मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की। इस साल मार्च में भाजपा द्वारा चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से नाता तोड़ने के बाद नई सरकार का गठन हुआ था। सैनी ने खट्टर के इस्तीफा देने के बाद पदभार संभाला और उन्हें राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए करनाल संसदीय सीट से मैदान में उतारा गया। जेजेपी सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का समर्थन नहीं कर रही है।
राज्यपाल को लिखे पत्र में चौटाला ने कहा कि जेजेपी सरकार गठन के लिए किसी भी अन्य पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार है।
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में वर्तमान में 88 की प्रभावी ताकत है। सदन में भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। छह निर्दलीय हैं।
बीजेपी सरकार को दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है।
चौटाला ने कहा, “हाल ही में उन छह निर्दलीय विधायकों में से तीन ने अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिन्होंने पहले मार्च में सरकार को अपना समर्थन दिया था।”
उन्होंने कहा, “इन घटनाक्रमों और मेरी पार्टी के स्पष्ट रुख को देखते हुए, हम सरकार गठन के लिए किसी भी अन्य राजनीतिक दल को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। यह स्पष्ट है कि सरकार के पास अब विधानसभा में बहुमत नहीं है।”
उन्होंने यह भी मांग की कि अगर भाजपा सरकार विधानसभा में अपनी ताकत साबित करने में असमर्थ रही तो हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “मैं आपसे आग्रह करता हूं कि सरकार के बहुमत को निर्धारित करने के लिए तुरंत एक फ्लोर टेस्ट का आह्वान करें। यदि सरकार बहुमत साबित करने में विफल रहती है, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाकर अपने संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करना आवश्यक है।”
वहीं रोहतक लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुडा ने कहा, “हरियाणा में जिस प्रकार से 3 निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन दिया है इससे यहां की सरकार अल्पमत में आ गई है। अल्पमत की सरकार को कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ये सरकार तुरंत इस्तीफा दे यदि इस्तीफा नहीं देती है तो राज्यपाल महोदय को मामले का संज्ञान लेते हुए हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाकर चुनाव कराना चाहिए।”
इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “ये(कांग्रेस) लोग मुंगेरी लाल के सपने देखते रहते हैं। काम इन्होंने किए नहीं और जनता ने इन्हें नकार दिया है। जब भी कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो भ्रष्टाचार की गति बढ़ जाती है। लोगों को प्रताड़ित करने का काम कांग्रेस वाले करते हैं। आने वाले समय में जब विधानसभा के चुनाव होंगे तो बड़ी संख्या के साथ राज्य में तीसरी बार भाजपा की सरकार आएगी।”
3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया-
मंगलवार को निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलेन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा किया कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे।
दूसरी ओर सैनी ने कहा कि उनकी सरकार किसी संकट में नहीं है। उनके पूर्ववर्ती और पार्टी सहयोगी, खट्टर ने भी दावा किया कि कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और “चिंता की कोई बात नहीं” है।
राज्य में तेजी से हो रहा राजनीतिक घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब 25 मई को लोकसभा चुनाव और अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
बुधवार को चौटाला ने कहा कि जेजेपी हरियाणा में भाजपा सरकार को गिराने में कांग्रेस की मदद करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ”मैं विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुडा से कहना चाहता हूं कि विधानसभा में मौजूदा संख्या के हिसाब से यह सरकार अल्पमत में है। अगर कोई कदम उठाया जाता है कि (लोकसभा) चुनाव के दौरान इस सरकार को गिरा दिया जाए, तो हम पूरी तरह से इसमें उन्हें बाहर से समर्थन देने को तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “अब कांग्रेस को सोचना होगा कि क्या वे भाजपा सरकार को गिराने के लिए कदम उठाएंगे।”
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हुड्डा ने कहा, “उन्हें राज्यपाल को लिखना चाहिए (कि सरकार अल्पमत में है)।”