बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमे दोनों सदनों में सुचारू रूप से कामकाज चलाने में विपक्ष का सहयोग मांगा गया। बैठक में रक्षा मंत्री व बीजेपी सांसद राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन समेत अन्य कई दलों के नेता शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
Delhi | All-party meeting is underway at the Parliament ahead of the Winter Session of Parliament which begins tomorrow.
Defence Minister and BJP MP Rajnath Singh, Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi, TMC MP Derek O'Brien and others attend the meeting pic.twitter.com/jY6RDwGIU8
— ANI (@ANI) December 6, 2022
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। कांग्रेस ने सरकार से कहा कि बिना किसी उचित परामर्श के चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के पीछे क्या वजह है, इस बारे में बताया जाए।
मालूम हो कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए थे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह प्रकाश की गति से किया गया काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह पद मई से खाली था लेकिन सरकार ने इतने महीने तक पद खाली रहने के बाद अचानक ही 24 घंटे में इस पर नियुक्ति कर दी।
रिपोर्ट के मुताबिक़, केंद्र सरकार की योजना शीत सत्र के दौरान 16 विधेयक पेश करने की है। महंगाई, बेरोजगारी और चीन-भारत सीमा पर हालात को भी विपक्षी दलों ने सर्वदलीय बैठक के दौरान उठाया और संसद में चर्चा की मांग की।
कांग्रेस की ओर से ईडब्ल्यूएस आरक्षण और बेरोजगारी के मुद्दे को भी उठाया गया। कांग्रेस की ओर से लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में व्हिप नसीर हुसैन सर्वदलीय बैठक में मौजूद रहे।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से लोकसभा में सदन के नेता सुदीप बंदोपाध्याय और राज्यसभा में सदन के नेता डेरेक ओ ब्रायन मौजूद रहे। दोनों ही नेताओं ने राज्यों के लंबित बकाया के मुद्दे को उठाया।
सर्वदलीय बैठक में टीएमसी सांसद डेरेक ने कहा, ‘एजेंसियों के दुरुपयोग, आर्थिक मंदी, महंगाई, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को टीएमसी इस सत्र में मुद्दा उठाएगी।’ डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आर्थिक नाकेबंदी के जरिए राज्यों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हिंदुस्तान में मुद्दा ही मुद्दा है. बेरोजगारी, महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा, ज्यूडिशियरी के साथ सरकार का टकराव मुद्दा होगा। भारत चाइना बॉर्डर पर स्थिति क्या है ये मुद्दा होगा, सरकार को इस पर बहस करना चाहिए, कश्मीर में पंडितों पर जुल्म हो रहे हैं, वो वहां से भाग रहे हैं। ये मुद्दा हम उठाएंगे। किसान के एमएसपी का मुद्दा उठाएंगे। संघीय ढांचे पर प्रहार हो रहा है।’
सरकार ने बैठक में आश्वस्त किया कि वह लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की अनुमति से नियमों के तहत विपक्ष के उठाये मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है।
बैठक ख़त्म होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘आज हुई सर्वदलीय बैठक में 47 में से 31 पार्टियों ने हिस्सा लिया। विपक्ष की ओर से कुछ सुझाव आए हैं और हमने उन्हें नोट कर लिया है। मैं इस आरोप की निंदा करता हूं कि हम क्रिसमस की उपेक्षा कर रहे हैं। 24 और 25 दिसंबर को अवकाश रहेगा।’
31 out of 47 parties took part in the all-party meeting held today. Some suggestions have come from the Opposition and we have noted them. I condemn the allegation that we are ignoring Christmas. There will be a holiday on December 24 & 25: Parliamentary Affairs Minister P Joshi https://t.co/MzH3lMJYSg pic.twitter.com/rqsXxWLq2H
— ANI (@ANI) December 6, 2022
सूत्रों के अनुसार, बैठक में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, संवैधानिक पदों से जुड़े मुद्दे उठाने और पेश किये जाने वाले विधेयकों पर पर्याप्त चर्चा कराने की मांग की है।
इस सत्र में विपक्ष करेगा इन मुद्दों पर चर्चा, सर्वदलीय बैठक में तय –
– टीएमसी का मुद्दा – महंगाई, मेघालय-असम सीमा विवाद, आर्थिक मामलों में राज्यों की उपेक्षा, एजेंसियों का दुरुपयोग, आर्थिक मंदी, महंगाई, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति और बेरोजगारी।
– कांग्रेस – आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का मुद्दा, चुनाव आयोग के कामकाज, ईडब्ल्यूएस का मुद्दा, ज्यूडिशियरी के साथ सरकार का टकराव मुद्दा, भारत चाइना बॉर्डर पर स्थिति, कश्मीर में पंडितों पर जुल्म, किसान के एमएसपी का मुद्दा, संघीय ढांचे पर प्रहार, महंगाई और बेरोजगारी।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार पेश किए जाने वाले 16 विधेयकों की सूची-
a) ट्रेड मार्क (संशोधन) बिल, 2022
b) माल का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) बिल, 2022
c) बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022
d) छावनी विधेयक, 2022
e) पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, 2022
f) संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022
g) संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022
h) संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक, 2022
i) संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022
j) निरसन और संशोधन विधेयक, 2022
k) राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2022
l) नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल, 2022
m) वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2022
n) कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2022
o) उत्तर पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक, 2022
p) कलाक्षेत्र फाउंडेशन (संशोधन) विधेयक, 2022
जिन बिलों को पहले ही पेश किया जा चुका है और चर्चा और पारित होने के लिए लिया जाएगा, वो ये हैं-
a) एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी बिल, 2019
b) मध्यस्थता विधेयक, 2021
c) नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक, 2022
d) संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2022
e) जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021
f) वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021
g) ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022