प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद भारत-मालदीव संबंधों पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘याराना जारी रहेगा…’। शीर्ष नेताओं ने यह भी कहा कि दोनों देश भविष्य में कई परियोजनाओं पर सहयोग करेंगे। मोदी-मुइज्जू बैठक के बारे में प्रेस को जानकारी देते समय, मिस्री को एक मीडिया प्रश्न का सामना करना पड़ा, जिसमें भारत-मालदीव संबंधों में अचानक बदलाव के बारे में पूछा गया। एक मीडियाकर्मी ने पूछा- “मालदीव के साथ दूरियां नजरियां में बदल गई, ये क्या इत्तेफाक है?”
इस पर, विदेश सचिव ने समझदारी से हिंदी में जवाब दिया, “दूरियां, नजदीकियां, इत्तेफाक…मुझे नहीं लगता कि आप एक प्रश्न में और अधिक बॉलीवुड फिल्मों के नाम जोड़ सकते हैं, लेकिन मैं कहूंगा, “याराना जारी रहेगा।”
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “दोनों नेताओं के बीच की चर्चा मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों और हमारे द्विपक्षीय संबंधों में मौजूद विस्तार, विकास साझेदारी, लोगों के बीच संबंधों, आर्थिक और व्यापार संबंधों पर केंद्रित थी। मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा शुरू करने का निर्णय लिया गया है अधिकांश चर्चाएं द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित थीं। कुछ क्षेत्रीय मुद्दे भी थे जिन पर भी चर्चा हुई, लेकिन आज वास्तव में ध्यान द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा पर था।”
मालदीव के राष्ट्रपति का कूटनीतिक यू-टर्न:
इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जिन्हें ‘चीन समर्थक’ नेता के रूप में देखा जाता है, ने भारत को एक “मूल्यवान भागीदार और मित्र” कहा और कहा कि कई क्षेत्रों में इसका सहयोग “हमेशा प्राथमिकता रहेगी।”
उन्होंने कहा, “मालदीव कभी भी भारत की सुरक्षा को कमजोर करने के लिए कुछ नहीं करेगा। हालांकि हम विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारे कार्यों से हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से समझौता न हो।”
उनकी यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच एक महीने तक चले राजनयिक गतिरोध के बाद आई है, जिसे कई लोग “राजनयिक यू-टर्न” करार दे रहे हैं।
पीएम मोदी-मुइज्जू की मुलाकात:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद घोषणा की कि दोनों देश भविष्य में कई परियोजनाओं पर सहयोग करेंगे।
भारत ने नकदी की कमी से जूझ रहे मालदीव को 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ट्रेजरी बिल रोल ओवर प्रदान किया, साथ ही दोनों पक्षों ने 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 3,000 करोड़ रुपये के मुद्रा विनिमय समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा, “मैं 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौते के अलावा 30 बिलियन भारतीय रुपये के रूप में सहायता प्रदान करने के भारत सरकार के निर्णय के लिए आभारी हूं, जो वर्तमान में हमारे सामने आने वाली विदेशी मुद्रा संबंधी समस्याओं को हल करने में सहायक होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने रक्षा और सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। एकथा हार्बर प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। इंडियन ओसियन रीजन में स्थिरता और समृद्धि के लिए हम मिलकर काम करेंगे। कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में फाउंडिंग मेंबर के रूप में जुड़ने के लिए मालदीव का स्वागत है। भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं। भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र देश है। हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और सागर विजन में मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है।”
वहीं मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा, “हम (भारत-मालदीव) एक व्यापक विजन दस्तावेज पर सहमत हुए हैं, जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करेगा। व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन में विकास सहयोग, व्यापार और आर्थिक भागीदारी, डिजिटल और वित्तीय पहल, ऊर्जा परियोजनाएं, स्वास्थ्य सहयोग के साथ-साथ समुद्री और सुरक्षा सहयोग शामिल हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव में हनीमाधू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन भी किया।
इस बीच मालदीव में RuPay कार्ड से भुगतान की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू इस तरह के पहले लेनदेन के गवाह बने।
मालूम हो कि मुइज्जू रविवार को पांच दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे। सोमवार सुबह राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया।