दिल्ली/ पेरिस में चल रहे तीरंदाजी वर्ल्ड कप में जोहार झारखंड की मिट्टी से निकली दीपिका कुमारी महतों ने इतिहास रच दिया। दीपिका ने वर्ड कप के तीसरे दौर में रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धा को 6-0 से जीतकर स्वर्ण पदक की अपनी हैट्रिक पूरी की। इस जीत के साथ दीपिका दुनिया की नंबर 1 महिला तीरंदाज बन गई है।
वर्ल्ड कप तीरंदाजी की तरफ से ताज़ा रैकिंग 28 जून 2021 को रैंकिंग जारी की जिसमें दीपिका को पहला स्थान मिला हैं।इस सूची में दीपिका कुमारी को दूसरी बार जगह मिली हैं। इससे पहले दीपिका कुमारी ने साल 2012 में पहली बार तीरंदाजी में शीर्ष स्थान हासिल किया था। 27 जून को दीपिका ने व्यक्तिगत और मिश्रित स्पर्धा में गोल्ड मेडल अपने नाम किए।
विश्व तीरंदाजी की तरफ से ट्वीट-
विश्व तीरंदाजी की तरफ से आधिकारिक ट्वीट कर कहा गया, दीपिका कुमारी ने विश्व तीरंदाजी में पहली रैंक हासिल कर ली है। दीपिका कुमारी ने पहले अंकिता भकत और कोमालिका बारी के साथ महिला रिकर्व टीम स्पर्धा में मैक्सिको को आसानी से हराकर स्वर्ण पदक जीता।
This is going to take Deepika to the number one spot in the world rankings on Monday!
🥇 🇮🇳 Deepika Kumari
🥈 🇷🇺 Elena Osipova
🥉 🇺🇸 Mackenzie Brown#ArcheryWorldCup pic.twitter.com/6yizeEndyo— World Archery (@worldarchery) June 27, 2021
गरीबी से निकली प्रतिभा है दीपिका कुमार महतो। दीपिका कुमार महतो का जन्म बेहद सामान्य परिवार में हुआ है, दीपिका के पिता ऑटो चलाते थे। दीपिका की मां नर्स का काम करती थी। आज उनकी बिटिया विश्व में एक जाना पहचाना नाम है दीपिका की गिनती दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला तीरंदाजों में होती है। कई अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के साथ दीपिका कुमारी ने कई अंतरराष्ट्रीय मेडल अपने नाम किए हैं। दीपिका कुमारी की सफलता को देखते हुए उन्हें साल 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद्मश्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था। दीपिका यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं।
बचपन से तेज था निशाना दीपिका का-
कहते हैं ना कि ‘पूत के पाँव पालने में दिख जाते हैं’। दीपिका कुमारी भी कुछ ऐसी ही थी। उनका निशाना बचपन से तेज था। एक दिन वह अपनी मां के साथ कहीं जा रही थी। रास्ते में दीपिका को एक आम का पेड़ दिखा। दीपिका ने अपनी मां से आम तोड़ने की इजाजत मांगी, लेकिन उनकी मां ने यह कहते हुए मना कर दिया कि पेड़ बहुत ऊँचा हैं तुम नहीं तोड़ पाओगी। लेकिन दीपिका भी कहाँ हार मानने वाली थी. उन्होंने एक पत्थर मारा और आम जमीन पर आ गिरा।
पहली बार में हुई फेल लेकिन निराश नहीं हुई दीपिका-
दीपिका कुमारी को तीरंदाजी करना अच्छा लगता था। एक दिन दीपिका को किसी ने बताया कि झारखण्ड के सरायकेला में तीरंदाजी प्रतियोगिता चल रही है। इस पर दीपिका ने अपने पापा से वहां ले चलने के लिए कहा। शिव नारायण अपनी बेटी को वहां लेकर गए, लेकिन दीपिका को वहां असफलता मिली।
खुद को किया साबित किया दीपिका ने-
दीपिका कुमारी एक तीरंदाज बनना चाहती थी, लेकिन पहली बार में मिली असफलता से वह निराश हो गई। अपनी बेटी को निराश देख शिव नारायण ने दीपिका को कोचिंग करवाने का निर्णय लिया। लेकिन जब उनके पिता उन्हें एक कोच के पास लेकर पहुंचे तो कोच ने यह कहकर मना कर दिया कि तुम्हारा वजन बहुत कम है, तुम तीरंदाजी नहीं कर सकती। हालांकि दीपिका ने खुद को साबित करने के लिए कोच से 6 महीने का समय माँगा। उन 6 महीने में दीपिका ने जी-तोड़ मेहनत की और आख़िरकार उनका सिलेक्शन हो गया।
2006 में जीता स्वर्ण-
दीपिका कुमारी ने साल 2005 में झारखंड के मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा द्वारा शुरू की गई अर्जुन आर्चरी अकादमी ज्वाइन की। इसके एक साल बाद साल 2006 में उन्होंने टाटा तीरंदाजी अकादमी ज्वाइन की। यहाँ दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी के दांव-पेच सीखे। इसके बाद साल 2006 में ही दीपिका कुमारी ने मैरीदा मेक्सिको में आयोजित वल्र्ड चैंपियनशिप में कम्पाउंट एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर अपना परचम लहरा दिया।
कॉमनवेल्थ खेलों में जीता स्वर्ण-
दीपिका कुमारी ने साल 2010 में हुए एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता। इसके बाद साल 2010 में ही हुए कॉमनवेल्थ खेलों में दीपिका कुमारी ने व्यक्तिगत स्पर्धा में तो स्वर्ण जीता ही है, साथ ही महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण दिलाया। इसके बाद दीपिका कुमारी ने साल 2011 में इस्तांबुल में और साल 2012 में टोक्यो में हुए खेलों रजत पदक जीता। दीपिका कुमारी ने पहली बार लंदन 2012 के ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली।
दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी-
इसके बाद दीपिका ने 2013 अंताल्या विश्व कप में स्वर्ण, 2013 शंघाई विश्व कप में रजत, 2015 कोपेनहेगन विश्व चैंपियनशिप में रजत (महिला टीम), 2018 साल्ट लेक सिटी विश्व कप में स्वर्ण, 2018 तुर्की विश्व कप में कांस्य (महिला रिकर्व) पदक भी अपने नाम किया. अपने शानदार खेल की बदौलत दीपिका कुमारी विश्व तीरंदाजी में दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी भी बन चुकी है।
पेरिस आर्चरी वर्ल्ड कप-
दीपिका कुमारी ने पेरिस में चल रहे आर्चरी के वर्ल्ड कप स्टेज 3 टूर्नामेंट में एक दिन में देश को 3 गोल्ड दिलाए। उन्होंने पहले अपने पति के साथ मिलकर मिक्स्ड इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद दीपिका के नेतृत्व में ही भारतीय महिला रिकर्व टीम ने स्वर्ण पदक जीता। और फिर दीपिका ने व्यक्तिगत इवेंट में भी देश को स्वर्ण पदक दिलाया।
पिछले साल ही दीपिका कुमारी की शादी हुई है
दीपिका कुमारी के पति अतनु दास है। अतनु दास भी एक अंतराष्ट्रीय तीरंदाज है। उन्होंने भी देश को कई मेडल दिलाए है। दीपिका कुमारी और अतनु दास ने 30 जून 2020 को शादी की थी।