लोकसभा चुनाव में पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने 250 से ज्यादा जनसभाएं और रोड शो किए, पूरे बिहार का दौरा किया और जमकर प्रचार किया, लेकिन इसके बावजूद राजद को 23 में से सिर्फ 4 सीटों पर जीत मिली। जब हम देखते हैं कि इस लोकसभा चुनाव में राजद ने कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा और कितनी सीटें जीतीं, तो बिहार में पार्टी का स्ट्राइक रेट निराशाजनक – सिर्फ 17% था।
इस बार राजद ने 4 सीटें पाटलिपुत्र, जहानाबाद, औरंगाबाद और बक्सर जीतीं। पाटलिपुत्र से मीसा भारती, जहानाबाद से सुरेंद्र यादव, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा और बक्सर से सुधाकर सिंह ने राजद के लिए सीटें सुरक्षी की।
आंकड़ों पर नजर डालें तो बिहार में लोकसभा चुनाव में राजद से खराब प्रदर्शन केवल दो अन्य पार्टियों – सीपीआई और सीपीएम – ने किया, जिन्होंने बिहार में एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा और दोनों ही जगहों पर हार का सामना करना पड़ा।
लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा उठाते रहे, लेकिन चुनाव नतीजों से ऐसा लग रहा है कि तेजस्वी का कोई भी चुनावी मुद्दा काम नहीं आया क्योंकि जनता ने नरेंद्र मोदी के नाम पर एनडीए को वोट दिया।
दिलचस्प बात यह है कि पिछले कई सालों से बिहार में राजद की सहयोगी रही कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार राजद से काफी बेहतर रहा और 33% के स्ट्राइक रेट के साथ कांग्रेस ने 9 में से 3 सीटों पर जीत हासिल की।
हालांकि, वोट शेयर के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार बिहार में सबसे ज्यादा यानी 22.14% वोट राजद को मिले हैं। उसके बाद 20.52% के साथ बीजेपी दूसरे और 18.52% के साथ जनता दल यूनाइटेड तीसरे स्थान पर है।