केंद्र सरकार ने पुलिस बल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर 33 प्रतिशत करने के लिए राज्यों को कई सलाह जारी किए हैं, लेकिन 1 जनवरी 2022 तक उनकी वास्तविक संख्या 11.75 प्रतिशत थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ये जानकारी राज्यसभा में दी है। उन्होंने बताया है कि गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल 2013, 21 मई 2014, 12 मई 2015, 21 जून 2019, 22 जून 2021 और 13 अप्रैल 2022 को सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी कर महिला पुलिस का प्रतिनिधित्व कुल संख्या के 33 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कहा है।
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2022 तक भारत के पुलिस बल में महिलाओं की वास्तविक संख्या 11.75 प्रतिशत है।
गृह राज्यमंत्री ने बताया है कि लद्दाख में पुलिस बल में महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक (28.3 प्रतिशत) है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (21.7 प्रतिशत), चंडीगढ़ (21.6 प्रतिशत), बिहार (21.2 प्रतिशत) और तमिलनाडु (19.1 प्रतिशत) का स्थान है। पुलिस में महिलाओं की सबसे कम हिस्सेदारी वाले राज्य जम्मू और कश्मीर (3.2 प्रतिशत), त्रिपुरा (5.29 प्रतिशत) और मेघालय (5.9 प्रतिशत) हैं।
मंत्री ने कहा कि सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि कांस्टेबलों और उपनिरीक्षकों के रिक्त पदों को परिवर्तित कर महिला कांस्टेबलों, उपनिरीक्षकों के अतिरिक्त पद सृजित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यह है कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन में कम से कम तीन महिला उप-निरीक्षक और 10 महिला पुलिस कांस्टेबल हों, ताकि महिला हेल्प डेस्क चौबीसों घंटे काम कर सके।