बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जेएनयू, जामिया के बाद अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल हुआ है। दिल्ली पुलिस ने पहले प्रदर्शन कर रहे NSUI के छात्रों और सदस्यों को हिरासत में लिया और फिर भीम आर्मी के छात्रसंघ के कुछ सदस्यों को भी हिरासत में लिया। दिल्ली पुलिस ने कुल 24 लोगों को हिरासत में लिया। NSUI की तरफ से फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के एलान के बाद धारा 144 लगाई गई है। दिल्ली के अंबेडकर यूनिवर्सिटी में भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अंबेडकर यूनिवर्सिटी की पावर सप्लाई ही बंद कर दी है।
एक अधिकारी ने कहा कि डीयू कैंपस में दिसंबर में धारा 144 लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या को रोकने के लिए 28 फरवरी तक धारा 144 लगाई गई है।
#WATCH | A fresh commotion breaks out outside Faculty of Arts at University of Delhi as Police detain a few members of the students' wing of Bhim Army.
Sec 144 CrPC imposed outside the Faculty. NSUI-KSU has given a call for screening of BBC documentary on PM Modi, at the Faculty pic.twitter.com/dUHuWlM8v8
— ANI (@ANI) January 27, 2023
#WATCH | Students & members of NSUI protesting outside the Faculty of Arts at the University of Delhi, being detained by the Police
Provisions u/s 144 CrPC are imposed outside the Faculty,in wake of a call by NSUI-KSU for screening of a BBC documentary on PM Modi, at the Faculty pic.twitter.com/EYWjubCSfy
— ANI (@ANI) January 27, 2023
AISA ने घोषणा की कि वह JNU और जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई घटनाओं की निंदा करता है और अगले सप्ताह की शुरुआत में विरोध प्रदर्शन करेगा। AISA दिल्ली ने ट्वीट किया- अंबेडकर यूनिवर्सिटी के अंदर पुलिस क्यों बुलाई गई है? AUD के छात्र जेएनयू और जामिया के छात्रों पर एबीवीपी की हिंसा और पुलिस दमन के खिलाफ एकजुटता व्यक्त करना चाहते हैं। कैंपस के अंदर पुलिस की उपस्थिति क्यों होनी चाहिए?
डीसीपी नार्थ सागर सिंह कलसी ने कहा कि हम दिल्ली यूनिवर्सिटी में आर्ट फैकल्टी गेट के बाहर खड़े हैं। यहां ट्रैफिक भी चल रहा है, सब नार्मल है। यहां बीबीसी डॉक्यूमेंट्री चलाने की कोशिश करने के लिए कुछ लोग आये थे, उनको कई बार मना किया गया, समझाया गया, लेकिन वो नहीं माने तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उसके बाद उन्होंने अंदर स्क्रीनिंग करने की कोशिश की। हमें कहा गया था अंदर स्थिति खराब हो सकती है इसलिए अंदर भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, अभी सब नार्मल है।
Delhi | We are standing outside the Arts Faculty gate at DU. Situation is normal. Around 4pm, 20-25 people came here to screen a banned BBC documentary. They were told to go back as it's banned. When they didn't, they were detained & situation became normal: SS Kalsi, DCP North pic.twitter.com/Hiikklgl5t
— ANI (@ANI) January 27, 2023
Some students went inside&perhaps attempted (to screen it) but failed. Later, a few more people gathered & Police handled the law & order situation outside well. Right now, aT 6 pm, the situation is normal everywhere. The students who went inside have also left: Sagar Singh Kalsi pic.twitter.com/fR5Nw2tjKp
— ANI (@ANI) January 27, 2023
दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोक्टर रजनी अब्बी ने बताया कि पुलिस इस मामले में जो सही लगेगा वह करेगी। उन्होंने कहा, ‘हमसे किसी तरह की परमीशन नहीं ली गई है और न ही कोई परमीशन दी गई है। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनके आई कार्ड चेक किए जाएंगे। इसके बाद यह देखा जाएगा कि क्या वह डीयू के छात्र हैं। अगर वह बाहर से हैं तो पुलिस वैधानिक कार्रवाई करेगी और अगर वह डीयू के छात्र हैं तो उनके खिलाफ भी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।’
Delhi | Whatever the course the Police have to take, they will take it. No permission had ever been sought from us, no permission was given: Rajni Abbi, Delhi University proctor on protest & detentions outside Faculty of Arts in DU over screening of BBC documentary on PM Modi pic.twitter.com/MtFy55Snjt
— ANI (@ANI) January 27, 2023
I-cards of those who were detained will be checked, it'll be determined if they are DU students. If they are from outside Police will take action & if they're from DU, appropriate action will be taken against them: Rajni Abbi, Delhi University proctor pic.twitter.com/hrMpacDnv9
— ANI (@ANI) January 27, 2023
शुक्रवार को कोलकाता में प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई। यहां पहले बिजली काट दी गई थी लेकिन बाद में सप्लाई चालू की गई। अचानक बिजली कटौती की वजह से स्क्रीनिंग बंद हो गई थी जिसके बाद छात्र विश्वविद्यालय के डीन के कार्यालय के बाहर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। यहां करीब 50 छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री देखी। कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में भी छात्र संघ आइसा ने स्क्रीनिंग रखी। डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए करीब 100 छात्र और कुछ शिक्षक एकत्रित हुए।
मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर छात्रों को एडवाइजरी जारी की है। छात्रों को स्क्रीनिंग नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई है।
मालूम हो कि इससे पहले गुरुवार को केरल में कांग्रेस ने इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी लेकिन इस दौरान बीजेपी के कार्यकर्ता पहुंच गए और जमकर बवाल हुआ। इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। तमिलनाडु की मद्रास यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने हंगामा खड़ा कर दिया और डॉक्यूमेंट्री को देखने की परमीशन मांगी। चेन्नई निगम पार्षद ए प्रियदर्शिनी को गुरुवार को ही अपने फोन पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री देखने के बाद हिरासत में लिया गया था। गुरुवार को ही दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया।