IMF की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने चेतावनी दी है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक तिहाई हिस्सा मंदी की चपेट में रहेगा और साल 2023, 2022 की तुलना में ‘कठिन’ होगा। इसके पीछे की वजह बताते हुए क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन में मंदी आने की वजह से ऐसा होगा। उन्होंने कहा, “यहां तक कि जो देश मंदी की चपेट में नहीं हैं, वहां भी करोड़ों लोगों को मंदी जैसा महसूस होगा।”
Third of world in recession this year, IMF head warns https://t.co/LCjmIg8kLE
— BBC News (World) (@BBCWorld) January 2, 2023
जॉर्जीवा ने CBS न्यूज़ के कार्यक्रम ‘फेस द नेशन’ में कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक तिहाई मंदी में होगा।”
आईएमएफ प्रमुख ने चेतावनी दी कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को 2023 तक एक कठिन शुरुआत का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि “अगले कुछ महीनों के लिए, यह चीन के लिए कठिन होगा, और चीनी विकास पर इसका प्रभाव नकारात्मक होगा। वैश्विक विकास पर भी प्रभाव नकारात्मक रहेगा”। उनकी ये चेतावनी रूस-यूक्रेन युद्ध, बढ़ती कीमतों, उच्च ब्याज दरों और चीन में कोविड-19 महामारी की नई लहर के ग्लोबल इकोनॉमी पर दबाव के रूप में आई है।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘जीरो-कोविड पॉलिसी के कारण चीन 2022 में काफी स्लो हो गया है। 40 वर्षों में पहली बार 2022 में चीन की की ग्रोथ ग्लोबल इकोनॉमी के औसत से नीचे रहने की संभावना है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ’। आईएमएफ प्रमुख की ये टिप्पणियां दुनिया भर के लोगों के लिए अलार्मिंग होंगी।
अक्टूबर 2022 में, यूक्रेन में युद्ध के साथ-साथ दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के प्रयास के कारण आईएमएफ ने 2023 के लिए अपने वैश्विक आर्थिक विकास के दृष्टिकोण में कटौती की थी। तब से चीन ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म कर दिया है और अपनी इकोनॉमी को फिर से खोलना शुरू कर दिया है। यहां तक कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल गया है।
बता दें कि आईएमएफ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसके 190 सदस्य देश हैं। वे वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की कोशिश करने के लिए मिलकर काम करते हैं।