गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के केंद्रीय सूचना आयोग के एक आदेश को खारिज करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर नए सवाल खड़े किए हैं।
केजरीवाल ने कहा कि, ‘गुजरात हाई कोर्ट का आर्डर आया कि प्रधानमंत्री की डिग्री की जानकारी नहीं ले सकते। आज़ाद भारत में जानकारी लेना तो हर नागरिक का अधिकार है। कम पढ़ा-लिखा होना गुनाह नहीं है। आज युवा रोज़गार चाहता है, महंगाई से छुटकारा चाहता है। ऐसे में देश का प्रधानमंत्री पढ़ा-लिखा होना चाहिए’।
उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर लोगों का संशय और बढ़ गया है। प्रधानमंत्री की डिग्री क्यों नहीं दिखाई जा रही है। पूरे देश के सामने यह प्रश्न है. 21वीं सदी के भारत के सामने यह सवाल है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “PM मोदी के बयान देश को विचलित करते हैं- उनका कहना था कि, “नाली के गैस से चाय बन सकती है। बारिश हवाई जहाज को रडार नहीं पकड़ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग नाम की कोई चीज़ नहीं है। कनाडा में a+b x () square कहने की कोशिश कर रहे थे। पढ़ा-लिखा आदमी ऐसी बात नहीं करेगा। एयरफोर्स, वैज्ञानिक, बच्चों ने जब ये बयान सुने तो उन्हें अटपटा लगा जबकि यह हकीकत है। वहां बच्चे हंस रहे थे। ऐसे में संदेह होता है कि क्या प्रधानमंत्री पढ़े लिखे हैं।”
केजरीवाल ने कहा, “गुजरात हाईकोर्ट के आर्डर ने प्रधानमंत्री जी की शिक्षा को लेकर संशय बढ़ा दिया है। PM डिग्री क्यों नहीं दे रहे? उनको या तो अहंकार है या उनकी डिग्री फेक है। गुजरात यूनिवर्सिटी-दिल्ली यूनिवर्सिटी को डिग्री दिखाते हुए गर्व होना चाहिए था कि उनका लड़का प्रधानमंत्री बना है। देश के लोग पीएम की शिक्षा के बारे में जानकारी नहीं ले सकते, इससे देश स्तब्ध है। लोकतंत्र में जानकारी मांगने की आजादी होनी चाहिए। किसी का भी अनपढ़ होना कोई गुनाह या पाप नहीं है। देश में गरीबी की वजह से बहुत लोगों को शिक्षा नही मिल पाती। मैंने ये जानकारी क्यों मांगी? 75 सालों में देश उस तरह तरक्की नहीं कर पाया, जैसे करनी थी। देश तेजी से तरक्की करना चाहता है।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को एक ही दिन में सैकड़ों फैसले लेने होते हैं। अगर वे पढ़े नहीं होंगे तो अधिकारी उनसे कहीं भी दस्तखत करा लेंगे। जैसे नोटबंदी हुई, जीएसटी लागू हुआ, इनसे अर्थव्यस्था का बेड़ा गर्क हुआ। कृषि कानून ऐसे ही लाए गए। पिछले कुछ साल में साठ हजार स्कूल बंद कर दिए गए। यानी शिक्षा को तवज्जो नहीं दी जा रही है। अनपढ़ देश कैसे तरक्की करेगा?
बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 2016 के आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें गुजरात यूनिवर्सिटी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को “पीएम नरेंद्र दामोदर मोदी के नाम पर डिग्री के बारे में जानकारी” प्रदान करने का निर्देश दिया गया था। न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था और उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य कानून आयोग सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) में राशि जमा करने के लिए कहा था।