कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पार्टी नेता और अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ केरल के वायनाड में भूस्खलन स्थल का दौरा किया। कांग्रेस नेताओं ने इलाके के हालात का जायजा लिया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भूस्खलन में बचे लोगों और घायलों से मिलने के लिए वायनाड अस्पताल, मेप्पाडी सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और सेंट जोसेफ स्कूल में राहत शिविरों का दौरा किया।
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वायनाड में लोगों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “यह वायनाड के लिए, केरल के लिए और देश के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह देखना दर्दनाक है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है। हम मदद करने की कोशिश करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि बचे लोगों को उनका हक मिले। इनमें से बहुत से लोग स्थानांतरित होना चाहते हैं। यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है। मैं डॉक्टरों, नर्सों, प्रशासन और स्वयंसेवकों सहित सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
उन्होंने कहा, “आज मैं महसूस कर रहा हूं कि जब मेरे पिता का निधन हुआ था तो मुझे कैसा महसूस हुआ था। यहां लोगों ने सिर्फ एक पिता नहीं बल्कि एक पूरा परिवार खो दिया है। हम सभी इन लोगों के सम्मान और स्नेह के आभारी हैं। पूरे देश का ध्यान वायनाड की ओर है।”
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गांधी ने कहा, “मेरे लिए यह एक राष्ट्रीय आपदा है। अभी राहत-बचाव और सहायता का वक्त है। मुझे वायनाड के लोगों की सहायता की चिंता है ना कि राजनीति की। अभी समय यह सुनिश्चित करने का है कि सभी तरह की सहायता मिले। मुझे अभी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। मुझे वायनाड के लोगों में दिलचस्पी है। मुझे पता है कि अपनों को खोने का गम क्या होता है। मैं गौरवान्वित हूं कि वायनाड के साथ इस घड़ी में वायनाड के लोग, देश के लोग खड़े हैं। यह वायनाड, केरल और पूरे देश के लिए एक भयावह त्रासदी है। हम परिस्थिति को देखने आए हैं और यहां पर परिस्थिति दर्दनाक है। हम पीड़ितों की सहायता की पूरी कोशिश करेंगे।”
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भूस्खलन प्रभावित पीड़ितों से मुलाकात के बाद कहा, “हमने पूरे दिन लोगों से मुलाकात की है जो इस आपदा से जूझ रहे हैं। हम लोगों को हर संभव सहायता के लिए यहां आए हैं। ऐसे समय में हमें कष्ट से गुजर रहे लोगों की मदद के लिए आगे आने की जरूरत है। प्रशासन और राज्य सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है। आपदा से प्रभावित ज्यादातर लोगों का कहना है कि वे उसी इलाके में रहना चाहते हैं। हमें उसके पुनर्वास लिए कोई समाधान निकालना होगा।”
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि केरल के वायनाड में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में भारी भूस्खलन के बाद कम से कम 289 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए। सेना ने लगभग 1,000 लोगों को बचाया है और 220 लोग अभी भी लापता हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रयासों के समन्वय के लिए सेना द्वारा कोझिकोड में एक कमांड और कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, “बचाव अभियान के लिए कम से कम 1,500 सेना कर्मियों को तैनात किया गया है। हमने फोरेंसिक सर्जनों को भी तैनात किया है।”
भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में वायनाड और कई अन्य जिलों में और बारिश की भविष्यवाणी की है। इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
अमेरिका, रूस, चीन और ईरान समेत कई देशों ने भूस्खलन से हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया है।