वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बार की बनारस की यात्रा सवालों और बवालों के घेरे में लामबंद हो गई है। यूं तो मोदी बनारस के सांसद भी है लेकिन यहां की जनता अपने सांसद से कम और देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा मिलती हैं। जब कहीं देश में चुनाव नजदीक होते है प्रधानमंत्री मोदी का बनारस में तूफानी दौरा और योजनाओं का पिटारा खुल जाता है। बतौर सांसद उनकी रुचि अपने संसदीय क्षेत्र को लेकर काफी नहीं है,और इसका फायदा यहां के नौकरशाह बखूबी उठा रहे है। कभी जनता से बदसलूकी और कभी उत्पीड़न मिनी PMO के द्वारा सुनने वाला कोई नहीं।
इस बार तो मामला स्मार्ट सिटी के तौर पर घोषित बनारस के आवो हवा और स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार जहाँ एक तरफ देश मे हरयाली महोत्सव मना रही है तो वहीं दूसरी तरफ शहर में दर्जनों पेड़ केवल इसलिए काट डाले गए ताकि प्रधानमंत्री की सभा में कोई कमी ना रह जाएं। इस कारनामें का जमकर विरोध हुआ।
कांग्रेस की तरफ से सिगरा थाने के सामने सुभाषचन्द्र बोस की मूर्ति के पास नेताओं ने इकट्ठा होकर सिगरा स्टेडियम में काटे गए पेड़ों को एवं खिलाड़ियों को खेलने से रोके जाने का विरोध किया। इसी मुद्दे पर कांग्रेसजनों द्वारा जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, व सम्बंधित अधिकारियों को ज्ञापन दिया जिसमें मांग है की 10 दिन के भीतर सभा स्थल के लिए इस्तेमाल हुए मैदान को पहले की तरह दुरुस्त किया जाए वरना कांग्रेस सत्याग्रह की राह पर चलते हुए श्रमदान करके अपने निजी खर्च मैदान को ठीक करने के साथ आंदोलन भी करेंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री अजय राय में कहा की प्रधानमंत्री काशी के सांसद है उनका आना स्वाभाविक है परंतु उनके आगमन पर सम्पूर्णानंद स्टेडियम जिसे सभा स्थल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है यह निंदनीय है। सभा के कारण खिलाड़ियों को काफी दिक्कत हो रही है 15 दिन से अभ्यास बन्द है। इस स्टेडियम से न जाने कितने प्रतिभावान खिलाड़ियों ने देश का नाम रौशन किया है और आगे भी नई प्रतिभाए अपना प्रदर्शन करती रहेगी।
ऐसे में खेल-कूद की जगह को तहस – नहस करना उचित नही है। मैदान तो नष्ट किया ही गया साथ मे पेड़-पौधों को भी काटा गया एक ओर प्रधानमंत्री वृक्षारोपण की बात करते है वही दूसरी ओर उन्ही के सभा स्थल की तैयारी के लिए पेड़ काटा जा रहा है इस तरह का कार्य निंदनीय है हम प्रशासन को आगाह करते है की 10 दिन के भीतर मैदान को दुरुस्त करवाये।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने दिया बेतुका तर्क
मामलें को लेकर सवाल पूछने पर जिलाधिकारी का कहना था कि वो नहीं जानते अजय राय कौन है ! ये जबाव अपने आप में सरकार के नुमाइंदों और शहर की व्यवस्था का जिक्र करने के लिए काफी है कि किस तरह से अफ़सरशाही और बदतमीजी अधिकारियों के सिर चढ़ कर बोल रही है।
शहर का बच्चा-बच्चा जनता है कि अजय राय कांग्रेस के टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने लोकसभा का चुनाव लड़ने के अलावा पूर्व मंत्री और विधायक रहे हैं। क्या किसी जनप्रतिनिधि के लिए ऐसे दुर्व्यवहार और अधिकारियों की लापरवाही और व्यवहार पूर्व नियोजित और केंद्र के इशारे पर की जा रही है।
अजय राय की जगह एक आम आदमी होता तो सोचिए उसकी क्या हालत और सुनवाई होती , आये दिन कौशल राज शर्मा विवादों में घिरे रहते हैं लंबा समय बनारस में हो चुका है लेकिन तबादला अभी तक नहीं उल्टा अपने कार्यालय में ना बैठने के लिए भी प्रसिद्ध है।