भड़काऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को आज कोर्ट से राहत नहीं मिली। रामपुर की एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने आजम खान को मिली तीन साल की सजा के खिलाफ की गई अपील को रद्द कर दिया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया। इसके साथ ही अब रामपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। अब 11 नवंबर को रामपुर नगर विधानसभा के उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
मालूम हो कि सबसे पहले रामपुर कोर्ट ने ही इस मामले में आजम खान को दोषी मानते हुए उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी और साथ ही साथ उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द कर दी थी। उसके बाद सेशन्स कोर्ट में रामपुर कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी गई थी लेकिन आज आज़म खान को सेशन कोर्ट से भी राहत नहीं मिली।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द किये जाने के खिलाफ लगाई गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई की थी। अदालत ने कहा था कि आजम खान को उचित मौका दिया जाना चाहिए। अदालत ने रामपुर सेशन कोर्ट को आजम खान की अर्जी पर गुरुवार को ही सुनवाई करने का निर्देश भी दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज इस मुद्दे पर सुनवाई हुई और अदालत ने आज़म खान की याचिका को खारिज कर दिया।
आजम खान को 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर टिप्पणियों के आरोप में दोषी ठहराया गया था। रामपुर की एक अदालत ने नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में पिछले महीने आजम ख़ान को तीन साल कैद और 2000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। 27 अक्टूबर को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और रैम्प के तहत उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था. उनकी सजा के बाद यूपी विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने उनकी अयोग्यता और रामपुर सदर सीट के खाली होने की घोषणा की। इसको आज़म ख़ान ने चुनौती दी थी।
अभी निर्वाचन आयोग ने रोकी हुई है रामपुर विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना-
निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रामपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 10 नवंबर को जारी होने वाली अधिसूचना को अगले आदेश तक जारी नहीं करने का फैसला किया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने द्वारा जारी एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आजम खान बनाम निर्वाचन आयोग मामले में हुई सुनवाई में दिए गए निर्देश के मद्देनजर आयोग ने रामपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 10 नवंबर को प्रकाशित होने वाली अधिसूचना को अगले आदेश तक जारी नहीं किए जाने का निर्णय लिया है।
क्या है पूरा मामला?
आजम खान को जिस मामले में सजा हुई है वो 2019 लोकसभा चुनाव के समय का है। आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक जनसभा के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी। उसके बाद रामपुर की एक अदालत ने आजम को दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल की सजा दी गई।
आजम खान की विधानसभा सदस्यता इसलिए रद्द की गई थी क्योंकि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के मुताबिक सजा की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी रहती है।