इंटरपोल ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस वापस ले लिया है। इस नोटिस वापस लेने के बाद से अब चोकसी पूरी दुनिया में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकेगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि विपक्ष के लिए प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो का इस्तेमाल किया गया, जबकि ‘दोस्त’ को राहत दी गई।
एक ट्वीट में, गांधी ने कहा: “विपक्ष को ईडी-सीबीआई, मित्रों को रिहा। मोदानी मॉडल मतलब पहले लूटो, फिर बिन सजा के छूटो।
विपक्ष को ED-CBI, मित्र को रिहाई!
‘मोडानी मॉडल’ मतलब पहले लूटो, फिर बिन सज़ा के छूटो। pic.twitter.com/t0LGDWRcso
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 21, 2023
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि पीएम के “मेहुल भाई” को रिहा किया जा रहा है।
खड़गे ने ट्वीट में कहा- “विपक्षी नेताओं के लिए ED-CBI, पर मोदी जी के “हमारे मेहुल भाई” के लिए इंटरपोल से रिहाई ! जब “परम मित्र” के लिए कर सकते हैं संसद ठप्प, तो “पुराना मित्र” जिसको किया था 5 साल पहले फ़रार, भला उसकी मदद से कैसे करें इंकार? डूबे देश के हज़ारों-करोड़, “न खाने दूंगा” बना जुमला बेजोड़”!
विपक्षी नेताओं के लिए ED-CBI, पर मोदी जी के "हमारे मेहुल भाई" के लिए इंटरपोल से रिहाई !
जब "परम मित्र" के लिए कर सकते हैं संसद ठप्प,
तो "पुराना मित्र" जिसको किया था 5 साल पहले फ़रार,
भला उसकी मदद से कैसे करें इंकार?डूबे देश के हज़ारों-करोड़,
"न खाने दूंगा" बना जुमला बेजोड़ !— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 21, 2023
मालूम हो कि 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) इंटरपोल द्वारा वापस ले लिया गया है। चोकसी के वकील, विजय अग्रवाल ने कहा: “कानूनी टीम के प्रयासों और मेरे मुवक्किल के मामले की वास्तविकता के कारण, उसका आरसीएन रद्द कर दिया गया है, और अंततः सत्य की जीत हुई है।”
केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उसके और उसके भतीजे, नीरव मोदी के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के कुछ ही दिन पहले मेहुल जनवरी 2018 में भारत से भाग गया था।
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने भी चोकसी के मामले पर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि किस मंत्री ने चोकसी को भारत छोड़ने में मदद की और बीजेपी का उनसे क्या संबंध है? उन्होंने पूछा कि सरकार ने चोकसी के खिलाफ इंटरपोल को पुख्ता सबूत क्यों नहीं दिए? उन्होंने पूछा- “सरकार ने उन्हें एंटीगुआ की नागरिकता प्राप्त करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र क्यों दिया? क्या यह सच नहीं है कि प्रधानमंत्री खुद उन्हें ‘मेहुल भाई’ कहते थे?
बता दें कि मेहुल चोकसी ने हाल ही में एंटीगुआ उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर कर मामले में भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया था। याचिका में कहा गया था कि दो भारतीय एजेंटों, संभवतः रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के एजेंटों ने उन्हें जून 2021 में एंटीगुआ से अगवा कर लिया और जबरन डोमिनिका रिपब्लिका ले गए। 2018 में, भारत ने एंटीगुआ से चोकसी को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया, जो उसी वर्ष एंटीगुआन नागरिक बन गया। हालांकि चोकसी अब भारतीय नागरिक नहीं है। अधिकारियों ने अभी तक उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द नहीं किया है। मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी को अंजाम देने का आरोप है, जो अनुमानित लगभग 2 बिलियन डॉलर है।