राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने एक संसदीय समिति से कांग्रेस और आप के 12 विपक्षी सांसदों के आचरण की जांच करने के लिए कहा है। उन्होंने इन सदस्यों द्वारा सदन के वेल में बार-बार घुसने, नारेबाजी करने और सदन की कार्यवाही बाधित करके कथित रूप से विशेषाधिकार का हनन करने के मामले की जांच करने को कहा है। राज्यसभा के बुलेटिन के मुताबिक, नौ सांसद कांग्रेस से और तीन आम आदमी पार्टी (आप) से हैं।
कांग्रेस सांसदों में जिनका नाम है, वे हैं- शक्तिसिंह गोहिल, नारनभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमंथैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशाम और रंजीत रंजन। वहीं आप सदस्यों में संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक शामिल हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, “हमने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जो विशेषाधिकार के उल्लंघन के बराबर हो। हमने केवल सच्चाई बताई है और करोड़ों आम लोगों से जुड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है।” उन्होंने कहा, “जब हमें नोटिस मिलेगा, हम इसका जवाब देंगे।”
इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम ना छपने की शर्त पर कहा कि, ‘कुछ सदस्यों ने शिकायत की थी कि कुछ सांसदों द्वारा बार-बार व्यवधान डालना उनके विशेषाधिकार का हनन है। चूंकि सदस्य सीधे विशेषाधिकार समिति को शिकायत नहीं कर सकते हैं, इसलिए मामला सभापति के पास आया, जिन्होंने नियम के अनुसार इसकी जांच करने के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दिया’।
18 फरवरी के बुलेटिन में, राज्यसभा सचिवालय ने कहा, “…सभापति …ने (सांसदों) द्वारा प्रदर्शित घोर अव्यवस्थित आचरण से उत्पन्न विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन के एक प्रश्न का उल्लेख किया है…। विपक्षी सांसदों ने बार-बार परिषद के वेल में प्रवेश करके, नारेबाजी करके और लगातार और जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाली थी। वे सभापति को सदन की बैठक को बार-बार स्थगित करने के लिए मजबूर कर रहे थे। ऐसा करना राज्य सभा के नियम और शिष्टाचार के विरुद्ध है”।
इस महीने के शुरू में संपन्न हुए संसद के बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण राज्यसभा में बार-बार व्यवधान देखा गया।
एक अन्य नोटिस में, राज्यसभा सचिवालय ने कहा, “…सदस्यों को सूचित किया जाता है कि राज्यसभा के सभापति ने अध्यक्ष के निर्देशों का बार-बार पालन न करने से उत्पन्न विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन के एक प्रश्न का उल्लेख किया है। संजय सिंह, सदस्य, राज्य सभा द्वारा नियम 267 के तहत राज्यों की परिषद (राज्य सभा) के प्रक्रिया और कार्य संचालन में व्यवधान पैदा किया है. इस संबंध में समिति निर्णय ले सकती है”।