जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने अपने पोते प्रज्वल रेवन्ना को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए उनसे भारत लौटने, पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने या उनके क्रोध का सामना करने को कहा है। पूर्व प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रज्वल को एक पत्र पोस्ट किया और इसे कैप्शन दिया, “मैंने @iPrajwalRevanna को चेतावनी जारी की है कि वह जहां भी हैं वहां से तुरंत लौट आएं और खुद को कानूनी प्रक्रिया के अधीन करें। उन्हें मेरे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।”
23 मई 2024 को ‘प्रज्वल रेवन्ना के लिए मेरी चेतावनी’ शीर्षक के साथ एक पत्र में, देवेगौड़ा ने कहा, “मैंने 18 मई को प्रज्वल रेवन्ना के बारे में मीडिया से बात की। उस वक्त मैं पूजा (प्रार्थना) करने के लिए मंदिर जा रहा था। उन्होंने (रेवन्ना) मुझे, मेरे पूरे परिवार, मेरे सहयोगियों, दोस्तों और पार्टी कार्यकर्ताओं को जो सदमा और दर्द दिया है, उससे उबरने में मुझे कुछ समय लगा।”
देवेगौड़ा ने आगे कहा कि उनका विचार है कि प्रज्वल रेवन्ना को ‘कठोरतम दंड’ दिया जाना चाहिए, और उनके बेटे और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी इस मामले पर उनके रुख की वकालत की।
पत्र में उन्होंने लिखा, “पिछले कुछ हफ्तों में लोगों ने मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ सबसे कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है। मैं लोगों को यह भी नहीं समझा सकता कि मैं प्रज्वल की गतिविधियों के बारे में कुछ नहीं जानता था। मैं उन्हें यह भी नहीं समझा सकता कि मैं उसे बचाने कि कोशिश नहीं कर रहा हूं। मुझे उसकी विदेश यात्रा के बारे में कुछ पता नहीं था। मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने में विश्वास करता हूं। मैं ईश्वर में विश्वास करता हूं और मैं जानता हूं कि भगवान सभी सच जनता है।”
देवेगौड़ा ने कहा, “अगर प्रज्वल को अपने दादा के प्रति जरा भी सम्मान है तो वह वापस आ जाए। मैं सिर्फ एक काम कर सकता हूं। मैं प्रज्वल को सख्त चेतावनी दे सकता हूं। वह जहां भी है उसे वापस आकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कह सकता हूं। यह कोई अपील नहीं है। जो मैं कर रहा हूं, यह एक चेतावनी है।”
एचडी देवेगौड़ा ने प्रज्वल से यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों की बात नहीं मानने पर उसे परिवार से पूरी तरह से अलग कर दिया जाएगा।
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इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हासन के सांसद रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया था। रेवन्ना, पिछले महीने कथित सेक्स स्कैंडल सामने आने के बाद से फरार हैं।
सूत्रों ने बताया कि रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का कर्नाटक सरकार का अनुरोध अब विदेश मंत्रालय द्वारा प्रक्रियाधीन है।
इससे पहले मंगलवार को कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा था कि राज्य सरकार ने केंद्र से उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का आग्रह किया है।
उन्होनें कहा, “अब एक वारंट जारी किया गया है। वारंट के आधार पर एक पत्र लिखा गया है जिसमें कहा गया है कि वारंट जारी किया गया है और राजनयिक पासपोर्ट रद्द किया जाना है।”
पिछले शनिवार को निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक विशेष अदालत ने प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। प्रज्वल और उनके पिता एचडी रेवन्ना के खिलाफ विशेष जांच दल द्वारा दायर एक आवेदन के बाद वारंट जारी किया गया था, जो वर्तमान में बलात्कार के आरोपों से जुड़े अपहरण के मामले में सशर्त जमानत पर बाहर हैं। प्रज्वल पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते हैं।
एसआईटी ने सैकड़ों वीडियो बेंगलुरु में राज्य की फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भेजे हैं, जिनमें कथित तौर पर प्रज्वल को महिलाओं के साथ जबरदस्ती करते हुए दिखाया गया है। रेवन्ना ने दावा किया है कि वीडियो में छेड़छाड़ की गई थी। उन पर बलात्कार, छेड़छाड़, धमकी, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने के आरोप हैं, जबकि इंटरपोल ने उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है।
2 मई को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रेवन्ना ने अपनी जर्मनी यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी है।
एक प्रेस ब्रीफिंग में, मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “उक्त सांसद की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय से न तो कोई राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी और न ही जारी की गई थी। जाहिर है, कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया था। राजनयिक पासपोर्ट धारकों को जर्मनी की यात्रा के लिए किसी वीज़ा की आवश्यकता नहीं होती है।”