कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि वह सांसद हैं और उन्हें उम्मीद है कि उन्हें संसद में अपना पक्ष रखने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा- “मैं आज सुबह संसद में इस विचार के साथ गया था कि मैं सदन में कैसा महसूस कर रहा हूं। यह मेरा अधिकार है कि मुझे सदन में बोलने की अनुमति दी जाए। मैंने अध्यक्ष से बोलने का अनुरोध किया। मैंने उनसे कहा कि मैं संसद में बोलना चाहता हूं। अपनी बात रखना चाहता हूं। सरकार के चार मंत्रियों ने सदन में मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं इसलिए मुझे मेरी बात रखने देनी चाहिए। हालांकि मुझे नहीं लगता कि मुझे बोलने दिया जाएगा’। गांधी ने कहा कि, ‘आज मेरे आने के 1 मिनट के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया’।
राहुल ने कहा कि, कुछ दिनों पहले नरेंद्र मोदी जी और अडानी जी के बारे में मैंने जो सवाल पूछे, उस भाषण को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। उसकी सारी बातें मैंने पब्लिक डोमेन से निकाली थी। सरकार अडानी जी वाले मामले से डरी हुई है। पीएम मोदी कई सवालों के जवाब देने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह सवाल है कि अडानी और नरेंद्र मोदी जी का रिश्ता क्या है?
सरकार के 4 मंत्रियों ने मेरे ऊपर सदन में आरोप लगाया है तो मेरा हक है कि मैं सदन में अपनी बात रखूं।
आज मेरे आने के बाद ही सदन को स्थगित कर दिया गया और मुझे लगता है कि ये मुझे कल भी सदन में बोलने नहीं देंगे।
ये पूरा मामला अडानी के मुद्दे से ध्यान भटकाने का है।
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— Congress (@INCIndia) March 16, 2023
राहुल ने अपने यूके दौरे के दौरान ये बयान दिया था-
– राहुल ने जर्नलिस्ट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कहा था, ‘अगर यूरोप से तीन या 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र खत्म हो जाता है, तो आप कैसे रिएक्ट करेंगे। असल में भारत में ऐसा हो चुका है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। इसकी वजह यह है कि कारोबार और पैसे का मामला है। अमेरिका से आबादी में तीन से 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है और इसकी रक्षा करने का दावा करने वाले अमेरिका और यूरोप चुपचाप देख रहे हैं। विपक्ष के तौर पर हम लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह अकेले भारत की जंग नहीं है। यह पूरे लोकतंत्र का एक संघर्ष है’।
– राहुल ने कैम्ब्रिज में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। हम लोग एक निरंतर दबाव महसूस कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं पर केस किए जा रहे हैं। मेरे ऊपर कई केस किए गए। ऐसे मामलों में केस किए गए, जो बनते ही नहीं। हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो गया है। दलित और अल्पसंख्यकों पर, आदिवासियों पर हमले हो रहे हैं। संसद में बोलने नहीं दिया जाता। विपक्षी नेता जब बोलते हैं तो उनके माइक बंद कर दिए जाते हैं। भारत में किसी भी यूनिवर्सिटी में मुझे बोलने नहीं दिया जाता’।
इससे पहले गुरुवार दिन में राहुल गांधी ने संसद में भाग लिया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से बोलने और अपना बचाव करने के लिए समय मांगा। साथ ही, सत्तारूढ़ दल बीजेपी की मांग के बारे में पूछे जाने पर वायनाड के सांसद ने कहा, “मैंने (लंदन सेमिनार में) भारत विरोधी कुछ भी नहीं बोला। अगर वे इजाजत देंगे तो मैं संसद के अंदर बोलूंगा”।
बता दें कि गांधी द्वारा विदेशी जमीन पर की गई टिप्पणी को लेकर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच भारी हंगामा हो रहा है। बीजेपी ने मांग की है कि राहुल गांधी विदेशी धरती पर भारत का अपमान करने के लिए संसद में माफी मांगें तो वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अडानी-हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहे हैं।