गुरुवार को पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में मतगणना हुई। त्रिपुरा और नागालैंड में बीजेपी गठबंधन की सरकार बन रही है। दोनों ही राज्यों में बीजेपी+ को बहुमत हासिल हो चुका है। त्रिपुरा में जहां बीजेपी-आईपीएफटी का सत्ता पर काबिज होना तय है तो वहीं नागालैंड में भी एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन सत्ता में बैठने को तैयार है। हालांकि मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा है जहां पर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।
त्रिपुरा में बीजेपी गठबंधन को 33 सीटें मिली हैं। सत्ता में बीजेपी की वापसी हुई है। नागालैंड में भी NDPP और बीजेपी गठबंधन को जीत मिली है। 59 में से 37 सीटों पर गठबंधन की जीत हुई है और सत्ता में वापसी हुई है। मेघालय में NPP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और उसे 26 सीटें मिलती दिख रही हैं। मेघालय में सरकार के लिए बाकी दलों से समर्थन चाहिए होगा।
नागालैंड और त्रिपुरा में बीजेपी की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागालैंड, त्रिपुरा और मेघालय के लोगों का आभार जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी तीनों राज्यों के विकास के लिए काम करती रहेगी।
बीजेपी, वाम-कांग्रेस गठबंधन और टिपरा मोथा की चुनौती को विफल करके त्रिपुरा में सत्ता बरकरार रखने में सफल रही है। 13 सीटें जीतने के बावजूद, टिपरा मोथा किंगमेकर की भूमिका नहीं निभा पाएगी क्योंकि वाम-कांग्रेस गठबंधन, जो सिर्फ 14 सीटें जीतने में कामयाब रहा, ने ही ये सुनिश्चित कर दिया है कि बीजेपी प्रदेश में अपने दम पर सत्ता में आए।
नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और बीजेपी का गठबंधन 35 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर चुनावी कसौटी पर खरा उतरने में सफल रहा है। नागालैंड में पिछली बार कोई विपक्ष नहीं होने की अनूठी विशेषता थी क्योंकि 60 सदस्यीय विधानसभा में सभी दलों ने राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन किया था। एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने फिर से 40:20 फॉर्मूले (एनडीपीपी के लिए 40 सीटें और बीजेपी के लिए 20 सीटें) के साथ चुनाव लड़ा है।
बीजेपी ने पहली बार मेघालय की सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह 59 में से सिर्फ तीन सीटों पर जीत दर्ज कर सकी। एक सीट पर एक प्रत्याशी के निधन के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया। पिछली सरकार में बीजेपी राज्य सरकार में भागीदार थी लेकिन बीजेपी ने चुनाव से पहले सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था।
त्रिशंकु विधानसभा की वजह से सीएम संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। उनकी तरफ से सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने संकेत दिया था कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में दोनों पार्टियां फिर से साथ आ सकती हैं।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा है कि हमारे सभी विधायक शिलॉन्ग पहुंच रहे हैं। उनसे बात करके और सभी पहलुओं पर चर्चा करके आगे का फैसले लेंगे। हमारी बातचीत अलग-अलग पार्टियों से हो रही है। एक-दो दिन में सब क्लियर हो जाएगा। वैचारिक तौर पर लड़ाई थी इसीलिए चुनाव भाजपा से अलग लड़ा। जनता ने फ्रैक्चर्ड मैंडेट दिया है इसीलिए स्टेबल सरकार के लिए एडजस्टमेंट करना पड़ेगा।
विधानसभा चुनावों के रिजल्ट के साथ साथ आज 5 राज्यों के उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। महाराष्ट्र की कस्बा पेठ सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर बीजेपी 27 साल के बाद हारी है। कांग्रेस पार्टी तमिलनाडु मंं भी जीत दर्ज करने में कामयाब रही। पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत दर्ज की है। 5 राज्यों की छह सीटों पर हुए उपचुनाव में तीन राज्यों में कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। महाराष्ट्र की कस्बा पेठ, चिंचवाड़, बंगाल की सागरदिघी, झारखंड के रायगढ़, तमिलनाडु की इरोड, अरुणाचल प्रदेश की लुमला सीट पर उपचुनाव हुए थे। इन पांच राज्यों की छह सीटों पर हुए उपचुनाव में सबसे बड़ा झटका बीजेपी को लगा तो वहीं कांग्रेस बड़े फायदे में रही है। अरुणाचल प्रदेश की लुमला सीट पर उपचुनाव बीजेपी के विधायक जंबे ताशी के निधन की वजह से हुआ है। जंबे ताशी के खिलाफ कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं थे और ऐसे में उन्होंने निर्विरोध जीत दर्ज की है। वहीं, झारखंड की रायगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की तरफ से आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने जीत दर्ज कर ली है।