विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में UNSC ब्रीफिंग में एक बार फिर चीन और पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। बगैर किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने के लिए सबूत सहित प्रस्तावों को पर्याप्त कारण बताए बिना रोक दिया जाता है। विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा कि आतंकवाद का समकालीन केंद्र बहुत जीवंत और सक्रिय बना हुआ है। UNSC की बैठक में उन्होंने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक खतरा है. यह कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं जानता।
But somewhere in all this, we cannot forget that old habits and established networks are still alive, especially in South Asia. The contemporary epicenter of terrorism remains very much alive and active, whatever gloss may be applied to minimize unpleasant realities: EAM pic.twitter.com/NvZtV4HW41
— ANI (@ANI) December 15, 2022
विदेश मंत्री ने कहा कि आज की ब्रीफिंग UNSC में आतंकवाद विरोधी एजेंडे को फिर से जीवंत करने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है। आतंकवाद का खतरा और अधिक गंभीर हो गया है। हमने अल-कायदा, दाएश, बोको हराम और अल शबाब और उनके सहयोगियों का विस्तार देखा है। स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर ‘लोन वुल्फ’ हमले हैं जो ऑनलाइन कट्टरता और पूर्वाग्रहों से प्रेरित हैं।
We have seen the expansion of Al-Qaida, Da’esh, Boko Haram and Al Shabab and their affiliates. At the other end of the spectrum are ‘lone wolf’attacks inspired by online radicalization and biases: EAM Dr S Jaishankar at UNSC
— ANI (@ANI) December 15, 2022
इस बैठक के दौरान UNSC के सदस्यों ने आतंकवाद के पीड़ितों को सम्मान देने के लिए एक मिनट का मौन रखा और ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले शांति सैनिकों को सम्मानित किया। जयशंकर ने कहा कि हम फिर से न्यूयॉर्क के 9/11 या मुंबई के 26/11 को दोहराने नहीं दे सकते।
We cannot let another '9/11 of New York' or '26/11of Mumbai' happen again: EAM Dr S Jaishankar during UNSC briefing on 'Threats to international peace & security caused by terrorist acts: Global counter-terrorism approach – principles & the way forward' pic.twitter.com/5BGvRrRU2c
— ANI (@ANI) December 15, 2022
विदेश मंत्री ने बैठक में कहा कि हम यह नहीं भूल सकते कि पुरानी आदतें और स्थापित नेटवर्क आज भी जीवित हैं, खासकर दक्षिण एशिया में। अप्रिय वास्तविकताओं की चमक को कम करने के लिए चाहे जितनी बातें की जाएं, आतंकवाद का समकालीन केंद्र बहुत सक्रिय रहता है। उन्होंने बताया कि चार महत्पूर्ण चुनौतियां जिनसे काउंटर टेररिज्म आर्किटेक्चर जूझ रहा है, वो हैं- टेरर फाइनेंसिंग और स्टेट का दोष, काउंटर टेरर मल्टीलेटरल मैकेनिज्म और उनके काम करने के तरीकों की अखंडता और जवाबदेही सुनिश्चित करना, आतंकवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानकों का होना और आतंकवादियों द्वारा नई और उभरती हुई टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल शामिल है। उन्होंने कहा कि एक चुनौती यह है कि हम दोहरे मानकों से कैसे निपटें। बहुत लंबे समय के लिए कुछ लोग इस दृष्टिकोण को अपना रहे हैं कि आतंकवाद एक अन्य साधन या युक्ति है।
एस जयशंकर ने कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जब आतंकवाद से निपटने की बात आती है, तो हमें अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करना चाहिए और शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को प्रकट करना चाहिए।
UNSC के इस सेशन में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों की सर्वाइवर और कामा एंड एल्बलेस अस्पताल में नर्सिंग अधिकारी अंजलि वी. कुलथे भी जुड़ीं थी। उन्होंने कहा कि, “मैं भाग्यशाली हूं कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में बच गई। मैं आतंकी हमलों के पीड़ितों के परिवारों द्वारा सहे गए आघात और दुख की आवाज UNSC के संज्ञान में लाना चाहती हूं”। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि, मैं मुंबई 26/11 आतंकी हमले की बहादुर सर्वाइवर नर्स अंजलि कुलथे को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमारे साथ अपनी यादें साझा की हैं।
बता दें कि विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे: वैश्विक आतंकवाद-विरोधी दृष्टिकोण – सिद्धांत और रास्ता’ पर UNSC ब्रीफिंग की अध्यक्षता कर रहे थे। भारत दिसंबर 2022 के महीने के लिए UNSC की अध्यक्षता कर रहा है।