बीते हफ्ते गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन शूटरों ने खुलासा किया कि वे कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के प्रशंसक थे और उसका अनुकरण करना चाहते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान तीन शूटरों- सन्नी सिंह, अरुण मौर्य और लवलेश तिवारी ने कहा कि पिछले साल मई में पंजाबी रैपर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से वे लॉरेंस बिश्नोई के प्रशंसक बन गए थे।
हत्यारों ने बताया कि उन्होंने पहले कई बार लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू देखे हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ कि तीनों शूटरों में सन्नी सिंह सबसे खतरनाक था। सन्नी सिंह पर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं और उसने ही अन्य दो शूटरों को अपने साथ लाकर हत्या के लिए उकसाया था।
इस दोहरे हत्याकांड के बाद से कई सवाल उठ रहे हैं। जैसे कि गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले इन आरोपियों ने मर्डर के लिए महंगे विदेशी हथियारों की इस्तेमाल किया। ऐसे में इन्हें इतने महंगे हथियार किसने मुहैया कराए। इस हत्याकांड को लेकर विपक्ष भी यूपी सरकार पर जमकर हमला बोल रहा है।
मालूम हो कि 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में पुलिस हिरासत में अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल मामले में आरोपी अतीक और अशरफ मेडिकल जांच के लिए जा रहे थे और मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे, जब उन्हें गोली मार दी गई थी। पूरी घटना कैमरे में लाइव कैद हो गई थी। गोली मारने वाले तीन हमलावरों ने अपने आप को पत्रकारों के रूप में पेश किया था और पुलिस की मौजूदगी में अतीक और अशरफ को खत्म करने के लिए जिगाना पिस्तौल का इस्तेमाल किया था। गोली मारने के बाद, हमलावरों को पुलिस ने पकड़ लिया और फिर कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस की एक प्राथमिकी के अनुसार, तीनों शूटरों ने कहा कि वे “लोकप्रिय और बड़े गैंगस्टर बनने के लिए” गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मारना चाहते थे। शूटरों ने कहा कि उन्होंने अतीक और अशरफ को मार डाला क्योंकि वे अपराध की दुनिया में कुछ बड़ा हासिल करना चाहते थे।