INDIA गठबंधन के नेताओं ने शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 146 सदस्यों के निलंबन के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। विपक्ष के मुताबिक, यह विरोध प्रदर्शन “लोकतंत्र को बचाने” के लिए किया जा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा- दोनों सदनों के कामकाज में बाधा डालने और 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग करते हुए नारे लगाने के लिए 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। विरोध प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, जयराम रमेश, ए राजा, गौरव गोगोई, शरद पवार, मुकुल वासनिक, ए राजा और नसीर हुसैन समेत दो दर्जन विपक्षी सांसद जंतर-मंतर पर थे।
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इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और कहा कि आज देश में बोलने की आजादी खत्म हो रही है और युवा बेरोजगार होते जा रहे हैं।
सांसदों के निलंबन का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘कुछ दिन पहले संसद भवन में दो-तीन युवा कूदकर अंदर आ गए। उन्हें कूदते हुए हम सबने देखा. वे अंदर आए, उन्होंने थोड़ा धुआं फैलाया, भाजपा के सभी सांसद भाग गए। जो अपने आप को देश भक्त कहते हैं उनकी हवा निकल गई थी। वे अंदर कैसे आए? संसद के अंदर वे गैस का सिलेंडर ले आए? उन्होंने ये विरोध क्यों किया? उसका कारण क्या था? बेरोज़गारी! इस देश का युवा आज रोजगार नहीं पा सकता है। अमित शाह से सवाल से पूछा कि आप गृह मंत्री हैं ये दो युवा संसद में कैसे आ गए? तो उन्होंने जवाब नहीं दिया बल्कि 150 सांसदों को बाहर कर दिया।’
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गांधी ने कहा, ‘सवाल सिक्योरिटी ब्रीच का तो है लेकिन सवाल ये भी है कि उन युवाओं ने ये प्रोटेस्ट क्यों किया? उसका कारण है बेरोजगारी, देश में भयंकर बेरोजगारी है और युवा आज रोजगार नहीं पा सकता है। मैंने किसी से कहा कि एक काम करो, एक छोटा सा सर्वे करो, किसी भी शहर में चले जाओ और पता करो कि हिंदुस्तान के जो युवा हैं वो मोबाइल पर दिन में कितना घंटा बिताते हैं। वो भी छोटे शहर में पता कराया, मैं हैरान रह गया कि साढ़े सात घंटे युवा एक दिन में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, मेल पर यानि सेलफोन पर रहता है। यानि मोदी सरकार में हिंदुस्तान का युवा साढ़े सात घंटे फोन पर रहता है, क्योंकि मोदी जी ने उसे रोजगार नहीं दिया। जो सिक्योरिटी ब्रीच हुआ संसद में वो इसी वजह से हुआ क्योंकि युवाओं को रोजगार नहीं मिला और वह कूदकर संसद में आ गए।’
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उन्होनें कहा, “हम सब विपक्ष के नेता और विपक्ष के कार्यकर्ता एक साथ खड़े हैं। ये लड़ाई नफरत और मोहब्बत के बीच की लड़ाई है। नफरत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। जितनी आप नफरत फैलाओगे उतना INDIA गठबंधन मोहब्बत फैलाएगा।”
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मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “संविधान के उच्च पद पर बैठने वाले लोग कहते हैं कि मेरी जाति के कारण मेरा अपमान किया जा रहा है… अगर आपकी हालत यही है तो मेरे जैसे दलित की हालत क्या होगी? मैं जब सदन में बात करने के लिए उठता था तो उस समय मुझे बोलने का मौका नहीं दिया जाता था… तो मैं क्या कहूं कि ये भाजपा के लोग, भाजपा की सरकार एक दलित को बोलने नहीं दे रही है? क्या मैं ऐसा कहूं?”
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “दुनिया में लोकतंत्र के इतिहास में किसी भी देश में, 146 सांसदों को कभी निलंबित नहीं किया गया है। लोगों को पता होना चाहिए कि हमारा लोकतंत्र खतरे में है। इसलिए हम ये विरोध कर रहे हैं लोगों को यह बताने के लिए कि जो कुछ भी हो रहा है वह देश के भविष्य के लिए गलत है। इसका एक ही समाधान है, लोगों को इस सरकार को बदलना चाहिए और INDIA अलायंस को सत्ता में लाना चाहिए।”
NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘लोकतंत्र बचाने के लिए हम कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।’
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राजद सांसद मनोज झा ने कहा, “लोकतंत्र की हत्या हो गई है। अब लोकतंत्र को पुनर्जीवित करना है। वे(प्रधानमंत्री मोदी) विदेश जाते हैं तो सीना ठोककर बोलते हैं कि ‘लोकतंत्र की जननी’ से आया हूं, अब क्या सीना ठोकेंगे PM साहब?”
विपक्ष के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के प्रमुख घटनाक्रम ये हैं:
कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि संसद से विपक्षी सांसदों का निलंबन “भारत के लोकतंत्र पर धब्बा” है। उन्होंने कहा, “संसद के इतिहास में पहली बार, 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है और उन्होंने (सरकार ने) हमारी अनुपस्थिति में तीन आपराधिक कानून विधेयक पारित किए हैं। वे लोकतंत्र को महत्व नहीं देते हैं और यह देश के पक्ष में नहीं होगा।”
केरल में, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने तिरुवनंतपुरम में राजभवन के पास संसद से 146 सदस्यों के निलंबन के खिलाफ धरना दिया। कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा, “भारत में संसदीय लोकतंत्र समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। हमारी एकमात्र गलती यह है कि हम चाहते थे कि गृह मंत्री अमित शाह आएं और संसद में सुरक्षा उल्लंघन पर अपना बयान दें। इसके लिए, उन्होंने 146 सांसदों को निलंबित कर दिया है।”
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और अन्य कांग्रेस नेता हैदराबाद के इंदिरा पार्क में विरोध प्रदर्शन किया। कर्नाटक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और अन्य कांग्रेस नेता बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन किया।
संसद से विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश में अपने सभी जिला मुख्यालयों पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।
इससे पहले गुरुवार को निलंबित सांसदों ने विपक्षी सांसदों के सामूहिक निलंबन के विरोध में संसद भवन से दिल्ली के विजय चौक तक मार्च निकाला था। 4 दिसंबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र अपने तय समय से एक दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।