संसद के शीतकालीन सत्र में भारत-चीन विवाद और अन्य मुद्दों पर संयुक्त रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार सुबह अपने कक्ष में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। इस बैठक में डीएमके, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, जेडीयू समेत करीब 17 दलों के नेता मौजूद रहे। इस बैठक में विपक्षी दल संसद के दोनों सदनों में चीन विवाद पर सरकार को घेरने की स्ट्रैटजी बनाई गई। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कुछ विपक्षी दलों ने भारत-चीन तनाव और चीन से आयात बढ़ने जैसे कुछ मुद्दों को प्रमुखता से उठाने और सरकार से जवाब मांगने की पैरवी की।
#ParliamentWinterSession | Opposition leaders' meeting underway at the chamber of Leader of Opposition in Rajya Sabha, Mallikarjun Kharge, to chalk out a joint strategy on the Indo-China tussle and other issues.
(Pics source: Mallikarjun Kharge's office) pic.twitter.com/KSo6iuC7Fi
— ANI (@ANI) December 14, 2022
मीटिंग में कांग्रेस, डीएमके, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, जेडीयू, वीसीके, मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस, एआईडीयूएफ, एनसीपी, एमडीएमके, आरएलडी के नेता शामिल हुए।
दरअसल, विपक्ष चीन से टकराव के मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा चाहता है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी समेत कई नेताओं ने इस मुद्दे पर बुधवार को लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी ‘चीन के साथ चल रहे सीमा संघर्ष के बावजूद, चीनी आयात पर भारत की निर्भरता क्यों बढ़ी है’ विषय पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।
बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में तवांग झड़प का मामला उठाया। खड़गे ने कहा कि हमने कल और आज भी प्रस्ताव दिया था कि हम चीनी घुसपैठ पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी बहुत सी जानकारी हैं जो रक्षा मंत्री ने हमें नहीं दीं। चीन सीमा पर सीमा पर पुल और मकान बन रहे हैं। सदन में नेता विपक्ष को रोकने के बाद विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया। उसके बाद चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया। विपक्ष का कहना था कि सरकार हमें और देश को सवालों के जवाब दे।
लोकसभा में भी चीन पर चर्चा से इनकार किए जाने के बाद कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया। सोनिया गांधी से लेकर अधीर रंजन चौधरी बाहर निकले. इसके अलावा टीएमसी सांसदों ने भी वॉकआउट किया।
#ParliamentWinterSession | Congress MPs stage a walkout from Lok Sabha after being denied discussion on China. Adhir Ranjan Chowdhury and Sonia Gandhi lead the walk out.
— ANI (@ANI) December 14, 2022
लोकसभा में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद, विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 1962 में जब भारत-चीन के बीच जंग हुई थी, तो जवाहर लाल नेहरू ने सदन में बैठते हुए, 165 एमपी को बोलने का मौका दिया था और ये निर्णय लिया गया था कि आगे क्या करना चाहिए, लेकिन यहां चर्चा नहीं की जा रही है। इसपर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि इसपर बिज़नेस एडवाइज़री कमेटी में निर्णय लिया जाएगा।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि भारत और चीन के बीच अप्रैल 2020 से जो तनाव चल रहा है उस पर संसद में एक बार भी चर्चा नहीं हुई है। हमारे जांबाज सिपाही चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं मगर चीन सरहद पर क्यों तनाव बढ़ा रहा है, इस पर संसद में व्यापक चर्चा की जरूरत है।
मालूम हो कि मंगलवार को भी राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीन के आक्रमक रवैये को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सरकार मूकदर्शक बनकर रह गई है। उसकी तरफ से लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी की जा रही है।