नई दिल्ली: देश में बढ़ती महंगाई और घरेलू खाने पीने की चीजों के बढ़ते दामों पर आज फिर से केंद्र सरकार को घेरते हुये कहा मोदी सरकार ने रसोई में अब धारा 144 लागू कर दी हैं। प्याज़ और टमाटर जैसे रोजमर्रा की वस्तुएं आम।आदमी की थाली से दूर होती जा रही हैं। महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ रखी हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को हुलड़ मुरादाबादी के एक बात का जिक्र करते हुये कहा “भूख, महंगाई, गरीबी इश्क मुझसे कर रही हैं, एक होती तो निभाता, तीनों मुझ पर मर रही हैं”।
आज मोदी जी ने हालत खराब की है इस देश की, टमाटर और प्याज की ये स्थिति है कि जैसे किचन में इन दोनों चीजों पर 144 धारा लगी हुई हो। 4 से ज्यादा नहीं रख सकते, इतने महंगे हो गए हैं, टमाटर, भिंडी,प्याज, शिमला मिर्च, जो पिछले साल इस वक्त कीमत थी, उससे कहीं ज्यादा आज टमाटर, 100 से 120 रुपए इसी शहर में बिका है। प्याज- भिंडी, भिंडी 120 रुपए किलो, ये हैं असली मुद्दे और ये सब क्यों हो रहा है? क्यों आज प्याज 50 रुपए किलो है, शिमला मिर्च सौ से एक सौ बीस रुपए बिक रही है? ये हैं मुद्दे। इस पर सरकारें बननी और बिगड़नी चाहिए।
विपक्ष लगातार इन जरूरी मुद्दों पर अपनी आवाज उठा रहा है-
डीएपी, डीजल और जो तमाम कृषि उपकरणों पर जीएसटी लगाया गया है। प्री कोविड जो हुआ, सबने देखा। ड्यूरिंग कोविड जो हुआ, हम सबने देखा। पोस्ट कोविड की कोई तैयारी नहीं थी, वो आज दिख रहा है। 30 नवम्बर को मुफ्त अनाज योजना भी बंद हो जाएगी।
30 नवम्बर को मुफ्त अनाज योजना भी बंद हो रही हैं।
ये आपकी तैयारी है, पोस्ट कोविड को डील करने की। कोविड के बाद, जब लोग अपनी बची हुई जिंदगी को समेटने का प्रयास कर रहे हैं, अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने का प्रयास कर रहे हैं, उस वक्त तो उनको सहारे की सबसे ज्यादा जरुरत है और आप उस वक्त हाथ खींच रहे हैं। तो बड़े दर्द के साथ हम बार-बार ये मुद्दे उठाते हैं और आप सबसे निवेदन करते हुए उठाते हैं कि साहब, इन्हीं मुद्दों पर रखिए, राजनैतिक संवाद को, क्योंकि यही मुद्दें हैं, जो लोगों के काम आने वाले हैं। यही मुद्दे हैं, जो लोगों को दुख पहुंचा रहे हैं।
लोग ठगा हुआ महसूस करते हैं, जब सुबह दूध खरीदते हैं, सब्जी खरीदते हैं, फल खरीदते हैं, तेल खरीदते हैं। तेल और टमाटर और प्याज, आलू में तो आपस में जैसे प्रतियोगिता चल रही है कि मैं आगे जाऊँगा, नहीं, मैं आगे जाऊँगा। सुबह से शाम तक हम और आप जब संघर्ष करते हैं।
रेडीमेड कपड़ें और चप्पल भी हुआ महंगा-
रेडीमेड कपड़ों पर और चप्पल पर भी टैक्स, ये वही चप्पल है, जिसको पहनकर मोदी जी कहते थे, हवाई जहाज में यात्रा की जाएगी, चप्पल पर भी जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया जाता है। सुना है, ज्वैलरी पर भी होने वाला है। आप बताइए कि अगर इस तरह से इन उत्पादों पर जीएसटी इतना बढ़ा दिया जाएगा, तो चोरी बढ़ेगी या घटेगी? ब्लैक इकॉनमी बढ़ेगी या घटेगी?
असली समस्या पेट्रोल-डीजल, खाने का तेल, टमाटर, भिंडी, आलू, पर महंगाई की मार, नोटबंदी से शुरु हुआ वो सिलसिला आज यहाँ आकर हम खड़े हैं, जहाँ दिन का खर्च चलाना संभव नहीं है, छोटे शहरों में, बड़े शहरों में, गांव- देहात में सब जगह।