2024 के आम चुनाव में तो अभी लंबा वक़्त है लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज इशारों इशारों में अपने पत्ते खोल दिए हैं। गुरुवार को कन्नौज आए अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट से खुद की उम्मीदवारी का संकेत दिया। सपा प्रमुख ने कहा कि हमारा काम ही चुनाव लड़ना है। जहां पहले चुनाव लड़े, वहां फिर चुनाव लड़ेंगे। जाहिर है कि अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से ही पहला चुनाव लड़ा था और जीता था।
#WATCH हमारा काम चुनाव लड़ना है। जहां पहला चुनाव लड़े थे वहां फिर चुनाव लड़ेंगे। कन्नौज की सीट खाली है तो हम क्या करेंगे: 2024 में कन्नौज से चुनाव लड़ने पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, कन्नौज pic.twitter.com/d6vw7KtW7E
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2022
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कन्नौज पहुंचे थे। पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा- कन्नौज की बजाय डिंपल यादव को मैनपुरी से चुनाव लड़ा रहे हैं? इस सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि, ‘2024 में भी चुनाव है’। पत्रकारों ने पूछा – क्या आप कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे? इस पर अखिलेश ने कहा, ‘क्यों, 2024 में हम क्या करेंगे? हमारा काम ही चुनाव लड़ना है। जहां पहले चुनाव लड़े, वहां फिर चुनाव लड़ेंगे।’ पत्रकारों ने फिर उनसे पूछा- आप कन्नौज से ही चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, ‘ये तो पार्टी की तरफ से तय किया जाएगा। कन्नौज खाली है तो उसमें क्या करेंगे हम। कन्नौज का चुनाव लड़ा जाएगा, पार्टी चुनाव लड़ेगी’।
मालूम हो कि डिंपल यादव कन्नौज सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं और वह इस सीट से सांसद रह चुकी हैं। बीते दिनों डिंपल यादव के मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ने के एलान के बाद से सपा के कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। लेकिन अखिलेश यादव के आज के बयान से स्थिति अब थोड़ी साफ़ दिख रही है।
बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साल 2000 में कन्नौज लोकसभा सीट से पहली जीत हासिल की थी। अखिलेश साल 2000 में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कन्नौज से सांसद बने थे। साल 2004 और 2009 में भी अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। साल 2012 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था और फिर उनकी पत्नी डिंपल यादव 2012 में इसी सीट से निर्विरोध सांसद चुनी गई थीं। साल 2014 के चुनाव में भी डिंपल यादव ने यहां से जीत हासिल की थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। वर्तमान में अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक हैं।