एक वीडियो में कथित तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमले के कुछ क्षण दिखाए गए हैं। वीडियो में स्वाति मालीवाल को सुरक्षा कर्मचारियों के साथ तीखी बहस करते हुए सुना जा सकता है, जो उन्हें परिसर छोड़ने के लिए कह रहे हैं। तक्षक पोस्ट द्वारा सत्यापित नहीं किए गए वीडियो में स्वाति मालीवाल को केजरीवाल के आवास के कर्मचारियों के साथ बहस करते देखा जा सकता है। उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होनें पहले ही पुलिस को बुला लिया है और वह तभी निकलेगी जब पुलिस आएगी।
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा 52 सेकेंड का यह वीडियो किसने बनाया, यह अभी पता नहीं चल पाया है। स्वाति मालीवाल ने वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वीडियो संदर्भ से बाहर है और सीसीटीवी फुटेज की जांच होने पर सच्चाई सामने आ जाएगी।
मालीवाल ने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, हर बार की तरह इस बार भी इस राजनीतिक हिटमैन ने खुद को बचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। अपने लोगों से ट्वीट्स करवा के, आधी बिना संदर्भ की वीडियो चलाकर इसे लगता है ये इस अपराध को अंजाम देकर खुद को बचा लेगा। कोई किसी को पीटते हुए वीडियो बनाता है भला? घर के अंदर की और कमरे की CCTV फुटेज की जांच होते ही सत्य सबके सामने होगा। जिस हद तक गिर सकता है- गिर जा. भगवान सब देख रहा है। एक ना एक दिन सब की सच्चाई दुनिया के सामने आएगी।
दिल्ली पुलिस ने भी इस वीडियो को संज्ञान लिया है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि ये वीडियो किसने बनाया और इसके अलावा वहां मौजूद लोगों ने क्या अन्य वीडियो भी बनाए हैं, इसकी जानकारी ले रहे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये वीडियो कुछ चंद सेकंड का है। इसके आगे भी और वीडियो हो सकते हैं। इसको लेकर वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की जाएगी। उस दिन कितने लोग CM हाउस में गए थे, उनका अटेंडेंस रजिस्टर्ड चेक किया जाएगा। ड्राइंग रूम में उस वक्त कौन-कौन लोग मौजूद थे, उन सभी का मोबाइल भी जांच के लिए लिया जा सकता है। वेटिंग एरिया में अगर सीसीटीवी कैमरा लगे हैं तो उसकी भी फुटेज की जांच की जाएगी।
इस बीच स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को एक मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया। इससे पहले दिन में, मालीवाल की दिल्ली के एम्स में मेडिकल जांच हुई, जो तीन घंटे से अधिक समय तक चली। सूत्रों ने बताया कि मेडिको-लीगल केस रिपोर्ट के मुताबिक, उनके चेहरे पर अंदरूनी चोटें आई हैं।
धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराने के बाद जब स्वाति मालीवाल कोर्ट से बाहर आईं तो साफ देखा जा सकता था कि स्वाति मालीवाल ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं। उनके पैर में चोट लगी है और वो धीरे-धीरे नीचे आ रही थीं।
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मामले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज होने के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार की तलाश तेज कर दी है। दिल्ली पुलिस की एक टीम द्वारा उनके आवास पर मालीवाल का बयान दर्ज किए जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
स्वाति मालीवाल ने एफआईआर में लिखा, मैं दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने गई उनके कैंप ऑफिस गई थी। ऑफिस जाने के बाद सीएम के पीएस बिभव कुमार को फोन किया, लेकिन मुझसे संपर्क नहीं हो सका। फिर मैंने उसके मोबाइल नंबर पर (वॉट्सएप के जरिए) एक मैसेज भेजा। हालांकि कोई जबाब नहीं आया। उसके बाद मैं घर के मुख्य दरवाजे से अंदर गई, जैसा कि मैं पिछले सालों से हमेशा से करती आई हूं। चूंकि विभव कुमार वहां मौजूद नहीं थे, इसलिए मैं घर के अंदर दाखिल हुई और वहां मौजूद कर्मचारियों को सूचित किया कि वो सीएम से मिलने के बारे में बताएं। मुझे बताया गया कि वा घर में मौजूद है और मुझे ड्राइंग रूम में जाने के लिए कहा गया। मैं ड्राइंग रूम में जाकर सोफे पर बैठ गई और मिलने का इंतजार करने लगी। एक स्टाफ ने आकर मुझे बताया कि सीएम मुझसे मिलने आ रहे हैं। इतना कहने के बाद सीएम के पीएस विभव कुमार कमरे में घुस आए। वो बिना किसी उकसावे पर चिल्लाने लगा और यहां तक कि मुझे गालियां भी देने लगा। मैं इस अचानक घटना से स्तब्ध रह गई। मैंने उससे कहा कि वो मुझसे इस तरह बात करना बंद करे और सीएम को फोन करे। उसने कहा तू कैसे हमारी बात नहीं मानेगी?
स्वाती का कहना था कि उसने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। उसने मुझे कम से कम 7-8 बार थप्पड़ मारे। मैं चिल्लाती रही। मैं बिल्कुल सदमे में थी और बचाव के लिए उसे धकेलने की कोशिश की। वो मुझ पर झपटा और बुरी तरह मेरी शर्ट को ऊपर खींच लिया। मेरी शर्ट के बटन खुल गए और मैं नीचे गिर गई और सेंटर टेबल पर मेरा सिर मार दिया। मैं लगातार मदद के लिए चिल्लाती रही। बिभव कुमार नहीं माना और अपने पैरों से मेरी छाती, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर लात मारकर मुझ पर हमला किया। मुझे पीरियडस हो रहे थे। मैंने उससे कहा कि मुझे जाने दें। क्योंकि मैं बहुत दर्द में हूं। हालांकि, उसने बार-बार पूरी ताकत से मुझ पर हमला किया। मैं कोशिश कर रही थी कि किसी तरह से बाहर निकल जाऊं। फिर मैं ड्राइंग रूम के सोफे पर बैठ गई और हमले के दौरान चश्मा नीचे गिर गया। इस हमले से मैं भयानक सदमे की स्थिति में थी। मुझे गहरा सदमा लगा और मैंने 112 नंबर पर फोन किया और घटना की सूचना दी। बिभव ने मुझे धमकी देते हुए कहा, कर ले, जो तुझे जो करना है। तू हमारा कुछ नहीं कर पाएगी। ऐसी जगह गाड़ देंगे किसी को भी पता नहीं चलेगा। फिर जब उसे एहसास हुआ कि मैं 112 नंबर पर हूं तो वो कमरे से बाहर चला गया।
मालीवाल ने एफआईआर में आगे लिखा, यह मेरे जीवन के सबसे कठिन समय में से एक है। दर्द, ट्रॉमा और उत्पीड़न ने दिमाग को सुन्न कर दिया है। हमले के बाद से मेरे सिर और गर्दन में लगातार दर्द हो रहा है। मेरी बॉडी में बहुत दर्द है और पेट में भी दर्द हो रहा है। मुझे चलने में भी दिक्कत हो रही है। मेरी स्थिति इस फैक्ट से और भी बदतर हो गई है कि महिलाओं के मुद्दों के लिए जीवनभर काम करने और लाखों महिलाओं को न्याय दिलाने में मदद करने के बाद मुझे एक ऐसे व्यक्ति द्वारा बेरहमी से पीटा गया, जिसे मैं लंबे समय से जानती हूं। मैं इस घटना से बहुत परेशान हूं और हैरान भी हूं कि कोई इस तरह की गुंडई जैसा व्यवहार कैसे दिखा सकता है। मैं पूरी तरह टूटी हुई महसूस कर रही हूं।
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की पूर्व प्रमुख ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बिभव कुमार ने उन्हें थप्पड़ मारा, लात मारी, छड़ी से पीटा और पेट में मुक्का मारा।
NCW ने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, एनसीडब्ल्यू के अधिकारियों ने दिल्ली के सिविल लाइन्स के एसीपी के साथ मिलकर विभव कुमार को उनके आवास पर सुनवाई का नोटिस देने का प्रयास किया। जब घर में रहने वालों ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया तो अधिकारियों ने इसे उनके आवास के गेट पर चिपका दिया। अब सुनवाई 18 मई को एनसीडब्ल्यू कार्यालय में निर्धारित है।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। पुलिस की एक टीम विभव कुमार के आवास पर पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस की करीब 10 टीमें मामले की जांच में जुटी हैं, जिनमें से चार टीमें विभव की लोकेशन ट्रेस कर रही हैं। सूत्रों ने बताया कि विभव अमृतसर में हो सकते हैं। पुलिस को यह भी संदेह है कि विभव महाराष्ट्र में हो सकता है।
दिल्ली पुलिस घटना से संबंधित मुख्यमंत्री आवास के सभी आठ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच करेगी। केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल से मुलाकात करने वाले सभी लोगों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि स्वाति मालीवाल 13 मई को टैक्सी से केजरीवाल के घर पहुंचीं। पुलिस टैक्सी ड्राइवर का भी बयान दर्ज करेगी।
शुक्रवार को दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में चूड़ियां लिए प्रदर्शनकारियों ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की।
यह घटना पहली बार तब सामने आई जब मालीवाल सोमवार को सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन गईं और आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल के निजी स्टाफ के एक सदस्य ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर उनके साथ “मारपीट” की।
घटना के एक दिन बाद आप सांसद संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपों की पुष्टि करते हुए कहा कि विभव कुमार ने मालीवाल के साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया और अरविंद केजरीवाल इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगे।