दिल्ली पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने 60 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद पार्श्वनाथ डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ संजीव जैन को दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस जैन को गिरफ्तार करने पहुंची, तो उसने कथित तौर पर भागने का प्रयास किया, जिसके बाद उसका पीछा किया गया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने कहा, “राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता के लिए सीईओ के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट के बाद जैन को शाहदरा की एसटीएफ टीम ने आईजीआई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया।”
18 जुलाई 2024 को संजीव कुमार को आयोग में पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुआ। जिसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। तीन अगस्त को पुलिस को संजीव के बारे में गुप्त सूचना मिली, पुलिस ने 60 किलोमीटर तक उसका पीछा किया और एयरपोर्ट के पास से गिरफ्तार कर लिया।
नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन की ओर से संजीव जैन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। जैन के खिलाफ शाहदरा थाने में चार गैर जमानती और एक जमानती वारंट पेंडिंग थे। गैर जमानती वारंट के अनुपालन में पुलिस कार्रवाई करने पहुंची। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए संजीव जैन ने फरार होने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस की टीम ने भी पार्श्वनाथ डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ का पीछा किया।
नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन के संयुक्त रजिस्ट्रार ने 18 जुलाई को जैन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। शिकायतकर्ता रजत बब्बर और एक अन्य पक्ष और जैन के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब रजत बब्बर ने 2017 में शिकायत दर्ज कराई थी।
एक बयान में कहा गया, “जैन के खिलाफ शाहदरा पुलिस स्टेशन में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के चार गैर-जमानती वारंट और एक जमानती वारंट पेंडिंग थे।”
जैन को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष पेश किया गया।