पश्चिम बंगाल में भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। भाजपा का दावा है कि पश्चिम बंगाल सरकार के एक मंत्री ओडिशा ट्रेन दुर्घटना पीड़ितों के परिवारों को 2,000 रुपये के नोटों में मौद्रिक मुआवजा प्रदान कर रहे थे। पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें कथित तौर पर बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के एक परिवार को 2,000 रुपये के नोटों से भरे कैश बंडल पकड़े हुए दिखाया गया है। मजूमदार के अनुसार, ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना में परिवार के एक सदस्य को खोने के बाद उन्हें मुआवजे के रूप में पैसा मिला था।
মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের নির্দেশে তৃণমূল দলের পক্ষ থেকে নিহতদের পরিবারকে 2 লক্ষ টাকার আর্থিক সাহায্য করছেন রাজ্যের একজন মন্ত্রী। সাধুবাদ জানাই। কিন্তু এপ্রসঙ্গে এই প্রশ্নটাও রাখছি, একসাথে 2000 টাকার নোটে 2 লক্ষ টাকার বান্ডিলের উৎস কি? pic.twitter.com/TlisMituGG
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) June 6, 2023
सुकांत मजूमदार ने एक ट्वीट में कहा, “ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य के एक मंत्री तृणमूल पार्टी की ओर से पीड़ितों के परिवारों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं। मैं सराहना करता हूं। लेकिन इस सिलसिले में मैं यह सवाल भी रख रहा हूं कि 2000 रुपये के नोटों के बंडल का स्रोत क्या है?”
मजूमदार ने यह भी पूछा कि क्या बैंकों में मुद्रा नोट बदलने की प्रक्रिया को देखते हुए पीड़ितों के परिवारों को 2,000 रुपये के नोट देना एक अच्छा निर्णय था?
मजूमदार ने एक दूर ट्वीट में लिखा, ‘वर्तमान में बाजार में 2000 रुपये के नोटों की आपूर्ति कम है और बैंकों के जरिए इन्हें बदलने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में असहाय परिवारों को 2000 रुपये के नोट देकर उनकी समस्याएं बढ़ा दी गई हैं। दूसरा सवाल यह कि क्या यह काले धन को सफेद करने का टीएमसी का तरीका नहीं है?’
मजुमदार के ट्वीट पर टीएमसी नेता और मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘क्या 2000 का नोट अमान्य है? यह वही भाजपा सरकार है जिसने इस नोट को पेश किया था। यह निराधार ट्वीट है। यह कोई अवैध बात नहीं है। आज यदि कोई किसी को 2000 का नोट देता है, तो यह अवैध या काला धन नहीं है।’
इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त यात्रियों से मुलाकात की, जो वर्तमान में कटक के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। बंगाल के मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के यात्रियों के मरने वाले 103 शवों की अब तक पहचान की जा चुकी है, जबकि 30 अभी भी लापता हैं।
बनर्जी ने कहा- “मैंने पहले ही मृतक के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। लगभग 900 लोग जो ट्रेन में यात्रा कर रहे थे और मानसिक और शारीरिक तनाव से गुजर रहे थे, उन्हें 10,000 रुपये दिए जाएंगे।”
अधिकारियों ने कहा कि मरने वाले 288 लोगों में से 83 शवों का पहचान किया जाना अभी बाकी है।
बता दें कि यह भीषण दुर्घटना तब हुई जब चेन्नई की ओर जा रही शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस बगल के ट्रैक पर रुकी हुई मालगाड़ी से जा टकराई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के पीछे के डिब्बे तीसरे ट्रैक से टकरा गए। कोरोमंडल के कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले कुछ डिब्बों से टकरा गए, जो उसी समय वहां से गुजर रही थी।