उत्तर प्रदेश बहुत जल्द अपना पहला जिला सुशासन सूचकांक (डीजीजीआई) जारी करेगा, जिसमें सभी 75 जिलों को लगभग एक दर्जन प्रमुख सरकारी क्षेत्रों में उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग दी जाएगी। ये व्यवस्था बेहतर नागरिक केंद्रित प्रशासन और शासन को प्रोत्साहित करने के लिए उनके बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू करने के लिए जिलों के मजबूत और कमजोर बिंदुओं की पहचान करने के लक्ष्य पर केंद्रित होगा।
इसके बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (आईआईपीए) उस रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रहा है, जिसमें संबंधित सरकारी विभागों से वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए प्राप्त प्रासंगिक आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था।
एक अधिकारी ने कहा, “दो सप्ताह पहले मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि बैठक में सुझाए गए कुछ और बदलावों को शामिल करने के बाद यूपी के पहले डीजीजीआई को जल्द से जल्द रिलीज़ किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा- “ये रिपोर्ट राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से जारी किए जाने की संभावना है, जिनके निर्देश पर यू.पी. DGGI इसे तैयार कर रहा है”।
अधिकारी ने बताया कि, “जम्मू और कश्मीर देश का पहला राज्य (UT) है जिसके पास सुशासन सूचकांक है जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनवरी, 2023 में 20 जिलों के लिए DGGI जारी किया था”।
केंद्र द्वारा राज्यों के लिए सुशासन सूचकांक (GGI) पहले ही जारी किया जा चुका है। अब, केंद्र सरकार ने राज्यों से प्रशासनिक, आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरण, न्यायिक और अन्य मानदंडों को शामिल करते हुए एक समान व्यापक जिला सुशासन सूचकांक विकसित करने को कहा है।
लगभग 60 प्रदर्शन मापदंडों के आधार पर जिलों की रैंकिंग के लिए आईआईपीए और लोक प्रशासनिक सुधार विभाग ने संयुक्त रूप से एक दर्जन क्षेत्रों की पहचान की है जिसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र, उद्योग, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक बुनियादी ढाँचा और विकास, सार्वजनिक सुरक्षा, न्यायपालिका और वित्तीय समावेशन शामिल हैं।
प्रत्येक क्षेत्र को आंके जाने के लिए अलग-अलग मानदंड होंगे। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पैरामीटर होगा जैसे- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का संचालन, पीएचसी में डॉक्टरों की उपलब्धता, मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), प्रति 1000 जनसंख्या पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या इत्यादि।
अधिकारी ने कहा, “डीजीजीआई को बड़े पैमाने पर गुड गवर्नेंस इंडेक्स, 2022 पर क्षेत्रीय विषमताओं और आवश्यकताओं के कारण कुछ संशोधनों के साथ तैयार किया जाएगा।”