लोकसभा चुनाव 2024 में NDA को मिले बहुमत के बाद अब नई सरकार के गठन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। NDA डेलिगेशन ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें सांसदों का समर्थन पत्र सौंप दिया है। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रल्हाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी 9 जून (रविवार) को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
पुराने संसद भवन में एनडीए संसदीय बैठक में बोलते हुए, जोशी ने गठबंधन सहयोगियों से कहा कि शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम 6 बजे होगा। यह बैठक नरेंद्र मोदी को एनडीए नेता चुनने के लिए आयोजित की गई थी।
शुक्रवार को पुराने संसद भवन में एनडी संसदीय दल की बैठक में राजनाथ सिंह ने यह प्रस्ताव रखा। इस दौरान सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया। प्रस्ताव के दौरान टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर मौजूद रहे। इस दौरान भाजपा सांसद राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देना चाहता हूं। आज हम एनडीए का नेता चुनने के लिए यहां आए हैं। मेरा मानना है कि इन सभी पदों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सबसे उपयुक्त है।’
इस बैठक में NDA के सभी घटक दलों के नेता – अनुप्रिया पटेल, जीतनराम मांझी, चिराग पासवान, एकनाथ शिंदे, अजित पवार, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, एचडी कुमारस्वामी, पवन कल्याण, अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह मौजूद थे।
अमित शाह ने कहा, ‘यह प्रस्ताव केवल यहां बैठे लोगों की इच्छा नहीं है। यह देश के 140 करोड़ लोगों का प्रस्ताव है। यह देश की आवाज है कि पीएम मोदी अगले 5 साल तक देश का नेतृत्व करें।’
वहीं, एनडीए संसदीय दल की बैठक में भाजपा सांसद नितिन गडकरी ने भी नरेन्द्र मोदी को लोकसभा का नेता, भाजपा और एनडीए संसदीय दल का नेता नामित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया।
बैठक में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘हम सभी को बधाई दे रहे हैं क्योंकि हमने शानदार बहुमत हासिल किया है। मैंने चुनाव प्रचार के दौरान देखा है कि 3 महीने तक पीएम मोदी ने कभी आराम नहीं किया। उन्होंने दिन-रात प्रचार किया। उन्होंने उसी भावना के साथ शुरुआत की और उसी भावना के साथ खत्म किया। आंध्र प्रदेश में हमने 3 सार्वजनिक बैठकें और 1 बड़ी रैली की। इससे आंध्र प्रदेश में चुनाव जीतने में बहुत बड़ा अंतर पैदा हुआ। पीएम मोदी देश के लिए काम करें, हमारा उन्हें पूरा समर्थन है।’
नीतीश कुमार ने भी जेडीयू की तरफ से नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन दिया। उन्होंने कहा, ’10 साल से ये प्रधानमंत्री हैं। फिर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। पूरे देश की सेवा है, पूरा भरोसा है। जो कुछ भी बचा है अगली बार ये सब पूरा कर देंगे, जो भी राज्य का है। हमलोग पूरे तौर पर सब दिन इनके साथ रहेंगे।’
कुमार कहा,’10 साल से ये प्रधानमंत्री हैं फिर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। मैंने देखा है कि इधर-उधर कुछ लोग जीत गए हैं। अगली बार जो आएंगे तो सब हार जाएंगे। नीतीश ने आगे कहा कि उनलोगों (विपक्ष) ने आज तक कोई काम नहीं किया है। देश बहुत आगे बढ़ेगा। बिहार का सब काम हो ही जाएगा।’
वहीं एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा, “एनडीए हिंदुस्तान का सबसे सफल प्री-पोल अलायंस है। मैं ह्रदय से सबका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। खुशी की बात है कि इतने बड़े समूह का मुझे स्वागत करने का अवसर मिला है। जो साथी विजयी होकर आए हैं, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। मेरा बहुत सौभाग्य है। एनडीए के नेता के रूप में आप सब साथियों ने सर्वसम्मति से चुनकर नया दायित्व दिया है और इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। आप सबके लिए जितना धव्यवाद करूं, उतना कम है।’
संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात की।
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एनडीए ने 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के आंकड़े 272 को पार करते हुए 293 सीटें जीतीं। विपक्षी इंडिया गुट ने एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए 234 सीटें हासिल कीं। भाजपा ने अकेले 240 सीटें जीतीं। दस वर्षों में पहली बार पार्टी 2014 और 2019 में क्रमशः 282 और 303 सीटें जीतने के बाद बहुमत से पीछे रह गई।
4-5 जून को परिणाम घोषित होने के बाद, भाजपा नेतृत्व अनिश्चितता की किसी भी स्थिति को समाप्त करने के लिए सरकार गठन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा।
अमित शाह, राजनाथ सिंह और नड्डा सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता नई सरकार में एक सौहार्दपूर्ण फार्मूला तैयार करने के लिए सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक उन विदेशी नेताओं में शामिल हैं जो नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद जुगनाथ को भी आमंत्रित किए जाने की संभावना है।
इसके अलावा, सेंट्रल विस्टा परियोजना पर काम करने वाले मजदूर, वंदे भारत ट्रेन और वंदे मेट्रो बनाने पर काम कर रहे रेलवे के कर्मचारी, ट्रांसजेंडर, स्वच्छता कार्यकर्ता, विकासशील भारत के राजदूत और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना है।