3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया जनसंहार में शहीद हुये दलजीत सिंह, नक्षत्तर सिंह, गुरविंदर सिंह, लवप्रीत सिंह और रमन कश्यप की अंतिम अरदास में आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शिरकत की। कार्यक्रम में पलिया से आए रागी जत्थे ने गुरवाणी का बखान कर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम में मृत किसानों के परिजन और घायल किसानों को भी बुलाया गया है। प्रियंका गांधी ने घटना के दिन भी शोकाकुल परिवारों को मिलने की कोशिश की थीं। पर सरकार के नुमाइंदों की एक पूरी फौज लग गई थी प्रियंका गांधी समेत पूरे विपक्ष को घटनास्थल पर जाने से रोकने के लिए।
जिस जगह पर 3 अक्टूबर को घटना घटी उससे करीब एक किमी की दूरी पर 30 एकड़ भूमि पर यह कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से क़रीब 50 हजार किसान पहुंचे हैं। वहीं दूसरी ओर लखीमपुर आने वाले किसानों को जगह-जगह पुलिस प्रशासन द्वारा रोका जा रहा है। इसको लेकर किसान आक्रोशित हो रहे हैं। मंच से किसान नेताओं द्वारा बार-बार प्रशासन से अपील किया जा रहा है कि प्रशासन उन्हें परेशान न
करे।
सरकार तानाशाही और कुचलकर किसानों में डर पैदा करना चाहती है-
अरदास सभा को संबोधित करते हुये किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि ये पूंजिपतियों की सरकार है। इस सरकार ने पूंजीपतियों के वास्ते क़ानून बनाया है और उनके वास्ते इसे लागू करना चाहते हैं। कहां है एमएसपी। कहां हो रही है एमएसपी पर ख़रीद। ये लोग अपना हक़ मांगने पर मार रहे हैं। मारकर डर पैदा कर रहे हैं कि ख़बरदार अगर सरकार और उनके पूंजीपति दोस्त के ख़िलाफ एक शब्द बोले तो कुचलकर मार दिये जाओगे। आप वीडियो देख लीजिये पीछे से गाड़ी चढ़ाकर उन्होंने पांच किसानों की हत्या कर दी। मोनू गाड़ी में बैठा था। पुलिस और सरकार उसे बचा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा आखिरी सांस तक अपने शहीद साथियों को न्याय दिलाने के लिये संघर्ष करेगा।
इसके बाद सभा को संबोधित करते हुये किसान नेता सुरेश कौथ ने कहा कि पूरे भारत के किसानों के गद्दी पर बैठे लोग जाति धर्म के नाम से बांटना चाहते हैं। वो जान लें कि ये किसानों का आंदोलन है किसी जाति या धर्म का नहीं। राष्ट्रवाद के नाम पर आपकी नफ़रती और विभाजक राजनीति हम समझ चुके हैं। राष्ट्रवाद के नाम पर आप हमें बांट रहे हैं। हम किसान भाई हैं और भाई रहेंगे। ये देश किसी एक राजनीतिक विचारधारा का देश नहीं है। सभी जातियों और धर्मों को मिलाकर ये सुंदर देश बना है। हम इसे बर्बाद नहीं होने देंगे। सुरेश कौथ ने आगे कहा कि कुछ लोग राष्ट्रवाद के नाम पर धार्मिक उन्माद बढ़ाते हैं। इस देश का किसान-मजदूर भाई था, भाई है, भाई रहेगा। यह देश किसी एक विचारधारा का देश नहीं है। यह देश सभी जाति, धर्म, ग्रंथों को मिलाकर एक फूल है।
रुद्र प्रताप मानसा ने कहा कि किसान मजदूर एक साल से देश के लिये लड़ रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसान पूरे देश की लड़ाई लड़ रहे हैं। जिसमें 650 से अधिक साथी शहीद हुये हैं। ये एक पूरा परिवार है जो लड़ रहा है। लखीमपुर खीरी तिकुनिया में अपने परिजनों को खोने वाले लोगों को जब तक न्याय नहीं मिल जाता ये संघर्ष चलता रहेगा।
प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी को सीतापुर में रोका गया–
प्रियंका गांधी को रास्ते में रोका गया। उन्होंने सभास्थल पर पहुंच कर गुरुग्रंथ साहब के सामने मत्था टेका। इसके पहले उन्हें सीतापुर में रोक लिया गया था। बाद में उन्हें तीन गाड़ियों के साथ लखीमपुर जाने की परमिशन मिली है। उनके साथ हरियाणा के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी थें।
प्रियंका गांधी ने तिकुनिया के लिये लखनऊ एयरपोर्ट से निकलते हुये कहा कि-“हमारे लिए लखीमपुर खीरी नरसंहार के शहीद किसानों को न्याय राजनीति नहीं बल्कि उनके अधिकारों और मानवता का मुद्दा है।” – उपरोक्त बातें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शहीद किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होने से पहले कही है।”
वहीं राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी को बरेली एयरपोर्ट पर करीब एक घंटे नजरबंद कर रखा गया। बाद में जाने की परमिशन मिली है। इस दौरान रालोद कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट के बाहर प्रदर्शन भी किया।
शहीद किसानों की अंतिम अरदास में बड़ी संख्या में किसानों के की मौजूदगी देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 13 जिलों में 20 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अगुआई में पुलिस बल को तैनात किया है। ये किसानों की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। साथ ही कानून व्यवस्था को हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके लिए उन्हें अपने-अपने जिलों में कैंप करने के आदेश दिए गए हैं।