प्रयागराज: ऋतुराज बसंत के आगमन और विद्या की देवी सरस्वती की उपासना का पर्व बसंत पंचमी आज देश भर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रयागराज के संगम में सरस्वती की धारा की मान्यता की वजह से देश के कोने-कोने से स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु त्रिवेणी के तट पर गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की धारा में डुबकी लगाकर विद्या की देवी सरस्वती की आराधना कर उनसे ज्ञान व सदबुद्धि की कामना कर रहे हैं। संगम पर लगे माघ मेले के तमाम पंडालों में सरस्वती की पूजा और आरती कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश की जा रही है। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने मां गंगा से प्रदेश में होने वाले चुनाव में सबके हित वाली सरकार बने साथ ही साथ कोरोना महामारी भी जल्द से जल्द दूर हो इसकी भी प्रार्थना कर रहे है।
माघ शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि शनिवार को बसंत पंचमी मनाई गयी। माघ मेले के चौथे प्रमुख स्नानपर्व वसंत पंचमी पर कल्पवासी सहित बड़ी संख्या में पहुंचे स्नानार्थी संगम सहित गंगा और यमुना के विभिन्न घाटों पर डुबकी लगायी।स्नान के बाद घाटों पर ही पूजन, तिलकार्चन के अतिरिक्त श्रद्धालु यथासंभव दान दक्षिणा भी दिया।शिविरों में याज्ञिक अनुष्ठान भी हुए।लेकिन इस श्रद्धा के भाव में कोरोना की बंदिशें हर कदम पर टूटीं। मेला क्षेत्र में प्रवेश करते लोगों की थर्मल स्कैनिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई। शहर के हर्षवर्धन चौराहे से लेकर परेड तक और त्रिवेणी बांध से लेकर संगम मार्ग तक स्वास्थ्य टीम की सक्रियता लोगों की बढ़ती भीड़ के आगे बेबस रही। थर्मल सकैनिंग 10 की हो पाती और करीब 100 लोग एक ही झटके में बिना जांच ही आगे बढ़ते रहे। स्नान पर्व पर आए श्रद्धालु भी गंगा मैया पर सब छोड़ पूरी बेफिक्री से आगे बढ़ते रहे। उधर त्रिवेणी अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहा। डाक्टर आग तापते मरीजों का इंतजार करते रहे।
वसंत पंचमी का स्नान पर्व सुबह से ही आरंभ हो गया था। वैसे तो भोर से श्रद्धालु स्नान करने के लिए संगम व गंगा घाटों पर पहुँचने लगे हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम रही। भद्रा लगने व पंचमी तिथि न होने के कारण भीड़ सुबह कम रही। सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त लगने से स्नान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी। माघ मेले के चतुर्थ स्नान पर्व वसंत पंचमी के अवसर पर दोपहर 12 बजे तक लगभग लाखों लोग स्नान कर चुके थे।वसंत पर सरस्वती पूजन के अतिरिक्त मेले के विभिन्न शिविरों में उपनयन संस्कार सहित नाक, कर्ण छेदन संस्कार भी कराए जाएंगे। वसंत पर डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से शुक्रवार को मेला क्षेत्र में विभिन्न पांटून पुलों पर जाम जैसी स्थिति रही।विद्वत आचायों की ओर से वैदिक कर्मकांड विधि से सनातनी बाल बटुकों का यज्ञोपवीत कराया जाएगा। इसके लिए विभिन्न शिविरों में शुक्रवार को ही पहुंचकर बटुकों ने ठौर लिया। शिविरों में आचार्यों की ओर से विद्यारंभ संस्कार भी कराया जाएगा। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के त्रिवेणी मार्ग स्थित शिविर में 51 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया जाएगा। भागीरथी लोक सेवा संस्थान की ओर से सेक्टर-2, पांटून पुल-3 के करीब स्थित शिविर में सुबह नौ बजे से यज्ञोपवीत संस्कार कराए जाएंगे।वसंत पंचमी पर शनिवार को पूरे दिन स्नान का मुहूर्त रहा।वसंत पंचमी पर जीटीबी नगर सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से सुबह 11 बजे सरस्वती पूजन के बाद खिचड़ी वितरण किया गया।इसी क्रम में चौफटका में श्री काली मंदिर परिसर में सुबह 11 बजे से सरस्वती पूजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।