गुजरात के मोरबी पुल हादसे को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं की अलग अलग राय है. इसका सीधा मतलब ये है कि पार्टी दो खेमों में बंट गई है. पार्टी नेताओं का बड़ा तबका गुजरात सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए उन्हें घेरने के हक में है तो दुसरे तबके का कहना है कि इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और इस मामले को बहुत ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं का मानना है कि ये घटना, राज्य सरकार द्वारा बरती गई घोर लापरवाही का मामला है, इसलिए इसको लेकर हमलावर होना राजनीति नहीं है. तो वहीँ दूसरी तरफ पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश का माना है कि इस मामले को तूल देने की आवश्यकता नहीं है. इस मामले पर सियासी बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। रमेश कहते हैं कि इस मसलें में हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देना ही काफी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जयराम रमेश के मत से सहमत दिखे और उन्होंने भी जयराम की ही लाइन पर इस मामले में बयान दिया है.
दिग्विजय सिंह और मल्लिकार्जुन खड़गे आज हैदराबाद में हैं जहाँ .पार्टी नेता राहुल गांधी भी है. संभव है कि दोनों नेता राहुल से मिलकर इस मुद्दे पर अपनी राय रखकर बातचीत करेंगे.
मंगलवार दोपहर के बाद जयराम ने भी आक्रामक रुख अपना लिया-
मंगलवार दोपहर बाद जयराम रमेश ने कहा, ‘जहां हम हवाई जहाज बनाने वाले हैं, वहां हम एक पुल नहीं बना सकते. कांट्रैक्टर को कॉन्ट्रैक्ट किसने दिया सरकार ने दिया. पीएम अस्पताल जा रहे हैं. आज तक कैसा था. आज रंगाई हो रही है. नकली और फेक मॉडल है, गुजरात मॉडल.’
मोरबी हादसे को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था की, ‘गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे की खबर बेहद दुखद है. ऐसे मुश्किल समय में मैं सभी शोकाकुल परिवारों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की हर संभव सहायता करें और लापता लोगों की तलाश में मदद करें’.
मोरबी हादसे पर दिग्विजय सिंह का बयान क्या था?
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर सवाल पूछा था कि, ‘क्या गुजरात के मोरबी जिले में माच्छू नदी पर बने केबल पुल का गिरना दैवीय घटना है या धोखाधड़ी का कृत्य?’. दिग्विजय ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी के उसी वाक्य को दोहराया जिसे पीएम ने 31 मार्च, 2016 को कोलकाता में एक फ्लाईओवर गिरने के बाद ममता बनर्जी की सरकार पर कटाक्ष करते कहा था.
दिग्विजय सिंह ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि इस घटना के लिए सरकार जिम्मेदार है और मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि ‘मैं कोई राजनीति नहीं करना चाहता, लेकिन मुझे पता चला है कि जब रविवार शाम पुल गिरा, तब बीजेपी के मंत्री, सांसद, जिलाधिकारी और मोरबी जिले के पुलिस अधीक्षक पास ही एक स्थान पर बैठक कर रहे थे. उन्होंने बैठक जारी रखी और उसी समय मौके पर नहीं गए.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा था, ‘गुजरात के मोरबी में केबल पुल के टूटने से हुई त्रासदी से गहरा दुख हुआ है. मैं गुजरात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में हरसंभव सहायता और घायलों की मदद करने की अपील करता हूं. मेरी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है.