महाराष्ट्र के परभणी इलाके के उखलाद गांव में मॉब लिंचिंग की कथित घटना में लोगों के एक समूह द्वारा पिटाई के बाद एक नाबालिग लड़के की मौत हो गई। शनिवार को भीड़ ने चोरी के शक में मृतक और दो अन्य सिख लड़कों की पिटाई कर दी थी। भीड़ को लड़कों पर बकरियां चुराने का शक था। घायलों में से एक लड़के ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। तीनों की पहचान कृपाणसिंह भोंड, गोरासिंह टाक और अरुणसिंह टाक के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि तीनों बाइक से जा रहे थे।
परभणी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रागसुधा आर ने कहा कि पुलिस ने कथित मॉब लिंचिंग की घटना में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच अकरम पटेल को भी गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों ने कहा कि घटना का एक वीडियो प्राप्त किया गया है और वे वर्तमान में हमले में शामिल व्यक्तियों की पहचान करने पर काम कर रहे हैं। आगे की जांच जारी है।
Tragic incident in Parbhani, Maharashtra as 4 Sikh youngsters were lynched by a mob. Kirpal Singh (14) lost his life, while Avtar Singh (16) & Arun Singh (15) are seriously injured. Mob led by Akram Patel attacked them while they searched for their lost pigs.
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पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के गुरुद्वारों का प्रबंधन करने वाली संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “जघन्य अपराध मानवता पर एक धब्बा बताया है और कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को “सभी दोषियों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें सख्त सजा दी जाए।”
इस घटना को लेकर अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र में तीन सिख नाबालिगों की अमानवीय और क्रूर लिंचिंग से पूरा समुदाय स्तब्ध है। पहले से ही पीड़ित सिख समुदाय के खिलाफ जघन्य और अक्षम्य आक्रोश है।’ उन्होंने महाराष्ट्र सीएम ऑफिस, डीजीपी और राज्यपाल को टैग करते हुए लिखा, ‘दोषियों को सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए।’
बता दें कि इससे पहले इसी साल मार्च में हुई ऐसी ही एक घटना में बिहार के सारण जिले में एक 56 वर्षीय व्यक्ति को गोमांस ले जाने के संदेह में कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला गया था। हालांकि पुलिस ने उसके पास से बीफ बरामद होने की पुष्टि नहीं की है। पीड़ित की पहचान नसीम कुरैशी के रूप में हुई थी, जो सीवान जिले के हसनपुर गांव का रहने वाला था। यह घटना 10 मार्च को हुई जब थी नसीम और उसका भतीजा फिरोज कुरैशी सारण जिले के जोगिया गांव में अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहे थे। दोनों को जोगिया गांव में एक भीड़ ने कथित तौर पर इस संदेह पर रोक लिया कि वे एक बैग में गोमांस ले जा रहे हैं। जहां फिरोज भागने में सफल रहा, वहीं नसीम को कथित तौर पर भीड़ ने पीटा और बाद में स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने कहा कि उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।