अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई झड़प का मुद्दा बहुत गरमाया हुआ है। विपक्ष इस पर सदन में चर्चा की मांग पर अड़ा है। विपक्ष ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी अतिक्रमण और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ताजा हालात के बारे में कार्यस्थगन नोटिस के जरिए चर्चा कराने की मांग रखी थी। निवेदन खारिज किए जाने के विरोध में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सोमवार को राज्यसभा से वाकआउट किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इनमें से कोई भी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तवांग में चीन सेना के साथ झड़प पर चर्चा की मांग की तो जवाब में सरकार की ओर से पीयूष गोयल ने कहा कि ऐसा करके खरगे सदन की नहीं, अपनी गरिमा गिरा रहे हैं।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपके पास रेसिड्यूरी पावर है, उसी के तहत आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम आपसे आग्रह करते हैं कि चीन अतिक्रमण कर रहा है, वहां घर बना रहा है पुल बना रहा है. वह वहां तोपखाने बना रहा है, यह महत्व का मुद्दा है। अगर इसपर चर्चा नहीं करेंगे तो किसपर करेंगे? रूल को सस्पेंड करें और इसपर चर्चा करें।
Winter session of Parliament | They (China) are encroaching on our land. If we don't discuss this issue then what else should we discuss? We are ready for discussion on this issue in the House: LoP in Rajya Sabha, Mallikarjun Kharge pic.twitter.com/4zHZcbfFzo
— ANI (@ANI) December 19, 2022
इस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज सदन में विपक्ष की निराशा दिखाती है कि वह नियम में भरोसा नहीं रखते हैं। विपक्ष संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहता। चीन के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान बेहद संवेदनहीन है। विपक्ष को सदन चलने देना चाहिए। अब बहुत निचले स्तर की राजनीति हो रही है। हाउस को नजरअंदाज किया जा रहा है।
Today, the joint Opposition staged a walkout from Rajya Sabha as their notice to hold a discussion on the India-China border clash was disallowed. https://t.co/TkJfp213Ow
— ANI (@ANI) December 19, 2022
लोकसभा में ऐंटी-मैरिटाइम पायरेसी बिल, 2019 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने चीन का मुद्दा उठाया। चौधरी ने कहा कि चीन की रणनीति दो समुद्रों पर प्रभुत्व स्थापित करने की है। साउथ चाइना सी उसके कब्जे में है और हिंद महासागर पर उसकी नजरें हैं। सत्ता-पक्ष के आपत्ति जताने पर चौधरी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को घसीट लिया। चौधरी ने कहा कि अगर जयशंकर यह कह दें कि मैं गलत हूं तो अभी बैठ जाऊंगा। इसके बाद कांग्रेस सांसद ने रूसी तानाशाह जोसेफ स्टालिन के कथन का जिक्र किया। इसपर विदेश मंत्री ने कहा कि ‘कांग्रेस नेता अगर स्टालिन को कोट कर रहे हैं तो यह बात नोट करनी चाहिए।’ चौधरी ने कहा कि स्टालिन का नाम उन्होंने इसलिए लिया क्योंकि शी जिनपिंग उन्हीं के वंशज है।
सोमवार को राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सदस्यों को नियम समझाए। धनखड़ ने नियम 267 के तहत नौ नोटिस मिलने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह पहले भी सदस्यों को इस बारे में समझा चुके हैं कि इस नियम के तहत कुछ शर्तों का पूरा करना जरूरी है। सभापति ने कहा कि उन्हें दुख होता है कि सदस्य नियमों का पालन किए बिना नोटिस थमा देते हैं। उन्होंने कहा कि यह सदन विभिन्न मुद्दे उठाने के लिए है, लेकिन नियमों के दायरे में।
इससे पहले कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन, डॉ अमी याज्ञनिक, जेबी माथेर और सैयद नसीर हुसैन ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया था तो वहीं लोकसभा में भी चीन सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था।
मालूम हो कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है, जबकि भारत सरकार सोई हुई है। उन्होंने कहा था कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। अरुणाचल प्रदेश में हमारे जवानों को पीटा जा रहा है।