भारत की संसद के निम्न सदन लोक सभा के 2024 के चुनावों के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में एलेकट्रनिक वोटिंग मशीनों यानि ईवीएम से एलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया से पंजीकृत देश के 96.88 करोड़ वोटरों में से भारत के चुनावी
इतिहास में रिकॉर्डतोड़ संख्या में 64.2 करोड़ ने इन मशीनों में अपने वोट दर्ज किये। वोटों की ईवीएम से ही की कई राउंड में गिनती और उनकी वॉटर्स वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल यानि वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों से रेंडम मिलान के बाद लगभग सभी परिणामों की आधिकारिक घोषणा की जा चुकी है। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास को ही 8 जून को इस पद की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शपथ दिलाने की तैयारी है।
नई दिल्ली में राष्ट्रपति कार्यालय के अपने मित्रवत सूत्रों से मुझको अपने गांव में मिली जानकारी के अनुसार इस सांविधिक शपथ का दिन उनके ही सुझाव पर तय किया गया। वोटों की गिनती 4 जून की सुबह वोटों की गिनती शुरू हुई थी। एलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसारइस बार के चुनाव में भाजपा ने 236 सीटें जीती हैं जो साफ बहुमत से काम है। लेकिन भाजपा की अगुवाई के नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानि एनडीए को280 सीटें मिल गई जो साफ बहुमत के कुछ करीब है।
कांग्रेस 99 सीटें जीत कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।उसकी अगुवाई के इंडिया अलायंस को भी नई लोक सभा में साफ बहुमत नहीं मिला है पर उसे देर सबेर उन कुछ क्षेत्रीय पार्टियों के इंडिया अलायंस के साथ आ जाने की पूरी उम्मीद है।
नरेंद्र मोदी
भारतीय जनता पार्टी यानि भाजपा के सबसे बड़े नेता नरेंद्र मोदी भारत में आबादी के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में वाराणसी लोक सभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को चार लाख 60 हज़ार वोटों के अंतर से हरा कर तीसरी बार जीते। वैसे इस बार उनकी जीत का अंतर बहुत कम करीब डेढ़ लाख वोटही रहा। उनको इस बार छह लाख 12 हज़ार वोट मिले। इससे पहले वह इस सीट से2014 के लोक सभा चुनावों में जीते थे। इसी सीट पर वह 2019 के लोक सभा चुनावों में 4 लाख 79 हजार 505 वोटों के अंतर से जीते थे। उस बार के लोकसभा चुनावों में भाजपा की अगुवाई के नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानि एनडीए ने 353 सीटें जीती थीं जिनमें 303 भाजपा की थीं। इस बार एनडीए की सरकार बनने पर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले देश के दूसरे ऐसे नेता हो जाएंगे। जवाहरलाल नेहरू भारत की ब्रिटिश हुकमरानी से 14-15 अगस्त की आधी रात के बाद पहले प्रधानमंत्री बने थे और वह नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में उनके मई 1964 में दिल का दौरा पड़ने से हुए निधन तक तीन बार प्रधानमंत्री रहे थे।
अटल बिहारी वाजपेई
नरेंद्र मोदी के खासम-खास और गुजरात के एक अदालती मामले में इस राज्य से तड़ीपार की सजा पा चुके मौजूदा केन्द्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके अमित शाह भी अपने गृह राज्य गुजरात की अहमदाबाद लोक सभा सीट से करीब 7 लाख वोटों के अंतर से जीते हैं। मोदी सरकार में शामिल रक्षा मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके राजनाथ सिंह भी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की उस सीट से जीते हैं जहांसे 1996 के लोक सभा चुनावों में जीतने के बाद भाजपा के अटल बिहारी वाजपेई पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। तब उन्होंने अपनी सरकार बनने के 13 दिनों बाद ही हार मान ली थी। उन्होंने लोक सभा में पेश अपने विश्वास मतप्रस्ताव पर बहस के बीच ही इस पद से अपना इस्तीफा देने राष्ट्रपति के पास जाने की घोषणा कर थी। उसके बाद 1996 के लोक सभा चुनावों में लखनऊ सीट से ही जीते अटल बिहारी वाजपेई फिर प्रधानमंत्री बने थे। वह 1998 के लोक सभाचुनावों के बाद भी प्रधानमंत्री बने थे। उस बार वह उनकी सरकार द्वारा पेशविश्वास मत प्रस्ताव पर पूरी हुई बहस के बाद की वोटिंग में सिर्फ एक मतसे हार गए थे।
संसदीय लोकतंत्र में एक –एक वोट का महत्व तभी #इंडिया_दैट_इज_भारत के हम नागरिकों को ठीक से पता चला कि देश के संसदीय लोकतंत्र में एक –एक वोट का कितना महत्व है। अटल बिहारी वाजपेई अब दिवंगत हो चुके है। भारत के लोगों को यह याद रखनी चाहिए कि उनका जन्म ईसाई समुदाय के लोगों के वार्षिक धार्मिक त्योहार क्रिसमस के दिन 25 दिसंबर 1934 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। लोगों को यह भी याद रखनी चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेई का 16 अगस्त 1918 को नई दिल्ली के आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेड़कल साइन्सेज के अस्पताल में निधन हो जाने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधिकारिक घोषणा इसलिए रोक दी कि तब देश में राष्ट्रीय शोक घोषित करना पड़ता और इसे उनके एक इवेंट की खबर मीडिया में दब जाती।
एक अनार सौ बीमार
भारत का नया प्रधानमंत्री बनने की होड़ में मोदी सरकार के भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी महाराष्ट्र के नागपुर नगर की एक लोक सभा सीट से जीत चुके हैं जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस का मुख्यालय है। वह भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और उनकी आरएसएस के मौजूदा सरसंघचालक मोहन भागवत के काफी करीबी है।अपनी पढ़ाई से पशु-पक्षियों का इलाज करने वाले वेटेनरी डॉक्टर मोहन भागवत वेटनेरी डॉक्टर है पर चुनावी राजनीति की नब्ज पर उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है।
भाजपा की अगुआई के नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट यानि एनडीए की नई सरकार में प्रधानमंत्री पद के लिए #हड़बड़_गड़बड़_गोदी मीडिया ने बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड यानि जेडीएस के नेता नितीश कुमार और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी यानि टीडीपी के नेता नारा चंद्रा बाबू नाउडू यानि एनसीबीएन कों भी दावेदार माना था। पर
इस कायासबाजी में दम नहीं था और यदि कोई बात थी भी तो नरेंद्र मोदी ने दोनों से फोन पर बात कर उनको शांत कर दिया लगता है।
इंडिया अलायंस
कांग्रेस की अगुवाई के इंडिया अलायंस ने 225 सीटें जीत ली हैं पर उसने कुल 295 सीटों पर मतगणना मे आगे रहने का दावा किया है। कांग्रेस को इस बार उन पांच राज्यों में फायदा हुआ जहां उसका पिछले लोक सभा चुनावों में प्रदर्शन अच्छा नहीं था। इंडिया अलायंस की पार्टियों में से कांग्रेस ने 97 , सपा ने 37 , टीएमसी ने 31 , तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की अगुवाई के द्रविड मुनेत्र काषगम यानि डीएमके ने 21 , शिव सेना के संस्थापक रदिवंगत बाला साहब ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के पूर्वमुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के गुट ने 11 , पूर्व रक्षा मंत्री और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी यानि एनसीपी के मराठा नेता शरद पवार के गुट ने 8 , कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्कसिस्ट यानि सीपीएम ने 5 , बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल यानि आरजेडी ने 5 , दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरिवाल की आम आदमी पार्टी यानि आप
ने 3 , भारत आदिवासी विकास पार्टी यानि बीएडीवीपी ने 1 , कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया यानि सीपीआई ने भी 3 , कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्कसिस्ट लेनिनिस्ट यानि भाकपामाले ने 2 , जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुला और उनके बेटे ओमार अब्दुला की जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेस यानि जेकेएनसी ने 2 , झारखंड के दिवंगत मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम के संस्थापक शिबू सोरेन के बेटे और खुद भी मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन की जेएमएम ने 2 , पिछली बार के लोक सभा चुनावों मे हैदराबाद से जीते असदुद्दीन ओवेसी की इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग यानि आईयूएमअल ने 3 , वीसीके पार्टी ने 2 , रिवोल्यूशनरी सोशलिस्टपार्टी यानि आरएसपी , तमिलनाडु की एमडीएमके केसी पार्टी और आरएलटीपी नेएक-एक सीट जीती है।