जोधपुर: जैसलमेर में लगभग 200 करोड़ के एक होटल को 25 करोड़ में बेचे जाने के एक मामले में दोषी मानते हुए जैसलमेर की पुलिस ने एसबीआई के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तारी कोर्ट के आदेश पर हुई है। यह मामला काफी दिनों से सुर्खियों में था और लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी का दबाव बनाया जा रहा था। इस संदर्भ में 2015 में जैसलमेर के सदर पुलिस थाने में एफआईआर भी हुई थी। बाद मे कोर्ट में भी यह मामला लंबे समय तक विचाराधीन रहा। पुलिस दिल्ली से सुबह तक जैसलमेर पहुंचेगी। उसके बाद ही पूरी जानकारी सामने आ पायेगी।
शनिवार को ही हुए थे गिरफ्तारी के आदेश
सुनवाई के दौरान सीजेएम कोर्ट ने माना कि बिना नीलामी के होटल बेचने के मामले में धोखाधड़ी हुई है। कोर्ट ने शनिवार 23 अक्टूबर को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। वारंट के तहत रविवार 31 अक्टूबर को जैसलमेर पुलिस ने तत्कालीन एसबीआई चेयरमैन प्रतीप चौधरी को उनके दिल्ली निवास से गिरफ्तार किया।
इस मामले को यूं समझे
पुलिस सूत्रों की माने तो जैसलमेर के सबसे पुराने होटल फोर्ट रजवाड़ा के मालिक दिलीप सिंह राठौड़ ने साल 2008 में खुहडी रोड पर एक होटल गढ़ रजवाड़ा के नाम से बनाने की योजना तैयार की। इसके लिए उन्होंने एसबीआई जोधपुर से साल 2008 में 24 करोड़ का टर्म लोन लिया। होटल जब बनने लगा तो उन्हें और ज्यादा रूपयों की आवश्यकता हुई, इस पर उन्होंने 2010 में 6 करोड़ का लोन और मांगा, लेकिन एसबीआई ने उनको लोन नहीं दिया। इस दौरान 2010 में होटल मालिक दिलीप सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौत के 2 महीने बाद ही एसबीआई ने आरबीआई के नियमों से परे जाकर एनपीए नॉन परफॉर्मिंग एसेट कर दिया।
एसबीआई ने इनकी दोनों होटल का वैल्युएशन कराया। लोन का पैसा भरने के लिए दिलीप सिंह के पुत्र हरेन्द्र सिंह राठौड़ पर दबाव बनाया गया। जब रूपये जमा नहीं करवाये गये तो 24 करोड़ के होटल लोन की कुछ किस्त बकाया होने पर एसबीआई ने आरबीआई नियमों के विरुद्ध जाकर होटल का अकाउंट एनपीए कर दिया था। साथ ही दूसरे होटल को सील करने का दबाव बनाया गया। उस दौरान अहमदाबाद की एक सीए फर्म के मालिक देवेन्द्र जैन ने होटल मालिक के बेटे को लोन सेटेलमेंट के लिए एप्रोच किया। उस दौरान एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी थे।
देवेंद्र जैन ने दिलीप सिंह के बेटे हरेन्द्र सिंह को अलकेमिस्ट असेट्स रिकन्स्ट्रकशन कंपनी लिमिटेड के मालिक आलोक धीर से मिलवाया। लेकिन दोनों के बीच कोई बात नहीं जमी। बाद में एसबीआई ने 14 अक्टूबर 2013 को होटल मालिक को करीब 40 करोड़ की देनदारी बताते हुए नोटिस जारी किया। होटल मालिक डीआरटी कोर्ट जयपुर गए। उस दौरान एसबीआई ने रिकवरी के लिए दोनों होटल का एसेट आलोक धीर को दे दिया। एसबीआई ने बिना नीलामी किए अंदर ही अंदर आलोक धीर को दोनों होटल सौंप दिए। धीर ने दोनों होटल पर कब्जा कर लिया। होटल मालिक को प्रतीप चौधरी के खेल की जानकारी हो गई। उन्होंने जैसलमेर सदर थाने में 2015 में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाकर इस मामले में एसएबीआई के तत्कालीन चेयरमैन समेत कुल 8 लोगों पर मामला दर्ज करवाया।
यह हैं आरोप
आरोप है कि प्रतीप चौधरी ने किन्हीं लोगों की संलिप्तता से जैसलमेर के होटल रजवाड़ा को एक सुनियोजित साजिश के तहत महज 25 करोड़ में ही अपने किसी परिचित को बिकवा दिया था। जबकि बाजार भाव के अनुसार होटल उस समय लगभग 200 करोड़ का था। यह पूरा मामला किसी लोन सैटलमेंट के नाम पर किया गया और होटल मालिकों को पूरी तरह से अंधेरे में रखकर उनके साथ धोखा किया गया। खास बात यह है कि प्रतीप चौधरी एसबीआई से रिटायर होकर जिस कंपनी ने 25 करोड़ में होटल खरीदा था उसी के डायरेक्टर बन गए। उसके बाद से ही यह मामला ज्यादा सुर्खियों में रहा। रविवार को कोर्ट के आदेश पर जैसलमेर पुलिस ने प्रतीप चौधरी को दिल्ली स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया।