ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को आम आदमी पार्टी की विदेशी फंडिंग की बात कही है। ED ने कहा है की आम आदमी पार्टी को विदेश से करीब ₹7.08 करोड़ मिले है जो FCRA और RPA का उल्लंघन है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने ईडी के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यह पार्टी को बदनाम करने की एक राजनीतिक साजिश है।
अपने डोजियर में ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताया कि AAP को अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और ओमान सहित कई अन्य देशों के कई दानदाताओं से धन प्राप्त हुआ। यह डोजियर 25 मई को दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले सामने आया है।
ईडी ने अपनी जांच में AAP और उसके नेताओं द्वारा विदेशी धन के संग्रह में अनियमितताओं के कई उदाहरणों का दावा किया और अपनी जांच में पाया कि साल 2016 में आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने कनाडा में हुए एक इवेंट के जरिये इकठ्ठा किए और इन पैसों का व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया।
जांच एजेंसी ने अनिकेत सक्सेना (आप ओवरसीज इंडिया के समन्वयक), कुमार विश्वास (तत्कालीन आप ओवरसीज इंडिया के संयोजक), कपिल भारद्वाज (तत्कालीन आप सदस्य) और दुर्गेश पाठक सहित विभिन्न आप स्वयंसेवकों और पदाधिकारियों के बीच आदान-प्रदान किए गए ई-मेल की सामग्री के माध्यम से आरोपों की पुष्टि की।
अब तक की जांच से पता चला है कि अमेरिका और कनाडा में धन जुटाने के अभियानों के माध्यम से एकत्र की गई राशि और वास्तविक दानदाताओं की पहचान को विदेशी नागरिकों द्वारा दान पर एफसीआरए के तहत लगाए गए प्रतिबंधों से बचने के लिए एएपी द्वारा बनाए गए खातों की किताबों में छुपाया गया था। राजनीतिक दल ने आरोप लगाया।
अब तक की जांच से पता चला है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में फंड रेजिंग कैंपेन के जरिए न केवल पैसा एकत्र किया गया, बल्कि विदेशी फंड पर FCRA के तहत लगाए गए प्रतिबंधों से बचने के लिए AAP ने बुक ऑफ अकाउंट्स में वास्तविक दानदाताओं की पहचान भी छिपाई।
जांच एजेंसी के मुताबिक, AAP को चंदा देने के लिए कई दानदाताओं ने एक ही पासपोर्ट नंबर, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया।
ईडी ने अपनी जांच से संबंधित सभी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दानकर्ताओं के विवरण के साथ शेयर की है, जैसे फंडिंग करने वाले के नाम, दानकर्ता का देश, पासपोर्ट नंबर, दान की गई राशि, दान का तरीका और प्राप्तकर्ता का बैंक खाता नंबर, बिलिंग नाम, बिलिंग पता, बिलिंग टेलीफोन नंबर, बिलिंग ई-मेल, दान का समय और तारीख और पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए गए गेटवे आदि, जो कि पीएमएलए, 2002 के तहत जांच के दौरान एकत्र किए गए हैं।
जांच एजेंसी ने कनाडाई नागरिकों की ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबरों के माध्यम से दान से संबंधित सामग्री भी एकत्र की।
ईडी के मुताबिक, विदेश में रहने वाले 155 लोगों ने 55 पासपोर्ट नंबरों का इस्तेमाल कर 404 मौकों पर कुल 1.02 करोड़ रुपये का दान दिया। कम से कम 71 दानदाताओं ने 256 अवसरों पर कुल 99.90 लाख रुपये का दान देने के लिए 21 मोबाइल नंबरों का उपयोग किया, और विदेश में रहने वाले 75 दानदाताओं ने 148 अवसरों पर कुल 19.92 लाख रुपये का दान करने के लिए 15 क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया।
ईडी ने कहा कि 19 कनाडाई नागरिकों की ईमेल आईडी और मोबाइल नंबरों का उपयोग करके कुल 51.15 लाख रुपये का दान प्राप्त किया गया था।
हालांकि, जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि इन कनाडाई नागरिकों के नाम और उनकी राष्ट्रीयता छुपाई गई थी और रिकॉर्ड में सही ढंग से प्रदर्शित नहीं की गई थी।
इसमें कहा गया है, “इसके बजाय, इन दान के खिलाफ अलग-अलग नामों का उल्लेख किया गया है और यह जानबूझकर आप द्वारा विदेशी नागरिकों द्वारा दिए गए दान को छिपाने के लिए किया गया था, जो एफसीआरए, 2010 की धारा 3 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 298 का उल्लंघन है।”
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया, “यह राशि विदेशी दानदाताओं की पहचान और राष्ट्रीयता के साथ-साथ विदेशी दान से संबंधित कई अन्य तथ्यों को छिपाकर, गलत तरीके से पेश करके और हेरफेर करके जुटाई गई थी।”
एक अन्य जांच से पता चला कि AAP ने अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में स्वयंसेवकों के साथ AAP ओवरसीज़ इंडिया नामक एक संस्था की स्थापना की है, जिसका प्राथमिक कार्य AAP के लिए विदेशी धन जुटाना था। यह भी पता चला कि 2016 में स्वयंसेवकों के लिए 50 करोड़ रुपये के विदेशी दान का लक्ष्य तय किया गया था।
2016 में कनाडा में AAP द्वारा आयोजित एक फंड जुटाने के कार्यक्रम के दौरान, अनिकेत सक्सेना (आप ओवरसीज इंडिया के समन्वयक) और कुमार विश्वास (तत्कालीन AAP ओवरसीज इंडिया के संयोजक) के बीच एक ई-मेल के जरिए बातचीत हुई।
ईडी के अनुसार, बातचीत से पता चला कि तत्कालीन आप सदस्य दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज ने अनिकेत को एक धन उगाही कार्यक्रम के दौरान एकत्र की गई 29,000 कनाडाई डॉलर की दान राशि को भगवंत तूर के माध्यम से सीधे दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज को हस्तांतरित करने के लिए कहा था।
22 नवंबर, 2015 को टोरंटो में AAP द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, जिसमें दुर्गेश पाठक ने भाग लिया था, 15,000 कनाडाई डॉलर जुटाए गए थे और दाताओं और दान की गई राशि के विवरण वाली हस्तलिखित कच्ची डेटा शीट कनाडा में पार्टी के स्वयंसेवकों द्वारा AAP ओवरसीज इंडिया को ईमेल भेजी गई थी।
ईडी ने आरोप लगाया कि एक जांच के दौरान, यह पाया गया कि हस्तलिखित डेटा शीट में उल्लिखित इन वास्तविक दानदाताओं के नाम AAP द्वारा प्रस्तुत आधिकारिक रिकॉर्ड में प्रतिबिंबित नहीं थे।
जांच एजेंसी ने कहा कि 30 जनवरी, 2016 को टोरंटो में AAP द्वारा आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में कुल 11,786 कनाडाई डॉलर का दान एकत्र किया गया था, जिसमें से 3,821 कनाडाई डॉलर का उपयोग कार्यक्रम के आयोजन के खर्च के रूप में किया गया था।
ईडी ने आरोप लगाया, “आप के 11 कनाडा स्वयंसेवकों (भारतीय नागरिकों) के पासपोर्ट का उपयोग करके AAP को उनके आईडीबीआई बैंक खाते में 7,955 कनाडाई डॉलर की राशि भेजी गई थी, हालांकि उक्त दान उस कार्यक्रम में भाग लेने वाले 200 से अधिक लोगों द्वारा किए जाने का दावा किया गया था।”
आप ने ईडी डोजियर की आलोचना की-
पार्टी नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डरे हुए हैं। उन्होनें कहा, “अब ED के माध्यम से एक नई साजिश के साथ बीजेपी सामने आई है कि हमने गलत तरीके से चंदा लिया। मैं बीजेपी और ED को बताना चाहती हूं कि आम आदमी पार्टी ने अपने गठन के बाद से एक-एक रुपया का हिसाब चुनाव आयोग और आयकर विभाग को दिया है।”
आप नेता ने आगे कहा, “2015 में भी हमारे ऊपर ऐसा ही एक आरोप लगाया गया था, लेकिन दिल्ली की जनता ने इन झूठे आरोपों पर भरोसा नहीं किया था।इस बार भी देश की जनता इन झूठे आरोपों की सच्चाई जानती है और उसने मन बना लिया है कि उनके वोट की ताकत से बीजेपी की सरकार जाने वाली है और 4 जून को INDIA की सरकार बनने जा रही है। BJP की ED आज जिस मामले को उठा रही है वह पुराना मामला है और इस बारे में पुलिस हाईकोर्ट में हलफ़नामा दाखिल करके यह कह चुकी है इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है। असल में बीजेपी को जब भी अपनी हार दिखती है वह इस तरह के पुराने और फर्जी मामलों को उठाती है और गंदी राजनीति करती है।”
उन्होनें कहा, “यह ईडी की कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह भाजपा की कार्रवाई है। यह कई साल पुराना मामला है और हमने ईडी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), केंद्रीय गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग को अपनी प्रतिक्रिया दी है। यह आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की मोदी जी की एक और साजिश है। बीजेपी हर चुनाव से पहले ऐसी चीजों का सहारा ले रही है. अगले चार दिनों में ऐसे कई झूठे आरोप लगाए जाएंगे।”