प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 लाख कर्मियों के लिए नियुक्ति अभियान की शुरुआत की। इस अभियान को ‘रोजगार मेला’ का नाम दिया गया है। इसके तहत पीएम मोदी ने पहले चरण में 75,000 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा। सरकार का लक्ष्य है कि अगले डेढ़ सालों में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
ये नियुक्तियां भारत सरकार के 38 विभागों और मंत्रालयों में समूह ए (राजपत्रित), समूह बी (गैर-राजपत्रित) और समूह सी में नियुक्त किए जाएंगे। इनके अलावा जिन पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी, उनमें केंद्रीय सशस्त्र बल कार्मिक, उप निरीक्षक, कांस्टेबल, एलडीसी, स्टेनो, पीए, आयकर निरीक्षक, एमटीएस आदि शामिल हैं। रोजगार मेले के तहत विभिन्न सरकारी एजेंसियां- संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग और रेलवे भर्ती बोर्ड शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 16 जून को अगले डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियां देने का ऐलान किया था। तब पीएम ने निर्देश दिया था कि केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में जो भी पद खाली हैं, उनमें डेढ़ साल के दौरान मिशन मोड में भर्ती की जानी चाहिए।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक़, सबसे ज्यादा भर्ती रक्षा मंत्रालय में हैं जहाँ 2.5 लाख पद खाली हैं। रेलवे में भी 2.9 लाख पद खाली है। होम मिनिस्ट्री में सी-कैटिगरी के 1.2 लाख पद खाली है। इन 10 लाख नौकरियों में से कुल 23,000 पद राजपत्रित अधिकारियों के हैं, 26 हजार ग्रुप बी के हैं। वहीं गैर-राजपत्रित बी कैटिगरी के भी 92,000 पद खाली हैं। सबसे ज्यादा 8.4 लाख पद सी ग्रुप के हैं जो रिक्त हैं।
शनिवार को देश के अलग-अलग शहरों में केंद्रीय मंत्रियों ने सौंपा नियुक्ति पत्र-
जयपुर – रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव नियुक्ति
चंडीगढ़ – सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर
भोपाल – नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
इंदौर – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार
मुंबई – वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल
गुवाहाटी – बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
भुवनेश्वर – शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
पटियाला – पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी
चेन्नई – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
शिलांग – कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू
दिल्ली – केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह
प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार मेले के शुभारंभ के बाद अपना संबोधन दिया जिसमे उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था, आत्मनिर्भर भारत, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, स्टार्टअप इंडिया अभियान समेत अन्य पहलुओं पर अपनी राय रखी।
पीएम ने कहा कि पिछले आठ सालों से देश में रोजगार और स्वरोजगार का जो अभियान चल रहा है, उसमें आज एक और नई कड़ी जुड़ गई है जब रोजगार मेले के तहत सरकार 75 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दे रही है। पिछले 8 सालों में लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं और आने वाले महीनों में भी लाखों युवाओं को सरकार द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
देश की अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. पिछले 8 सालों के अंतर्काल में हमने 10वें नंबर से 5वे नंबर तक की छलांग लगाई और ऐसा सिर्फ इसलिए मुमकिन हो पाया क्योंकि पिछले 8 सालों में हमने देश की अर्थव्यवस्था की उन कमियों को दूर किया है, जो विकास में बाधाएं पैदा करती थीं।
आत्मनिर्भर भारत के विषय में पीएम ने कहा कि हमार देश भारत अब कई मायनों में आत्मनिर्भर बन रहा है। 21वीं सदी में हम आत्मनिर्भर मिशन पर काम कर रहे हैं। भारत आयातक से निर्यातक की भूमिका में आ रहा है। भारत अब ग्लोबल हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा हैं।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पीएम ने कहा कि इस योजना के तहत युवाओं को अलग अलग उद्योगों में चल रहे कामों के ट्रेनिंग देने का एक बड़ा अभियान चल रहा है। अभी तक इसके तहत सवा करोड़ से अधिक युवाओं को ट्रेन किया जा चुका है। पीएम मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार जिक्र किया और कहा कि इसका एक उदाहरण, हमारी खादी और ग्रामोद्योग है। उन्होंने बताया कि देश में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग, एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का हो चुका है।
स्टार्टअप इंडिया को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की इस अभियान ने हमारे देश के युवाओं के सामर्थ्य को पूरे विश्व में स्थापित किया है। देश में 2014 में जहां कुछ सौ स्टार्टअप ही थे, वहीँ आज ये संख्या 80 हजार के पार जा चुकी है।
देश में रोजगार को लेकर क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े?
इस साल 27 जुलाई 2022 को लोकसभा में सरकार के द्वारा दिये गए आंकड़ों के मुताबिक, मई 2014 से अब (जुलाई 2022) तक 7 लाख 22 हजार 311 आवेदकों को सरकारी नौकरी दी गई। पिछले 8 सालों में कुल 220599238 लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया, जिसमे से 722311 लोगों का सिर्फ चयन हुआ जो कि कुल आवेदन की तुलना में सिर्फ 0.33 फीसदी ही है।
सरकार ने संसद में हर साल का अलग अलग ब्यौरा पेश किया जिसके अनुसार-
साल 2018-19 में 38,100 लोगों को सरकारी नौकरी मिली जबकि 5,करोड़ 9 लाख 36 हजार 479 लोगों ने आवेदन किया था। इसी तरह, साल 2019 -20 में महज 1,47,096 लोगों को ही सरकारी नौकरी मिली। 2020-21 में सबसे कम 1.80 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था क्योंकि ये कोरोना का समय था।
आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि औसतन हर साल 2.75 करोड़ लोग आवेदन करते हैं, जबकि हर साल औसतन सिर्फ 90288 लोगों को रोजगार मिलता है।