प्रयागराज: विधानसभा चुनाव 2022 के मध्य नजर प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज़ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्य केन्द्रीय निर्वाचन अधिकारी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के नाम ज्ञापन प्रयागराज जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा। जिसमे उन्होंने मांग की है की, प्रयागराज के उच्च पदस्य दो पुलिस अधिकारियों एवम दो प्रशासनिक अधिकारियों के स्थानांतरण करने की है।
पार्टी के जिला अध्यक्ष योगेश यादव ने अपने पांच सदस्यीय दल के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपने एक सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा, जिसमे उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश,पुलिस महानिरीक्षक राकेश सिंह के साथ साथ जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज आर एन विश्वकर्मा तथा सहायक आयुक्त/ सहायक आयुक्त निबंधन सहकारिता प्रयागराज प्रमोद वीर आर्य पर आरोप लगाया है कि ये सभी लोग अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रदेश की बीजेपी सरकार के इशारों पर कार्य कर रही हैं। इनके दफ्तरों में होने वाली विधानसभा चुनाव के मध्य नजर सरकारी बैठकों में बीजेपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी हमेशा बैठे रहते है, और वहां से वे सरकारी तंत्र को एवम आम जनता को विधान सभा चुनाव में एकतरफा वोट करने/ कराने के लिए निर्देशित करती हैं। समाजवादी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया है कि क्योंकि यह सभी पदाधिकारी चुनावों के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से है और यदि इन्हीं के कार्यालय एवं बैठकों से एक तरफा विशेष पार्टी को सहयोग और सहायता मिल रही है तो आम चुनाव कैसे होंगे और इन चुनाव की सत्यता और निष्पक्षता पर कुठाराघात होगा।
यह पहली बार नहीं है कि किसी पार्टी द्वारा किसी भी बड़े पदाधिकारियों के ऊपर आरोप न लगाए गए हो। विधानसभा चुनाव में कई बार ऐसा देखा गया है कि सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने सत्ता में होने का पूरा फायदा उठाया है एवं लगातार प्रशासनिक अधिकारों का उपयोग करते हुए चुनावों में अपने पक्ष में वोटिंग कराने की बात की है। इससे पहले भी 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा समाजवादी पार्टी पर मैनपुरी, कन्नौज, इटावा सहित कई जगह पर पदाधिकारियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र मुख्य चुनाव आयुक्त और मुख्य निर्वाचन अधिकारी दोनों को प्रेषित किया है। लगातार इस प्रकार के आरोप चुनावों में राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर लगाती आ रही है, लेकिन यह भी बात सत्य है कि कभी-कभी कुछ अधिकारी एक विशेष दल के कुछ विशेष लोगों को अपना आइकॉन मान लेते हैं और उन्हीं के इशारों पर यह पूरा कार्य होता रहता है। जिसका उदाहरण आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर संजय गुप्ता पर किए जा रहे कार्रवाई को भी देखा जा सकता है।
भाजपा के मंत्री और विधायकों के इशारे पर काम कर रहे हैं। ऐसे में इनके रहते निष्पक्ष तरीके से चुनाव नहीं हो सकता। प्रतिनिधि मंडल में जिला सचिव विजय मुन्ना, नाटे चौधरी, कुलदीप यादव, आशुतोष तिवारी, कृपाशंकर बिंद, शोएब बच्चा, मुजीद फारूखी आदि रहे।