लोकसभा में उस समय हंगामा हो गया जब भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने जाति जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर परोक्ष कटाक्ष किया। ठाकुर ने कहा, ”जिसकी जाति का पता नहीं, वह जनगणना की बात कर रहा है।” ‘जाति’ टिप्पणी के कारण सदन में हंगामा मच गया। राहुल गांधी ने ठाकुर के भाषण को बीच में रोकते हुए कहा, “आप जितना चाहें मेरा अपमान कर सकते हैं, आप ख़ुशी से करिए, रोज करिए, लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं की हम इस सदन में जातिगत जनगणना पास करवा कर रहेंगे।”
हालांकि, अनुराग ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया है।
लोकसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे जगदंबिका पाल ने सदन को व्यवस्थित करने की कोशिश की। हालाँकि, सांसद अपना असंतोष व्यक्त करते रहे।
शोर-शराबे के बीच राहुल गांधी ने कहा, ”इस देश में जो भी दलितों के लिए बोलता है, उनके लिए लड़ता है, उन्हें दूसरों से गालियां खानी पड़ती हैं। मैं सारी गालियां खुशी-खुशी खा लूंगा। महाभारत में अर्जुन की तरह, मैं केवल मछली की आँख देख सकता हूँ। हम जातीय जनगणना कराएंगे। आप जितनी बार चाहें मुझे गाली दे सकते हैं।”
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उन्होंने दावा किया कि अनुराग ठाकुर ने “उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनका अपमान किया”, लेकिन उन्होंने आगे कहा, “मैं उनसे माफ़ी नहीं चाहता। मुझे इसकी ज़रूरत नहीं है।”
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी हस्तक्षेप किया और पूछा, “आप किसी की जाति कैसे पूछ सकते हैं? आप किसी की जाति नहीं पूछ सकते।”
अखिलेश यादव ने कहा कि माननीय मंत्री रहे हैं, बड़े दल के नेता हैं। दुर्योधन तक यहां ले आए। इनसे पूछना चाहता हूं, आपने जाति कैसे पूछ ली ये बताएं बस। कैसे पूछोगे जाति? आप जाति नहीं पूछ सकते।
इस पर आसन पर मौजूद जगदंबिका पाल ने कहा कि इसे एक्सपंज कर दिया। कोई किसी की जाति नहीं पूछ सकता।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम आरक्षण का विरोध करते हैं। ये तय करें कि वे सही थे या ये सही हैं। उसको लागू कर दिया होता तो आज ओबीसी के अधिकारी भी ज्यादा होते। इन्होंने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा तक नहीं दिया। मोदी जी ने दिया।
उन्होंने जवाहरलाल नेहरू का बयान याद दिलाया और कहा कि आप माफी मांगोगे कि नहीं इसके लिए। मैंने किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन कोई क्यों खड़ा हुआ? अल्पसंख्यक के रूप में किसी को राष्ट्रपति बनाया गया तो कलाम जी को वाजपेयी जी के नेतृत्व में बनाया गया। रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया गया तो मोदी की सरकार में। एसटी महिला को बनाया गया तो मुर्मू जी को बनाया गया।
ठाकुर ने आगे कहा कि एमएसपी की बात करते हैं, कर्नाटक में 1200 किसानों ने आत्महत्या की। गए क्या आप उनसे मिलने के लिए? ओबीसी के लिए ओबीसी का कोटा खत्म करके मुस्लिम आरक्षण की कोई बात करता है तो आपकी आंध्र कर्नाटक की सरकारें करती हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा, “अग्निवीर को लेकर अखिलेश यादव ने मेरा नाम लेकर कहा है। चार परमवीर चक्र विजेता हुए जिनमें दो हमारे हिमाचल से हुए। अग्निवीर योजना में सौ फीसदी गारंटी है नौकरी की। मैं 124वीं टेरिटोरियल आर्मी में कैप्टन के पद पर कार्यरत हूं, इसलिए मुझे कुछ न बताएं।”
इस पर अखिलेश ने कहा, ‘मैं आपका दर्द समझता हूं, आपको मंत्री नहीं बनाया गया लेकिन मुझे बीच में मत रोकिए। आप इसलिए परेशान हैं क्योंकि अब आप मंत्री नहीं हैं और जब से यूपी में बीजेपी हारी है, तब से यूपी में बीजेपी सदस्यों को कोई बधाई तक नहीं देता. यही असली मुद्दा है।’
वहीं संसद के बाहर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “राहुल गांधी को उड़ता तीर लेने की आदत है। अनुराग ठाकुर ने किसी का नाम नहीं लिया। आज का सबसे प्रमुख विषय है कि राहुल गांधी ने जो हलवे का मजाक उड़ाया उसके बाद वित्त मंत्री ने जो इसके महत्व को बताया। उसके बाद राहुल गांधी को माफी मांगने की आवश्यकता है।”
अनुराग ठाकुर पर भड़की कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां-
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, “बदतमीजी है, उनसे यह उम्मीद नहीं थी और प्रधानमंत्री से भी उम्मीद नहीं थी कि वे उनका समर्थन करेंगे।”
कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदम्बरम ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि इस तरह के असभ्य व्यवहार का हमारे सार्वजनिक बयान में कोई स्थान नहीं है।”
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा, “यह ठाकुर जी का स्वभाव है। आप उनकी मानसिकता समझ सकते हैं। अगर वह इस स्तर तक गिर कर बोल सकते हैं तो इसका मतलब है कि आपकी नींव कमजोर है।”
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा, “अनुराग ठाकुर जिस तरह से आचरण कर रहे हैं वह सभ्य नहीं है। क्या किसी की जाति पूछना सही है? यह विपक्ष का काम है कि वे मुद्दे उठाएं और सत्ता पक्ष का काम है उनका जवाब देना।”
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा, “अनुराग ठाकुर राहुल गांधी से निपटने के लिए लगातार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन राहुल गांधी ने खुद इस मुद्दे पर विचार रखे हैं। उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखी है, वह अंत तक लड़ेंगे।”
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा, “देश को ये जरूरत है कि हम धर्म और जाति से ऊपर उठकर देश की सेवा करें, भारत माता की सेवा करें। हमारी जाति है देश की सेवा करना और धर्म है भारत माता को आगे बढ़ाना। ये वे लोग हैं जो देश को इसी सांचे में ढालना चाहते हैं जो उनके लिए राजनीतिक रूप से सुविधाजनक हो। उन्होंने जो कहा वह निंदनीय है, मुझे उम्मीद है कि उनके नेता उनसे माफ़ी मांगवाएंगे।”