलात्कारी को दाहोद के भाजपा सांसद जसवंतसिंह भाभोर और उनके भाई शैलेश भाभोर के साथ जल आपूर्ति योजना के शुभारंभ में भाग लेते देखा गया।
कार्यक्रम के वीडियो और तस्वीरों में बिलकिस बानो केस के दोषी शैलेश चिमनलाल भट्ट को सांसद जसवंत सिंह भाभोर और विधायक शैलेश भाभोर के साथ मंच पर देखा जा सकता है। उसे इस इवेंट में उनके साथ फोटो खिंचवाते और पूजा में हिस्सा लेते देखा गया।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा करते हुए बिलकिस बानो के बलात्कारी की एक तस्वीर ट्विटर पर साझा की और कहा कि “इन राक्षसों को वापस जेल में देखना चाहती हूं और चाबी दूर फेंक देना चाहती हूं। मैं इस शैतानी सरकार को, जो न्याय का मजाक बनाती है, इसे उखाड़ फेंकना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि भारत फिर से अपना नैतिक मार्गदर्शन वापस पाए”।
Bilkis Bano's Rapist Shares Stage With Gujarat's BJP MP, MLA.
I want to see these monsters back in jail & the key thrown away. And I want this satanic government that applauds this travesty of justice voted out. I want India to reclaim her moral compass. pic.twitter.com/noaoz1c7ZW
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 26, 2023
मालूम हो कि 25 मार्च को दाहोद से बीजेपी सांसद जसवंत सिंह भाभोर और उनके भाई लिमखेड़ा से विधायक शैलेश भाभोर ने एक ग्रुप वाटर सप्लाई स्कीम के लॉन्च में शामिल हुए थे। इस दौरान उनके साथ मंच पर बिलकिस बानों से गैंगरेप का दोषी शैलेश भट्ट भी बैठा हुआ था।
बता दें कि 2002 के गोधरा कांड के बाद बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को पिछले साल अगस्त में गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्हें गुजरात सरकार की छूट नीति के तहत रिहा किया गया था। बिलकिस बानो मामले में बलात्कारियों की रिहाई के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका पर केंद्र, गुजरात सरकार और 11 दोषियों को नोटिस जारी किया। जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने नोटिस जारी किए और मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख तय की। बेंच ने दोषियों द्वारा किए गए अपराध को भयावह बताया और कहा कि वह इस मामले में भावनाओं के साथ सुनवाई के बजाय कानून के विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगा। सुनवाई के दौरान, पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि क्या छूट देने से पहले उनसे परामर्श किया गया था। इस पर एएसजी ने पीठ को बताया कि केंद्र से विधिवत परामर्श किया गया था। इस पर न्यायमूर्ति जोसेफ ने गुजरात सरकार के वकील से कहा कि दोषियों की रिहाई से संबंधित सभी फाइलें सुनवाई की अगली तारीख पर तैयार रखें।