बीजेपी नेता उमा भारती क्या अपनी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं? अब ये सवाल हर किसी के जहन में आने लगा है और ऐसा इसलिए हैं क्योंकि एक के बाद एक विवादित बयान देकर उमा भारती ने अपनी ही पार्टी की मुश्किल बढ़ा रखी है। गुरुवार को उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि उन्हें ‘इधर-उधर देखना’ चाहिए और यह तय करना चाहिए कि किस पार्टी को वोट देना है और फिर अगले ही दिन यानी शुक्रवार को एक और बड़ा बयान दे दिया है।
उनका ताजा बयान ये है कि, “भगवान राम और हनुमानजी की भक्ति पर BJP का कॉपीराइट नहीं है, भगवान राम का भक्त कोई भी हो सकता है”।
राम और हनुमान पर BJP का कॉपीराइट नहीं हो सकता, भाजपा नेत्री Uma Bharti का बयान pic.twitter.com/Svf5cP3WlQ
— HIMANSHU BHAKUNI 🇮🇳 (@himmi100) December 30, 2022
दरअसल, बीजेपी नेता उमा भारती शुक्रवार को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा पहुंची थी। वहां पर पत्रकारों ने उनसे पूर्व सीएम कमलनाथ के द्वारा सिमरिया में बनाए गए हनुमान मंदिर को लेकर सवाल पूछा। उसी सवाल का जवाब देते हुए उमा भारती ने कहा कि, “भगवान राम और हनुमान भक्ति भाजपा का कॉपीराइट नहीं है, भगवान राम का भक्त कोई भी हो सकता है। भगवान राम और हनुमान BJP के कार्यकर्ता नहीं हैं। जब BJP का अस्तित्व नहीं था, जब मुगल शासन था, अंग्रेजों का शासन था, तब भी भगवान राम और हनुमान थे”। उन्होंने अयोध्या आंदोलन को भी याद किया और कहा कि राम मन्दिर निर्माण के लिए तो कांग्रेस के लोगों ने भी चंदा दिया था। हनुमान भक्त कोई भी हो सकता है।
उमा भारती शराबबंदी की मांग को लेकर लगातार ही शिवराज सिंह चौहान सरकार को घेर रही हैं। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कुछ महीने पहले ही बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर बीजेपी शासित राज्यों में एक जैसी आबकारी नीति लागू करने की मांग की थी। उमा भर्ती मध्य प्रदेश की आबकारी नीति की खुली आलोचना करती रही हैं। उमा भारती राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और वहां पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। कहा जाता है कि उमा भारती कथित तौर पर किनारे किए जाने से पार्टी आलाकमान से नाराज़ हैं।
बीजेपी नेता उमा भारती ने अपने पार्टी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विवादित बयान का समर्थन किया कि हिंदुओं को घर में हथियार रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “यहां तक कि भगवान राम ने भी वनवास के दौरान हथियार नहीं छोड़ने का संकल्प लिया था।” उन्होंने कहा कि हथियार रखना गलत नहीं है, लेकिन हिंसक विचार रखना गलत है।