कंझावला केस को लेकर दिल्ली पुलिस पर पहले से ही लापरवाही के आरोप लग रहे हैं और अब कोर्ट ने भी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। इस मामले में अभी तक सबूत नहीं जुटा पाने को लेकर कोर्ट ने बहुत ही कड़ा रवैया अपनाते हुए पूछा कि पुलिस एक बार में सारे CCTV फुटेज इकट्ठे क्यों नहीं करती है? क्या पुलिस सबूतों से छेड़छाड़ के इंतजार में बैठी है? रोहिणी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि आप कब तक CCTV खोजते रहेंगे? कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर सबूत जुटाने में पुलिस को कितना वक्त लगेगा?
इस मामले में 9 जनवरी को कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट में जब आरोपियों को पेश किया गया तो कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने जोर देकर पूछा कि पुलिस एक बार में सारे CCTV फुटेज इकट्ठे क्यों नहीं करती है?
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा- आपको पिछले चार दिनों में कितने CCTV फुटेज मिले? इस पर जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि अब तक उन्हें 6 फुटेज हाथ लगे हैं। जांच अधिकारी ने अपनी सफाई में कहा कि रास्ता अधिक लंबा (जहां अंजलि को घसीटा गया) होने की वजह से समय लग रहा है। CCTV फुटेज से पता चला है कि आरोपी अपनी गाड़ी से नीचे भी उतरे थे। आरोपियों को पता था कि लड़की गाड़ी में फंसी है। इसके बावजूद वह गाड़ी चलाते रहे।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि कार से उतरकर लड़की को देखने वाले आरोपियों में से दो की पहचान हो गई है। जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि पहले आरोपियों ने कहा था कि वे कार से एक भी बार नहीं उतरे लेकिन सीसीटीवी में साफ देखा गया है कि आरोपी नीचे उतरे और उन्होंने लड़की को भी देखा था। कोर्ट ने जांच की स्पीड पर भी सवाल खड़े किए। कोर्ट ने पूछा कि एक बार में क्यों सभी सीसीटीवी फुटेज नहीं निकाले जा रहे हैं?
कोर्ट ने जांच अधिकारी को कहा कि आप तो 90 दिनों तक सिर्फ सीसीटीवी-सीसीटीवी करते रहेंगे। क्या आप जानते हैं कि उस इलाके में कितने सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं? आपको सबूत जमा करने में कितना समय जाएगा? आप किस चीज का इंतजार कर रहे हैं? क्या सबूतों के साथ छेड़छाड़ का इंतजार कर रहे हैं? कोर्ट की इस फटकार पर पुलिस सिर्फ इतना ही बता पाई कि उन्हें पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है। जांच अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपी लगातार गुमराह करने का काम कर रहे हैं। पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया कि मामले में आरोपी आशुतोष की भूमिका पर और ज्यादा जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में साजिश के एंगल को नकारा नहीं जा सकता है और इस दिशा में भी तफ्तीश जारी है। इस समय आरोपियों को आमने सामने बिठाकर भी पूछताछ की जा रही है। जांच अधिकारी ने कोर्ट को इन्फॉर्म किया कि फेस रिकॉगनिजेशन के जरिए सीसीटीवी से चेहरे की पहचान की जा रही है।
बता दें कि नए साल के पहले ही दिन कंझावला में अंजलि की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी। इसके बाद कार ने उसे कई किलोमीटर तक घसीटा जिसमें उसकी मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि घटना के समय अंजलि के साथ स्कूटी पर उसकी दोस्त निधि भी थी। दिल्ली पुलिस ने इस केस में निधि को सबसे बड़ा गवाह माना है। उसके बाद निधि मीडिया के साने आई और अंजलि पर शराब पीने का आरोप लगाया और कहा कि नशे में होने के बावजूद अंजलि स्कूटी चलाना चाहती थी। इस केस में एक नया मोड़ तब आया जब नवीन मीडिया के सामने आया। नवीन ने बताया कि अंजलि निधि ने होटल में उस रात पार्टी की थी और फिर दोनों के बीच हाथापाई हुई थी। निधि ने पूछताछ में पुलिस से हाथापाई वाली बात छुपाई थी। इस मामले में 7 जनवरी को खुलासा हुआ कि मृतका अंजलि की दोस्त निधि को ड्रग्स तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।