आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित ‘हमले’ मामले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि घटना के दो संस्करण हैं और पुलिस को दोनों संस्करणों की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए, केजरीवाल ने कहा कि मामला वर्तमान में “न्यायाधीन” है और उनकी टिप्पणी कार्यवाही को प्रभावित कर सकती है।
हालांकि उन्होनें कहा, “मुझे उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी। न्याय मिलना चाहिए। घटना के दो संस्करण हैं। पुलिस को दोनों संस्करणों की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और न्याय होना चाहिए।”
मालीवाल ने आरोप लगाया है कि 13 मई को विभव ने उन पर बेरहमी से हमला किया था और जब उन्होंने बताया कि उन्हें पीरियड्स आ रही है तब भी वह (विभव) नहीं रुके। हमले के बाद, उन्होनें दावा किया कि उनकी बाँहें दुख रही थीं और उन्हें चलने में कठिनाई हो रही थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह घटना के समय अपने आधिकारिक आवास पर मौजूद थे, आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि वह वहां थे। उन्होंने कहा, ”लेकिन मैं घटनास्थल पर मौजूद नहीं था।”
इस बीच, स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, ‘मेरे कंप्लेंट फाइल करते ही नेताओं और वॉलंटियर की पूरी आर्मी मेरे पीछे लगाई गई, मुझे बीजेपी का एजेंट बुलाया गया, मेरा चरित्र हरण कराया गया, काट पीट कर वीडियो लीक की गई, मेरी विक्टिम शेमिंग की गई, आरोपी के साथ घूमे, उसको क्राइम सीन पर दोबारा आने दिया और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई, आरोपी के लिए खुद सड़क पर उतर गए और अब मुख्यमंत्री साहब जिनके ड्रॉइंग रूम में मुझे पीटा गया, वो कह रहे हैं कि उन्हें इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहिए। इससे बड़ी विडंबना क्या ही होगी? मैं इसे नहीं मानती। कथनी और करनी एक समान होनी चाहिए।’
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इस बीच विभव कुमार को उनके फोन से डेटा रिकवरी के लिए मुंबई ले जाया गया जिसे उन्होंने अपनी गिरफ्तारी से पहले कथित तौर पर फॉर्मेट कर दिया था। पुलिस को शक है कि उन्होंने अपने फोन का डेटा मुंबई में किसी व्यक्ति या डिवाइस को ट्रांसफर करने के बाद उसे फॉर्मेट कर दिया। एक अधिकारी ने कहा कि विभव कुमार के फोन और लैपटॉप के साथ-साथ केजरीवाल के घर की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि जांचकर्ता मामले से संबंधित सभी सबूत इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले, मालीवाल ने आरोप लगाया था कि पार्टी में हर किसी पर उन्हें बदनाम करने का ”बहुत दबाव” है।
उन्होनें कहा, “पार्टी के एक बड़े नेता का फोन आया। उसने बताया कैसे सब पर बहुत ज़्यादा दबाव है, स्वाति के ख़िलाफ़ गंदी बातें बोलनी हैं, उसकी पर्सनल फ़ोटोज़ लीक करके उसे तोड़ना है। ये बोला जा रहा है कि जो उसको सपोर्ट करेगा उसको पार्टी से निकाल देंगे। किसी को PC करने की और किसी को ट्वीट्स करने की ड्यूटी मिली है। किसी की ड्यूटी है अमरीका में बैठे वॉलंटियर्स को फ़ोन करके मेरे ख़िलाफ़ कुछ निकलवाना। आरोपी के कुछ करीबी बीट रिपोर्टर्स की ड्यूटी है कुछ फ़र्ज़ी स्टिंग ऑपरेशन बनाकर लाओ।”
मालीवाल ने आगे कहा, “तुम हज़ारों की फौज खड़ी कर दो, अकेले सामना करूँगी क्योंकि सच मेरे साथ है। मुझे इनसे कोई नाराज़गी नहीं है, आरोपी बहुत शक्तिशाली आदमी है। बड़े से बड़ा नेता भी उससे डरता है। किसी की हिम्मत नहीं उसके ख़िलाफ़ स्टैंड ले पाए। मैं किसी से उम्मीद भी नहीं करती। दुख इस बात का लगा कि दिल्ली की महिला मंत्री कैसे हंसते मुस्कुराते पार्टी की एक पुरानी महिला साथी का चरित्र हरण कर रही है। मैंने अपनी स्वाभिमान की लड़ाई शुरू की है, इंसाफ़ मिलने तक लड़ाई लड़ती रहूँगी। इस लड़ाई में मैं पूरी तरह अकेली हूँ पर हार नहीं मानूँगी!”
स्वाति मालीवाल मारपीट मामला-
स्वाति मालीवाल ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि जब वह 13 मई को मुख्यमंत्री से मिलने गई थीं तो केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार ने उन पर “हमला” किया था। पुलिस ने मामला दर्ज किया और मामले के संबंध में कुमार को गिरफ्तार कर लिया। मामले के सिलसिले में कुमार फिलहाल पांच दिन की पुलिस हिरासत में हैं। इस बीच, स्वाति मालीवाल अन्य आप नेताओं के साथ वाकयुद्ध में भी उलझ गईं। दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने स्वाति मालीवाल पर “झूठ बोलने” का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की पूर्व अध्यक्ष को “साजिश” का हिस्सा बनाया है।
केजरीवाल के पीएस बिभव कुमार ने भी राज्यसभा सांसद के खिलाफ एक लिखित शिकायत दर्ज की, जिसमें कहा गया कि मालीवाल ने “जबरन और अनधिकृत रूप से” मुख्यमंत्री के आवास में प्रवेश किया था।
उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने उन पर हंगामा खड़ा करने और हमला करने की कोशिश की। केजरीवाल के सहयोगी ने यह भी दावा किया कि राज्यसभा सांसद का इरादा आप प्रमुख को नुकसान पहुंचाने का था और उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया।