प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को शराब नीति घोटाला मामले में आरोपी बनाया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने शीर्ष अदालत को बताया कि आज अभियोजन शिकायत दायर की जा रही है और AAP को आरोपी बनाया गया है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा कि आरोपी मनीष सिसोदिया के बारे में बताएं कि आप केजरीवाल मामले से इसे कैसे अलग करते हैं?
ED की ओर से पेश ASG एसवी राजू ने मनीष सिसोदिया की भूमिका पर दलील देते हुए गोवा चुनाव का जिक्र किया, जिसमें शराब कंपनियों से नकदी ली गई और गोवा चुनाव में खर्च किए गए।
ASG ने कहा कि हमारे पास प्रमाण हैं कि हवाला के जरिए पैसे की लेनदेन हुई। हम सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल कर रहे हैं। उसमें आप और अरविंद केजरीवाल भी आरोपी हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आपके पास सबूत हैं? क्योंकि आम तौर पर जांच अधिकारी को तब तक गिरफ़्तारी नहीं करनी चाहिए जब तक उसके पास दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत न हों। यही मानक होना चाहिए।
शराब नीति मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। मामले की जांच कर रहे सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
एजेंसी का आरोप है कि ‘साउथ ग्रुप’ द्वारा प्रदान की गई 100 करोड़ रुपये की “रिश्वत” में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल AAP द्वारा 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव अभियान के लिए किया गया था। एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घोटाले का ”किंगपिन” बताया था।
आरोपों के अनुसार, आप सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए 6 प्रतिशत रिश्वत के बदले लाभ मार्जिन बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया, जिससे दिल्ली सरकार को 2,873 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आप के मीडिया प्रमुख विजय नायर ने पार्टी की ओर से कथित तौर पर एक ‘साउथ ग्रुप’ से 100 करोड़ रुपये एडवांस लिए थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने मामले के संबंध में अब तक सात आरोपपत्र दायर किए हैं। सबसे नया आरोपपत्र 10 अप्रैल को दाखिल किया गया जिसमें बीआरएस नेता के कविता और चार अन्य को आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
इस मामले में 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल और 15 मार्च को कविता सहित अठारह लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
केजरीवाल को 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी। पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किए गए मनीष सिसौदिया अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। सिसौदिया के खिलाफ मामलों की जांच कर रहे सीबीआई और ईडी के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को शराब नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।