बीते दिनों जिन दो लोगों के शव हरियाणा के भिवानी में एक जली हुई बोलेरो गाड़ी में मिले थे, उन्हें 20 घंटे तक इधर-उधर घुमाया गया और रास्ते में कहीं मार दिया गया। ये जानकारी सूत्रों ने दी है। ये संभव है कि इस पूरी घटना में शामिल गोरक्षकों के दो समूहों में से एक ने उनकी हत्या कर दी हो। राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले जुनैद और नासिर का 15 फरवरी को अपहरण कर लिया गया था। उनके शव दो दिन बाद मिले थे।
जुनैद पर आरोप लगाए गए थे कि वो पशु तस्करी में शामिल था। हरियाणा पुलिस ने कहा कि उसके खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं।
सूत्रों ने कहा कि गौ रक्षकों के दो अलग-अलग समूह इन दो युवकों की हत्या में शामिल हैं। पहले समूह ने जुनैद और नासिर का अपहरण कर लिया और फिर उन्हें पीटा। उसके बाद ये समूह उन्हें गिरफ्तार करने की मांग करते हुए हरियाणा पुलिस के पास ले गया लेकिन युवकों को बुरी तरह घायल देखकर पुलिस ने मना कर दिया।
इसके बाद दूसरे गुट ने इन दोनों की कमान संभाली। दुसरे ग्रुप ने इन्हें गाड़ी में बिठाकर करीब 20 घंटों तक हरियाणा के चार जिलों से होते हुए 200 किमी की दूरी तय की। सूत्रों ने कहा कि दुसरे ग्रुप के लोग वही थे जिन्होंने शायद दोनों युवकों की हत्या की थी और शवों को ठिकाने लगाने के लिए जगह की तलाश कर रहे थे। आखिरकार वे गाड़ी चलते हुए जींद और झज्जर के रास्ते भिवानी पहुंचे। 16 फरवरी की रात इन लोगों ने बोलेरो कार में शव डालकर और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।
इस मामले में मृत युवकों के परिवारजनों ने दक्षिणपंथी समूह बजरंग दल की संलिप्तता का आरोप लगाया है। जबकि राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिक रिपोर्ट में नौ लोगों का नाम है और उनमें से केवल एक टैक्सी चालक को गिरफ्तार किया गया है।
राजस्थान पुलिस ने एक बयान में कहा कि 32 वर्षीय रिंकू सैनी हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका का रहने वाला है। पूछताछ व अन्य साक्ष्यों के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि वह एक गौरक्षक समूह से जुड़ा हुआ है।
एफआईआर में नामजद एक अन्य व्यक्ति मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर है जो भिवानी में बजरंग दल का सदस्य है। बजरंग दल के सदस्यों ने उस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने का विरोध किया है। मोनू फिलहाल फरार है। एक ग्राम परिषद ने घोषणा की है कि उसे सबूत के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और चेतावनी दी है कि बिना अनुमति के उनके घर जाने वाली कोई भी पुलिस टीम “जिंदा वापस नहीं जाएगी”।
मोनू मानेसर उन तीन लोगों में से एक है जिनका नाम प्राथमिकी में दर्ज है। मोनू ने पशु तस्करी पर नकेल कसने के लिए हरियाणा पुलिस के मुखबिर के रूप में काम किया था। अन्य दो के नाम हैं रिंकू सैनी और लोकेश सिंगला। इन तीनों के खिलाफ अन्य मामलों में दर्ज एफआईआर से पता चला है कि वे पशु तस्करों पर छापेमारी के दौरान हरियाणा पुलिस की टीमों के साथ जाते थे।
बता दें कि प्राथमिकी में नामजद लोगों में से एक श्रीकांत पंडित के परिवार ने दावा किया कि राजस्थान पुलिस ने उनके घर पर छापेमारी के दौरान उनकी गर्भवती बहू को लात मारी थी जिसकी वजह से गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई। इस मामले में राजस्थान पुलिस के करीब 45 जवानों के खिलाफ हरियाणा में मामला दर्ज किया गया है। वहीं राजस्थान पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है। ये मामला दो राज्यों (राजस्थान और हरियाणा) की पुलिस के बीच एक फ्लैश प्वाइंट बन गया है।