निशांत/श्वेता रश्मि/ कल से अब तक अलीगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतों की संख्या बढ़ती जा रही हैं 71 शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है। 35 शवों का और होना है पोस्टमार्टम। मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। कइयों की स्थिति नाजुक।
अलीगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी भानु प्रताप सिंह कल्याणी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक कुल 71शवों पोस्टमार्टम किया गया है। सभी पोस्टमार्टम शवों का विसरा रिपोर्ट आगरा लैब के लिए भेजी जा रही है, रिपोर्ट आने के बाद ही कंडीशन स्पष्ट हो पाएगी। लेकिन अलीगढ़ में अभी तक सूत्रों की माने तो 83 से ज्यादा पोस्टमार्टम हो चुके हैं और 90 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं जिला प्रशासन आंकड़ों की बाजीगरी दिखाते हुए अभी तक सिर्फ 28 मौतों की पुष्टि कर रहा है लेकिन आंकड़े कुछ और ही बता रहे हैं।
जहरीली शराब के कारण मरने वालों की संख्या लगातार चौथे दिन भी बड़ी इधर इस बढ़ती संख्या को लेकर “गौरव दयाल” अलीगढ़ मंडला आयुक्त ने हुए कहा कि लगातार छापेमारी जारी है। दो बड़ी फैक्ट्री कार्यवाही की है और अवैध शराब बनाने का सामान बरामद हुआ है इधर शराब माफियाओं से जितने भी तार जुड़े हुए हैं उनको बख्शा नहीं जाएगा बहुत ही व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है,जितने भी लोग इसमें शामिल है उन सभी के संपत्ति की जांच की जाएगी, लगभग 28 की मौत हुई है साथ ही संदिग्ध मौतें भी शामिल है अलीगढ़ पोस्टमार्टम पर 70 से भी ज्यादा पोस्टमार्टम हुए हैं, और यह सारी मौतें शराब पीने से हुई हैं।
इधर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए है , कांग्रेस के हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल ने कहा अलीगढ़ में नकली शराब पीने से जो मृत्यु हुई हैं और उनकी संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है, ये अपने आपमें बहुत दुखद है और मानवता के, जो मानवीय सभ्यता है, उसके विपरीत है। और सबसे बड़ी खासतौर से चिंता की बात है, जो व्यथित करती है कि शासन तंत्र या राजतंत्र जिस तरीके से इसे हल्के में ले रहा है, वो इनकी सोच को दर्शाती है, इनकी क्या सोच है, क्या इनकी प्राथमिकताएं हैं। उसमें जिस तरीके से और प्रशासन किस तरीके से मृत्यु की संख्या को घटाने की कोशिश कर रहा है। कम से कम 100 लोगों की नकली शराब की बिक्री के कारण मौतें हुई हैं।
हम लोग इस बात को कहना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री का आप नजरिया देखिए। बकौल विधायक, परसों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं, उनको अवगत कराने के लिए। परंतु परसों विधायक की वार्ता उनसे नहीं हो सकी और वार्ता हुई प्रमुख सचिव एस. वी. गोयल साहब से। कल सुबह से फोन कर रहे थे, दोपहर के बाद मुख्यमंत्री से वार्ता हुई।
जरा से भी गंभीर होते, चिंतनशील होते तो तुरंत मौके पर पहुंचते औऱ अपनी निगरानी में क्या-क्या हो रहा है, किसकी कमी रही। आज आपने आबकारी विभाग के लोगों को निलंबन कर दिया है। क्या वो काफी है अपने आपमें? पहले तो निलंबन कोई एक सजा नहीं है। निलंबन, उसमें आपको बर्खास्त करना चाहिए था। दूसरा, जब आप श्रेय अपने ऊपर लेते हैं, कोई अगर आपकी सफलता होती है, किसी भी माध्यम से, चाहे कोविड के क्षेत्र में विफलताएं कितनी हैं, वो अलग कहानी है। लेकिन आज जब ये कांड हुआ है, तो क्या आदरणीय मुख्यमंत्री या आबकारी मंत्री अग्निहोत्री जी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए अपना, जो इस तरह की घटनाएं हो रही हैं और आपकी नाक के नीचे हो रही हैं। और आप जिस तरीके से इसे डील कर रहे हैं।
कल कांग्रेस अध्यक्ष के कहने पर ऊत्तरप्रदेश प्रभारी प्रियांका गांधी जी ने उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल वहाँ भेजा था। लोधा, कलसुआ, रैयत, मंडला गांव में गए पीड़ित परिवारों से मिले और सबमें बड़ा रोष और आक्रोश देखने को मिला। इस बात को लेकर सरकार से हम सिर्फ ये मांग करते हैं कि जो चला गया, जिसकी मृत्यु हो गई, उसके लिए एक उच्चस्तरीय खास तौर से ऐसी घटना कैसे घटित हुई, कैसे 2 साल से लाशों का व्यापार कहा जाए, इस शराब जिस तरीके से अभी लॉकडाउन है, सब चीजें बंद है, इस नकली शराब, जहरीली शराब ने लोगों को लील लिया, जिसके माध्यम से, तो कैसे हो रही थी? हम ये मांग करते हैं, पार्टी की तरफ से कि उच्च स्तरीय जांच न्यायाधीश के माध्यम से हो। जो सर्विंग न्यायधीश हो, उसके माध्यम से जिससे कि दूध का दूध, पानी का पानी सामने आए।
हम ये मांग करते हैं कि आबकारी मंत्री इसमें इस्तीफा दें। क्योंकि उनके विभाग की ये घटना घटित हुई है। कम से कम वो इसमें इस्तीफा दें।
जितने पीड़ित परिवार हैं, चाहे जिसके पास जमीन हो या ना हो, उसको कम से कम 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और आंकड़े भी स्पष्ट किए जाएं। जो दोषी हैं, उनके नाम भी उजागर किए जाएं और एक पारदर्शिता होनी चाहिए। और जो लोग बीमार हैं, 50 से ज्यादा लोग बीमार हैं, अस्पतालों में हैं, वेंटिलेटर पर हैं, उन्हें सरकार को निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध करानी चाहिए, जो वो नहीं करा रहे हैं। मैं आज सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि ये अपने आपमें बहुत मानवीय दृष्टिकोण से, जो एक आधुनिक समाज की कल्पना करते हैं, उसकी संरचना, उसको जब परिभाषित करते हैं। ये किसी भी लिहाज से या कल्याणकारी सरकार के लिहाज से जिस तरीके से ये हृदयविदारक मौतें हुई हैं, किसी को भी शर्मसार करने के लिए काफी है। हम तो कम से कम मांग कर रहे हैं कि आबकारी मंत्री को और मुख्यमंत्री को भी इसमें इस्तीफा दे देना चाहिए।