आज की बैठक में किसान सिर्फ कानून वापसी की मांग पर ही कायम रहे सरकार की तरफ से पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वे एक बार फिर से किसान संगठनों से बात करेंगे। दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी।
क्या है किसान नेताओं की मांगे
MSP और कृषि कानून वापसी पर दोनों पक्षों में रस्साकस्सी चल रही किसान कहते है इसे वापस लिया जाये पर सरकार ना लेने की जिद पर अड़ी हुई है।
सरकार का क्या कहना है
कृषि कानूनों में संशोधन के लिए संयुक्त कमेटी बनाने को सरकार का प्रस्ताव है। लेकिन किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। अब दोनों पक्षों के बीच दोबारा बातचीत के लिए 8 जनवरी के दिन तय किया गया है।
आज भी किसानों की तरफ से सरकार की तरफ से आयोजित लंच का बहिष्कार किया गया और मंत्रियो को कहा गया हूं आपका खाना नहीं खाएंगे हम अपना लंगर खाएंगे।
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कृषि कानून को वापस लेने के लिए दिल्ली पहुंचे किसानों का दिल्ली में आंदोलन करते आज 40वां दिन है कल देर रात तक 61 मौत हो चुकी हैं। तेज़ ठंड और बेमौसम की हो रही बारिश के बीच भी किसान एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं है जब तक कृषि कानून सरकार वापस नहीं ले लेती।
आज इसी कड़ी में सरकार ने किसान नेताओं को बातचीत के लिए विज्ञान भवन में आमंत्रित था। सरकार की तरफ से पीयूष गोयल नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य नेताओं की मौजुदगी में शुरू बातचीत आज भी बेनतीजा रही। इससे पहले भी 7 राउंड बातचीत हो चुकी है पर सरकार अपनी जिद पर कायम है और बिल वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ से लगातार किसानों को मनाने की कोशिश हुई पर किसान बिना तीनों कृषि कानून के वापसी के किसी बात के लिए तैयार नहीं है।