सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू से संबद्ध चोपड़ा नर्सिंग होम 100 बेड की क्षमता के साथ जल्द ही काम करना शुरू कर देगा और जीएमसी जम्मू में 2400 एलपीएम यानी 3456 क्यूबिक मीटर की क्षमता वाले दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। जो मौजूदा क्षमता के अतिरिक्त ऑक्सीजन संयंत्र होंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वरिष्ठ परामर्शदाता नियमित रूप से वार्ड पहुंचकर निगरनी करें और आवश्यकता पड़ने पर वहां उपलब्ध भी रहें।
इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को आज दी गई। श्री जितेंद्र सिंह ने पिछले 3-4 दिनों में जम्मू में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के देखते हुए विभिन्न श्रृंखलाबद्ध चर्चाओं के बाद आज जीएमसी जम्मू में कोविड देखभाल सेवाओं की समीक्षा की।
इसके अलावा डॉ. जितेंद्र सिंह को वित्तीय आयुक्त (स्वास्थ्य) अटल डुलू, जीएमसी जम्मू के प्रधानाचार्य डॉ. शशि सूदन शर्मा और कोविड प्रबंधन के प्रभारी सचिव शाहिद इकबाल चौधरी द्वारा अलग से भी पूरी तैयारियों की जानकारी दी गई और उन्होंने प्रत्येक के साथ विस्तृत बातचीत की।
मंत्री को बताया गया कि जीएमसी जम्मू में प्रतिदिन 5184 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले तीन ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं और दो और जल्द ही स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में, जीएमसी अस्पताल में कुल 1111 बिस्तर क्षमता में से 893 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर हैं। कोविड-19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए, सभी 1111 बिस्तर को ऑक्सीजन युक्त बनाने का प्रस्ताव है।
डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा क्रमशः 12 और 13 मई को बुलाई गई पिछली दो बैठकों में हुए फैसले के बाद, चोपड़ा नर्सिंग होम में जीएमसी डॉक्टरों के कब्जे वाले कमरे / कक्ष खाली किए जा रहे हैं और बहुत जल्द ही चोपड़ा नर्सिंग होम में 100 बेड के साथ कोविड सुविधा की शुरूआत होगी। इसी तरह अस्पताल के नए बने आपातकालीन खंड में भी 100 बिस्तर कोविड केयर के लिए अलग से तैयार किए जाएंगे।
अभी तक जीएमसी जम्मू के पास एक समय में 250 ऑक्सीजन सिलेंडर का बफर स्टॉक था। ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता को कई गुना बढ़ाने के लिए इस बफर स्टॉक को भी बढ़ाया जाएगा।
इस बीच, जैसा कि पहले की बैठकों में तय किया गया था, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की ऑडिट करने की कवायद शुरू कर दी गई है। पीएम केयर्स फंड के माध्यम से जारी किए गए वेंटिलेटर का बेहतर उपयोग किया जाना है और यदि कोई वेंटिलेटर काम नहीं कर रहा है, तो उसे रियल टाइम के आधार पर पहचान कर ठीक किया जाएगा।
इस दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह को बताया गया कि उनके द्वारा की गई पिछली दो बैठकों में लिए गए फैसलों के अनुसार, रोगियों के रिश्तेदारों और उनकी देखभाल करने वालों को कोविड से बचाव के लिए उचित एसओपी का पालन करने में सक्षम बनाया जाएगा और उनकी सुविधा के लिए एक पहचान पत्र भी जारी किया जाएगा।
इसी प्रकार पूर्व की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार चिकित्सा एवं नर्सिंग के छात्रों को वार्ड कार्य में लगाया जा रहा है, जिससे मरीजों की देखभाल आसान होगी और मरीजों के परिजनों में भी विश्वास पैदा होगा।