देश में महंगाई ने हाहाकार मचा रखा है l कृषि लागत दर असामान्य दर्जे पर पहुंच गई है l देश में मात्र 40 फ़ीसदी क्षेत्र सिंचित व अर्ध सिंचित है l 60 फ़ीसदी खेतों में बिजली ट्यूबवेल और डीजल पंप सेटों से सिंचाई होती है और अन्न का उत्पादन होता है l प्रदेश में 4 वर्षों में सिंचाई का रकबा मात्र 2:23 प्रतिशत बढ़ा है l वहीं दूसरी तरफ देश में सबसे महंगी बिजली उत्तर प्रदेश में है और डीजल के दाम ₹110 के आसपास है l
उक्त विचार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अतुल कुमार अनजान ने कहा कि पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में किसानों के मदद के लिए राज्य सरकार निशुल्क बिजली देती है l उत्तर प्रदेश सरकार ने देश के कारपोरेट घरानों और चीनी मिल मालिकों को लूट की छूट दे रखी है l आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गन्ना किसानों को मात्र ₹25 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करना एक घिनौना मजाक है l विगत 4 वर्षों से उन्होंने गन्ना किसानों के गन्ना दर में कोई वृद्धि नहीं की थी l पंजाब और हरियाणा में गन्ना 360 और 358 रुपए कुंतल बिक रहा है एवं मिलो की तरफ से बहुत सारी गन्ना किसानों को सुविधाएं भी दी जाती है l महाराष्ट्र में किसानों के गन्ने को मिले खुद खेत से कटवा कर अपने गाड़ियों से चीनी मिल तक पहुंचाती है और अक्सर 15 दिनों के अंदर किसानों को पेमेंट कर देते हैं l उत्तर प्रदेश की सरकार बड़े गन्ना चीनी उत्पादक मिलों के दबाव में किसानों का शोषण करवाकर मिल मालिकों की सेवा में जुटी रहती है l उत्तर प्रदेश के सरकारी और सहकारी चीनी मिलों में उत्तर प्रदेश की अफसरशाही की लूट सार्वजनिक है l मुख्यमंत्री के कार्यालय से सरकारी और सहकारी चीनी मिलों के प्रबंधकों की सुख सुविधा के साथ अफसरशाही के इशारे पर नियुक्ति होती है l डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग के सदस्य अतुल कुमार अनजान ने कहा कि आयोग ने अपनी सिफारिशों में गन्ना किसानों को उनके पैदावार के समय पर मिल द्वारा भुगतान न किए जाने पर 15% का ब्याज दिए जाने की सिफारिश की है l उत्तर प्रदेश में अभी 20 हजार करोड़ रूपया गन्ना किसानों का बकाया है और सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद किसानों को उनके बकाए पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ब्याज देने में कोई पहल नहीं कर रहे हैं l उत्तर प्रदेश के किसान आगामी दिनों में ₹450 प्रति क्विंटल दाम और उस पर बकाया धनराशि ब्याज दिए जाने के मांग को लेकर आंदोलन को और गहरा करेंगे l