सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में तीन आईएएस अभ्यर्थियों की मौत पर संज्ञान लिया और इस घटना को “आंखें खोलने वाली” करार दिया। अदालत ने कोचिंग सेंटरों को “डेथ सेंटर” भी कहा और कहा कि ये छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अदालत ने कहा, “कोचिंग सेंटर छात्रों के जीवन के साथ खेल रहे हैं और मौत का घर बन गए हैं।” अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा नियमों को लागू किया जा रहा है?
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस मामले में कोर्ट की मदद करने को कहा। अदालत ने उल्लेख किया कि यदि कोचिंग सेंटर सुरक्षा मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तो उन्हें ऑनलाइन मोड में ले जाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोचिंग सेंटर डेथ सेंटर बन गए है। कोर्ट ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए छात्रों के जीवन के साथ कोचिंग सेंटर खेल रहे है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर की घटना आंखें खोलने वाली घटना है।
घटना पर दिल्ली सरकार और केंद्र को नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हमें यकीन नहीं है कि एनसीटी दिल्ली या भारत सरकार द्वारा अब तक क्या प्रभावी उपाय किया गया है। हाल ही में अपने करियर के लिए कोचिंग सेंटरों में शामिल होने वाले कुछ युवाओं की जान लेने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सभी के लिए आंखें खोलने वाली हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी संस्थान को तब तक संचालन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जब तक कि वे सुरक्षा मानदंडों का पालन न करें। कोर्ट ने एजी को इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि हमारा ये सोचना है कि अगर कोचिंग सेंटर सेफ्टी नॉर्म का पालन नही करते हैं तो इनको ऑन लाइन मोड में कर दिया जाना चाहिए, लेकिन फिलहाल हम ये नही कर रहे है।
कोर्ट ने कहा कि मानदंडों में उचित वेंटिलेशन, सुरक्षा मार्च, हवा और रोशनी शामिल होना चाहिए।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर कोचिंग सेंटर हादसे से संबंधित दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद एमसीडी और डीडीए को अग्नि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन कर चल रहे कोचिंग संस्थानों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ कोचिंग सेंटर ऑर्गनाइजेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
मुखर्जी नगर कोचिंग सेंटर में लगी आग से संबंधित मामले में दायर याचिकाओं पर संज्ञान लेने के बाद जून 2023 में सुनवाई शुरू की थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि जिन कोचिंग संस्थानों के परिसर के बाहर बिजली के उपकरण लगे है उन्हें दूसरे स्थानों पर स्थापित किया जाए, क्योंकि वे आम लोगों के लिए खतरे का सबब है।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी गौतम नारायण ने कोर्ट को बताया था कि इंस्पेक्शन से पता चला है कि, वे अभी भी एक नए मैनेजमेंट या नाम के साथ काम कर रहा है। एमिकस क्यूरी ने कहा था कि कोचिंग परिसर अग्नि सुरक्षा से जुड़ी जरूरतों का पालन नहीं कर रहे थे।
मुखर्जी नगर में 15 जून 2023 को कोचिंग सेंटर में आग लगी थी, जिसपर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया था। हाई कोर्ट ने बिना फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के चल रहे कोचिंग सेंटर को बंद करने का आदेश दिया था। साथ ही फायर सर्विस ऑथोरिटी को ऑडिट करने का निर्देश देते हुए यह पता लगाने को कहा था कि ऑथोरिटी यह पता लगाएं कि ऐसी इमारतों के पास फायर सेफ्टी है या नही।
अदालत कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में आग और सुरक्षा मानदंडों का पालन करने में विफलता के लिए कोचिंग संस्थानों के प्रसार पर दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों को चुनौती दी गई थी।
अदालत ने अपील खारिज कर दी और कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
मालूम हो कि 27 जुलाई को भारी बारिश के बाद बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण मध्य दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर में राऊ आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी।
घटना में मरने वाले तीन अभ्यर्थियों की पहचान तानिया सोनी (25), श्रेया यादव (25) और नवीन डेल्विन (28) के रूप में हुई।